सुसाइड पार्टनर्स - 8 Nirali Patel द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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सुसाइड पार्टनर्स - 8

अब तक आपने देखा कि अथर्व नित्या को अपना सुसाइड पार्टनर बनाने के लिए पूछता है और वो दोनों साथ में सुसाइड करने के लिए तैयार होते हैं पर अथर्व उस समय एक शर्त के बारे में बताता है, तो चलिए ये शर्त आखिर क्या है, वो जानते हैं।

आगे,,

अथर्व : पर एक शर्त है।

नित्या : कैसी शर्त??

अथर्व : ( हल्की सी स्माइल के साथ)मरने से पहले क्यू ना हम पूरी तरह जी ले, मतलब इस एक दिन में जितनी खुशियां , जितनी स्माईल्स बटोर सकते है ना, बस बटोर लेते है। अब क्या है ना की मरने तो वाले ही है, तो क्यू ना हसी-खुशी मरे।

नित्या : (स्माइल के साथ) सही कह रहे हो।

नित्या अपना हाथ आगे बढ़ाती है और बोलती है चलो फिर । अथर्व उसका हाथ कस के पकड़ लेता है , और दोनो वहा से सीधे कॉटन कैंडी की दुकान पर जाते है, क्युकी उन दोनों को ही कॉटन कैंडी बहुत पसंद है। अब वहा से चल कर वो दोनों एक चाचा की दुकान पर रुकते हैं, जहा वो चाचा तीखी भेल बना रहे होते है। तीखी भेल देखकर नित्या से रहा नही जाता और वो अथर्व को बोलती है।

नित्या : चलो तीखी भेल खाते हैं।

अथर्व : okay Madam.....

फिर वो दोनों एक-एक प्लेट भेल मंगाते है और खाने लगते हैं। पर भेल काफी तीखी होने की वजह से नित्या को खासी आने लगती है, तो अथर्व जल्दी जल्दी अपने बैग से पानी की बोतल निकाल कर उसे अपने हाथो से पानी पिलाता है।

दोनों एकदूसरे में यू ही खो जाते हैं। फिर दुकान वाले चाचा उन दोनों को ऐसे देख, मज़ाक में हसते हसते बोलते है बेटा प्लेट वापिस कर दो पहले...... चाचा की आवाज़ सुन कर वो दोनों होश में आते है और चाचा को प्लेट और पैसे दे कर वहा से चले जाते हैं।

फिर अथर्व और नित्या रास्ते में यू ही चलते चलते बाते करते करते जा रहे होते हैं तभी नित्या का पैर पत्थर से टकराता है और वो गिरने ही वाली होती है पर अथर्व एकदम से उसे कमर से पकड़ लेता है। वो दोनों फिर से एकदूसरे में खो जाते हैं।

थोड़ी देर बाद वो होश में आते हैं, और एक पेड़ के निचे बैठते हैं और आराम बाते करते है।

अथर्व : यार समझ नहीं आता कि हमे खुशियां तो यू छोटी-छोटी चीजों से मिल जाती है तो , ये दुःख का कारण हमेशा क्यू बड़ा ही होता है???

नित्या : तुम्हे पता है कि में जब दुःखी होती हु तो क्या करती हु?

अथर्व : नई.....

नित्या : चलो मेरे साथ।

अथर्व : पर कहा??

नित्या : अरे बाबा चलो तो .....

