सुसाइड पार्टनर्स - 7 Nirali Patel द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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सुसाइड पार्टनर्स - 7

आगे आपने देखा कि अथर्व और नित्या मुंबई जाते हैं और फिर बातो बातो में अथर्व नित्या को रेट पॉयजन के बारे में पूछता है ।

अब आगे,

नित्या : वो प्लान B ऑप्शन था। वो मैं ने सोचा था कि मोहित नई आएगा तो जहर खाकर मर जाऊंगी।

अथर्व : हं..... तो बॉयफ्रेंड प्रॉब्लम??

नित्या : हा। पागल थी मैं, सोचा की मुझसे प्यार करता है और मुझसे शादी कर लेगा। उसके लिए घर से भाग कर आई, पापा को छोड़ कर आई।

नित्या :( थोड़े गुस्से से)उसे जूठ नई बोलना चाहिए था ना अगर नई प्यार करता तो बता देना चाहिए था ना नई प्यार करता है।

नित्या : ( रोतेरोते )बेवजह नई गुस्सा करती मैं। उसकी वजह से मैं घर छोड़ कर आई, यहां तक कि मेरी..... मेरी शादी फिक्स हो गई थी, मैं वो सब छोड़कर यहां आ गई सिर्फ उसके लिए......

अथर्व को नित्या का ऐसे रोना अच्छा नहीं लगता है , वो अपना हाथ नित्या के हाथ की ओर आगे बढ़ता है, क्युकी उसको शांत कर सके पर, वो ऐसा नहीं कर पाता और फिर वो अपना हाथ वापिस ले लेता है। और बोलता है।

अथर्व : ( दुःख के साथ )लूजर्स है यार हम दोनों। अरे तुम में तो अभी हिम्मत है की तुम पॉइजन तो साथ लेके आई हो, और ख़ुद से पीने भी वाली हो। मगर मैं.....?मैने तो सोचा था कि गाड़ी के आगे आके अपनी जान दूंगा, सुसाइट करने के लिए भी मैने दूसरे का सहारा लिया।क्या करता मैं? एक तरफ मेरा भाई है तो दुसरी तरफ मेरा प्यार। किसीको कुछ कहने से अच्छा मैने सोचा की मैं खुद की ही जान दे दू , ताकि ये बात ही खतम हो जाय। बिल्कुल खतम ......। यही ठीक है।

नित्या ( गुस्से से एक ही सास मे ) : ये सारे धोखेबाज लोगों के साथ भी ना देख लेना तुम एक दिन ऐसा ही धोखा होगा जैसा उन लोगो ने हमे दिया है। और..... ये मोहित तो मन करता है की उसे जाकर एक चमाट लगा दू और गोबर में उसका मुंह काला कर के ना उसे पूरे शहर में घुमाऊ , समझता क्या है वो अपने आप को। हां.....

नित्या को यूं क्यूट सा गुस्सा करते अथर्व उसे देखता ही रह जाता है और सोचता है : सच में बहुत क्यूट लग रही है यार ये तो। कुछ देर पहले मरने जा रहा था और अभी तुझे ये लडकी क्यूट लग रही है, यार सदमे की वजह से मेंटल तो नई हो गया ना अथर्व.....? क्या करू अब ?

अथर्व सोच में पड़ा है तभी नित्या उसे बोलती है।

नित्या : एक काम करो फॉन निकालो अपना।

अथर्व : फॉन.....?? क्यू?

नित्या : देखो। क्या करो कि ...... उस नेहा के जितने भी पिक्चर्स है ना तुम्हारे फॉन में उस सभी पिक्चर्स को डिलीट कर दो अभी के अभी। हां......

अथर्व : अरे ये क्या बचपना है।

नित्या : बचपना है करो बहुत अच्छा लगेगा । Come on.

फिर अथर्व एक एक करके उस नेहा के सारे पिक्चर्स डिलीट कर देता है और हा नित्या के कहने के मुताबिक उसे अच्छा भी लगा। वो खड़ा हो कर बैंच के पीछे जाकर खड़ा हो गया और सच्ची में उसके मुंह पर प्यारी सी मुस्कान भी थी।

नित्या : अच्छा लग रहा है ना??

अथर्व : हा यार बहुत अच्छा लग रहा है।

नित्या : वो तो मैं बता रही थी।

फिर अचानक से अथर्व बोलता है : अच्छा सुनो गोबर से मुंह काला नहीं होता , कीचड़ से होता है ।हा ...... और उसे ना गधे के ऊपर बिठा कर जूते की माला पहनाएगे। हा यही सही रहेगा।

( वैसे अथर्व मोहित की बात कर रहा है , नित्या का बॉयफ्रेंड था वो)

नित्या : मेरे पास ना इससे भी अच्छा आइडिया है।

अथर्व बेंच के पीछे से आके फिर से नित्या के पास आकर बैठ जाता है।

अथर्व : क्या?

नित्या : क्या करते हैं ना की...... उस मोहित को ना जिम जाना बहुत पसंद है , तो उसे उसीके जिम के बाहर नंगा करके ना डंबल्स की माला उसके गले में पहना देते है , ताकि उसकी गर्दन ना टेड़ी हो जाए।

इतना बोल कर फिर दोनों एक दूसरे के सामने जोर जोर से हंसने लगते हैं। और अथर्व बोलता है।

अथर्व : चल अब गुस्सा थूक देते है। अथर्व अपना हाथ आगे करके दुख से बोलता है " रेट पॉयजन शेयर करोगी मेरे साथ "? घर तो मैं भी वापस नहीं जाना चाहता हू।

नित्या सोचती है थोडा और धीरे से बोलती है : कितना अजीब है ना......? हम दोनो अजनबी एक दूसरे के साथ कितना कनेक्टेड फील कर रहे हैं। एक दूसरे के साथ हस रहे है , रो रहे हैं , बाते शेयर कर रहें हैं और अब तो मरने का प्लान भी बना रहे है। ज्यादा अजीब नहीं है ???

नित्या इतना बोल कर फिर सोच में डूब जाती है।

नित्या ( सोचते हुए ) : तू मरने का क्यू सोच रहा है? मैं नई चाहती की तू अपनी जान दे अथर्व, कितना अच्छा लड़का है तू।

फिर अथर्व बोलता है मज़ाक करते हुए।

अथर्व : तुम बहुत अच्छी लगती हो, पर थोडी मेंटल .......

नित्या : 😒

अथर्व : क्या हुआ यार ?? जिससे प्यार करते हैं उसके साथ लाइफ शेयर नहीं कर सके। अब दोस्त के साथ मौत शेयर करोगी ? क्या तुम मेरी सुसाइट पार्टनर बनोगी??

नित्या : तो क्या मरना पक्का है??

अथर्व : ऑप्शन ही क्या है ? चल यार अब ज्यादा नहीं सोचते और प्लान बनाते है।

नित्या : तुमने तो कहा था कि तुम में हिम्मत नही है तो फिर? और जिस में हिम्मत थी उसके हाथ तो ठंडे पड़ गए।

अथर्व : अब दोस्ती की है तो निभानी तो पड़ेगी ना? हाथ आगे बढ़ाते हुए : तो बोलो डील पक्की ??

नित्या : अथर्व के हाथ में ताली मारते हुए हा डील पक्की।

अथर्व : पर एक शर्त है .......

नित्या : कैसी शर्त ??


Nirali ✍🏻