भयानक यात्रा - 17 - बागिरा। नंदी द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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भयानक यात्रा - 17 - बागिरा।

हमने पिछले भाग में देखा की ...
एक साधु जगपति और हितेश को देखकर अट्ट–हास्य करता है और चलने लग जाता है । लेकिन हितेश आवाज लगाके उनको रोक लेता है , और उनको बात को सही तरीके से बताने के लिए कहता है , वो साधु उनको कहता है की उनको यहां नही आना चाहिए था । जो यहां आता है वो मारा जाता है या यही ठहर जाता है ये बोल के फिर से साधु भयानक हंसी के साथ चल देता है । थोड़ी देर बाद सब लोग गाड़ी में थाने की तरफ निकल जाते है लेकिन जब गाड़ी थाने पे पहुंचती है तब सब लोग थाने की हालत देखते है और उनको अचरज होता है । थाने की इमारत काफी पुरानी थी जिसकी वजह से लोग थोड़ी देर वहीं रुक जाते है । सब बातों को अनदेखा कर के वो अंदर की तरफ जाते है जहां एक कदरुपा और मोटा इंस्पेक्टर सो रहा होता है , बूढ़ा हवालार अखबार पढ़ रहा होता है और एक कॉन्टेबल चाय के साथ सुट्टा लगा रहा होता है जिसकी नजर लड़कियों पे ठीक नही होती है । हितेश की बात सुनके इंस्पेक्टर हवलदार को एफआइआर लिखने को कहता है , सब माहिती लेने के बाद हवलदार हितेश को पूछता है की बर्मन के घरवालों को सूचित किया है की नही ? तब हितेश ना में सिर हिलाता है !

अब आगे......
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हितेश से जब सुरपाल पूछता है की बर्मन के घरवालों को सूचित किया है उसने ? तो हितेश ना में सिर हिला देता है ।
सूरपाल एक नजर इंस्पेक्टर की तरफ देखता है तो इंस्पेक्टर हितेश को कहता है – कानून के अनुसार कोई व्यक्ति अगर गायब हो जाता है तो उसकी रिपोर्ट २४ घंटे के बाद लिखी जाती है । लेकिन ये किल्ला से संबंधित केस है , जहां हमे उपर से ऑर्डर है की अगर कोई भी इंसान गायब होता है तो समय न देखकर उसकी रिपोर्ट दर्ज करना है ।
लेकिन आपके सब उनके दोस्त हो , ना की उसके रिश्तेदार । हमे बर्मन के पिता से बात करनी पड़ेगी जहां उनको यहां हुई हर घटना के बारे में हमे उनको बताना पड़ेगा । तो उनको सूचित करना जरूरी है , अगर ऐसा नहीं होता है तो कानून की सूची हम भी अपराधी माने जायेंगे , तो आप लोग भी हमारा सहयोग करे ।

ये सुनकर हितेश अंदर से कुछ ज्यादा ही विचलित हो जाता है , वो सोचता है अगर बर्मन के पापा को पता चला की बर्मन गायब है तो उन सबकी खैर नहीं होगी ।
ऊपर से सबके घर में परेशानी खड़ी हो जायेगी वो अलग से ।
वो सोचने लगता है की उसको कहीं कोई रास्ता मिल जाए , जिससे उसको थोड़ा समय भी मिल जाए और बर्मन के पिता को अभी ये खबर भी ना पहुंचे । लेकिन कुछ देर सोचने के बाद भी उसको कोई उपाय नहीं मिला ।

सब लोग चुपचाप से एक कोने में खड़े थे और देख रहे थे की हितेश क्या निर्णय लेता है , हितेश के निर्णय लेने पे उनकी सांस अटकी हुई थी ।