नित्या एक बलून सेलर के पास जाती है और ढेर सारे बलून ख़रीद ती है, और उसे यू ही आसमान में उड़ ने देती है। और खुशी से उछल पड़ती है। अथर्व उसे ऐसे हसते देख उसके चहेरे में खो सा जाता है। फिर नित्या और अथर्व वहा से चलते चलते आगे निकलते हैं , तभी रास्ते में एक पप्पी( कुत्ते का क्यूट सा बच्चा ) खड़ा होता है। नित्या जल्दी से जाकर उसको गोदी में उठा लेती है।

नित्य : कितना क्यूट है ना? बेचारा अकेला। इसको भूख लगी होगी ना, इसकी मम्मी कहा हैं? मेरे खयाल से कहीं आसपास ही होगी। चलो इसको इसकी मम्मी के पास छोड़कर आते हैं।

अथर्व : अरे..... पप्पी हैं , कहा ढूंढेंगे इसकी मम्मी को हम?? देखो हमारे पास टाइम-वाइम भी नई है और आज हमने प्लान नहीं किया ना तो वो प्लान कभी नहीं होने वाला। मैं तुमको पहले ही बता रहा हु।

नित्या : स..... इसे इसके घर पहुंचा के आ रहे है , बस....…।मुझे कुछ नहीं पता।

अथर्व : (गुस्से से)अरे ..... घर?? यार तुम..... यार तुम जिद्दी और सही एकसाथ कैसे हो सकती हो ??? मैं वैसे तो किसकी भी नहीं सुन लेता, पर तुम्हारे आगे मैं कुछ भी नही बोल पा रहा हु।

नित्या : प्लीज़...... मेरे लिए। मेरी आखरी ख्वायिस हैं ये।

अथर्व : चलो फिर .......

नित्या : चलो।

अथर्व और नित्या वहा कई लोगों से पूछते हैं पर किसीको भी नही पता होता है की ये पप्पी किसका था या इसकी मम्मी कहा थी। फिर वो दोनों एक दुकान पर जाते हैं और वहा पप्पी के लिए दूध और एक टोकरी खरीद कर वहा एक बेंच होती है वहा जाकर बैठते हैं। और नित्या पप्पी को दूध पिलाने लगती है और अथर्व अपना फोन पॉकेट में से निकालकर देखता है।

नित्या : अच्छा अथर्व तुम्हे भूख लगी है ?? चाइनीज सूप में लोगे या फिर नूडल्स में??

अथर्व : ( आश्चर्य से) क्या??

नित्या : रेट पॉयजन बुद्धू। क्युकी वो क्या है ना कि चाइनीज में खाके मरेंगे ना तो हमारी आत्मा भी नहीं मरेगी।

अथर्व : ( हसके ) जैसे तुम्हारी मर्जी। नौटंकी।

नित्या : वैसे तुम्हारे मोम-डैड मुंबई में है??

अथर्व : है भी और नहीं भी।

नित्या : मतलब?

अथर्व : ( उदास होते हुए) मतलब के...... वो दोनों बिजनेस ट्रिप से बाहर ही रहते है। कभी एक महीना कभी तीन महीने। हम दोनों उनके बच्चे तो है पर उनको कोई फरक नहीं पड़ता। हम जिए-मरे ..... सब ठीक है। इसलिए तो बचपन से मैने ही मेरे छोटे भाई प्रशांत को संभाला और सच कह रहा हु हा , मैने एक भाई की तरह नहीं एक पिता की तरह संभाला है उसे और उसने मेरे साथ क्या किया ??

नित्या : तुमने कहा था कि हम दोनों लूजर्स है। रियली?? देखो मुझे मेरे बॉयफ्रेंड ने धोखा दिया और तुम्हे तुम्हारे भाई ने। इसलिए हम सुसाइट कर रहें हैं। पर क्या तुम जानते हो?? अक्चूली उसमे पापा की ये गलती है की उन्होंने मुझे पूछे बिना मेरी शादी फिक्स कर दी और मैने एक धोखेबाज से प्यार किया। तो मैं सोच रही हूं......

अथर्व : (एकदम से) चलो ......

नित्या : कहा?

अथर्व : इससे पहले की हम प्लान बदल ले चलो let's do it.

आज बस इतना ही।अब क्या वो दोनों सच में सुसाइड करने वाले हैं??? और वो पप्पी को यू अकेला छोड़ देंगे ? जानने के लिए बने रहिए और सपोर्ट करते रहिए।


Nirali✍🏻