थोड़ी देर बाद हितेश कहता है – ठीक है , हम उनको। सूचित कर देते है , लेकिन उनको यहां आने में समय लग जायेगा ।
ये सुनकर सूरपाल कहता है – समय क्यूं लगेगा उनको यहां आने में ?
वो व्यवसाय से लैंडलॉर्ड है , उनको अपने काम से ज्यादातर विदेश में रहना पड़ता है । कई बार वो ६ माह तक भी अपने घर नही लौटते है । भारत के अलावा उनका कई और देशों में भी यही व्यवसाय में वर्चस्व है । – हितेश ने कहा ।
उन से मिलने के लिए भी बर्मन को उनके पर्सनल असिस्टेंट से बात करनी पड़ती थी , तब जाके बर्मन उनसे बात कर के मिल पाता था । एक घर मे रहकर भी वो कई महीनों तक मिल नही पाते है ।

कैसी बात है न सूरपाल आजकल मां बाप अपने बच्चों तक को पैसा कमाने के लिए समय नहीं दे रहे । पैसा बच्चों से बढ़कर होता है क्या !!! आजकल यही तरीका हो गया है शहर में , शहर में हर जगह विदेश जैसा माहोल नजर आता है , जिंदगी दिखावे में गुजारते है वहां लोग , करीब और गरीब में कोई अंतर नही रहा । – इंस्पेक्टर महिपाल ने कहा ।

हां , सर जी ! सुना है की शहर में अपना कोई है तो सिर्फ पैसा है – सुरपाल बोला ।
फिर महिपाल ने हितेश से कहा – ठीक है , लेकिन उनको जल्दी से सूचित कर दो , उनके फोन नंबर और घर का पता लिखवा दो हम हमारे तरीके से कोशिश करेंगे ।
हितेश ने बर्मन के पिता का फोन नंबर , उनका पता सुरपाल को दिया ।
हो सके तो इनको अभी फोन करके इस मामले में अवगत करवाओ ।
सूरपाल इंस्पेक्टर की बात सुनकर बर्मन के पिता से संपर्क करने के लिए दो–तीन कॉल लगाता है लेकिन सुरपाल को बर्मन के पिता का फोन कवरेज क्षेत्र से बाहर दिखाता है ।

ये बात चल ही रही थी तब बाहर सोया हुआ कुत्ता अजीब सी हरकते करने लगा , वो अजीब तरीके से रोने लगा और रस्सी से छूटकर भागने की कोशिश करने लगा । रस्सी से छूट नही पाया तो रस्सी को दांतो से काटने को कोशिश करने लगा , कुत्ते की ऐसी हरकते देख के महिपाल चौकी के दरवाजे पे आया । कुत्ते की अचानक से ऐसी हालत देखकर वो वहीं खड़ा हो गया , कुत्ता अभी भी रस्सी को काटने की कोशिश कर रहा था ।
सूरपाल जल्दी से बाहर की तरफ दौड़ कर आया और कुत्ते को अपनी गोद में बिठा दिया , उसकी आंखे अपने हाथो से बंद कर दी और उसके कानो पे मोटा सा कपड़ा डाल दिया । थोड़ी देर के बाद कुत्ता शांत हो गया और अपनी दुम सुरपाल की तरफ देख के हिलाने लगा । सूरपाल चौकी में से पानी लेके आया और कुछ मन में बोल के कुत्ते के चारों ओर तीन बार पानी घुमा के पानी को थाने के बाहर जाके फेंक आया और कुत्ते के सिर पे हाथ फिरा उसको वहीं बैठा दिया ।
थोड़ी देर बाद सूरपाल और महिपाल दोनो अपने अपने मेज़ पे आके बैठ गए । उनको पता था की सबको ये चीज विचित्र लगेगी जो कुत्ते ने किया ।
तब सुरपाल ने सबकी आंखों में वो प्रश्न भी पाया ।
किसी को न बोलते देख सुरपाल खुद बोला – शायद आपको ये घटना कुछ विचित्र जरूर लगी होगी , लेकिन ये यहां कई बार होता है , ये हमारे लिए सामान्य है ।
हितेश ने सुरपाल से पूछा – लेकिन ये कुत्ता ऐसा कर क्यू रहा था ? क्या उसको कोई बीमारी है ?
सूरपाल बोला – अभी भी आपको ऐसा लगता है की कुत्ता बीमार है ? , सामान्य गांव नही है महाशय ये ।
कुत्ता को जब भी यहां कोई अदृश्य आत्मा का अनुभव होता है या दिखता है तब ये ऐसी हरकते करता हैं ।
कहते है बुरी आत्माए और साया कुत्तों को पहले दिख जाता है ।

हितेश सुरपाल से कहता है – अच्छा ठीक है , लेकिन हमारे दोस्त की जांच कब तक चालू होगी ?
सूरपाल ने मन में बोला मिलेगा नही तो जांच क्या करे !
फिर उसने हितेश से कहा – आज से ही , अभी से ही आपके दोस्त को खोजने का कार्य हम चालू कर देते है ।
किल्ले का मामला है तो ढूंढने में समय लग सकता है , लेकिन जल्दी से आपके दोस्त को ढूंढ ले उतनी कोशिश करेंगे ।
ये सुनकर हितेश सुरपाल को धन्यवाद बोलकर बाहर निकल आता है , और उसके पीछे पीछे सब लोग भी थाने से बाहर की तरफ आ जाते है ।

वो कुत्ता अभी भी दरवाजे के बाहर बैठा हुआ था , और वो उनके सामने देख के खड़ा हो जाता है । थोड़ी देर बाद वो उनके सामने भौंकना चालू करता है । सब एक नजर कुत्ते पे डालके गाड़ी में बैठ जाते है । गाड़ी फिर से गांव की तरफ चल देती है ,और कुत्ता जबतक गाड़ी दिखती है तब भौंकता रहता है ।

थाने के अंदर से सुरपाल उसको आवाज देता है – क्या हुआ बगिरा , चुप हो जा और फिर सुरपाल उसको प्यार से पुचकारता है ।
सूरपाल की आवाज सुनके बगिरा सुरपाल की तरफ देखता है और अपनी पूंछ हिलाने लग जाता है और वहीं फिर से बैठ जाता है ।

गाड़ी में बैठे हितेश ने जगपति से पूछा – जगपति , गांव में सब चीज ऐसी ही है ? भूतिया और डरावनी ?
जगपति बोला – हां , गांव में इमारत से लेके हवाएं सभी नकारात्मक चीजों से भरी हुई है । यहां से कोई गांव से अपना घर खाली करके भी नही जा सकता । अगर कोई प्रयास भी करता है तो रास्ते में कोई ना कोई तरीके से उसकी मौत हो जाती हैं । इसी कारण आज भी लोग डरते है और यहां से कहीं ओर नहीं जा पाते ।

जगपति की बात सुनकर सबकी आंखे और नम हो गई , कहां वो इस किल्ले पे घूमने आए थे और कहां मुसीबतों में फसे जा रहे थें । कहां आराम से शहर में रह रहे थे और कहां यहां आने के बाद मुसीबतों ने उनको घेर लिया था ।
मुसीबत के कारण सबको अब अपने घर की और घरवालों की याद आने लगी थी , अब आगे क्या होगा उसके डर से लड़कियां रोने लगी थी और लड़के अवसाद में बैठे हुए थे ।

कच्चे रास्तों की वजह से गाड़ी के पहिए धीरे धीरे घूम रहे थे , और समय के पहिये की गति जैसे रुक सी गई थी ।

पुलिस बर्मन को कब ढूंढ पाएगी ? गाड़ी को देख कुत्ते का भौंकना कोई सामान्य बात थी या फिर किसी और बात के कारण वो भौंक रहा था ? ओर कौनसी मुसीबत सबका इंतजार कर रही है ? बर्मन के पिता की क्या प्रतिक्रिया होगी जब वो बर्मन के बारे में सुनेंगे ?

जानने के लिए पढ़ते रहिए हमारी कहानी भयानक यात्रा