एक कहानी ऐसी भी - भाग 13 Abhishek Joshi द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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एक कहानी ऐसी भी - भाग 13

आगे  आपने  देखा  की  अनुज  कैसे  दूसरी  दुनिया  से  अभिमन्यु  के  साथ  बाहर  आ  जाता  है  । 

सब  लोग  मिलकर  अभिमन्यु  का  तहेदिल  से  शुक्रिया  करते  है  । 

उसे  बहुत  मान - पान  देकर  विदा  करते  है  । 

मेरे  सब  पाठकों  को  लगता  है  की  कहानी  या  पूर्ण  हो  गई  है  । 

ओर  सुनैना  से  बचना  इतना  आसान  था  । 

अभी  तक  तो  मुजे  भी  ऐसा  ही  लग  रहा  था  । 

पर  बात  ये  है  की  अगर  कहानी  कोई  मोड  ना  ले  तब - तक  पढ़ने  ओर  लिखने  का  मजा  नहीं  आता । 

 

अभिमन्यु  घर  से  बाहर  निकलता  है  । 

ओर  आगे  जाके  वो  फिर  से  जंगल  की  ओर  गायब  हो  जाता  है  ।

 

सबको  लगता  है  की  सबकुछ  ठीक  हो  गया  है  । 

अनुज  भी  अब  ठीक  लग  रहा  है  । 

और  वो  सब  भी  अब  मंगल मेंसन  मे  राजी  खुशी  से  रह  रहे  है  । 

अब  सबकुछ  पहले  जैसा  हो  गया  है । 

 

कल  पर  का  जन्मदिन  है  । 

तो  सब  तैयारी  पे  लगे  हुए  है  । 

अनुज  केक  का  ऑर्डर  देने  गया  है  । 

मम्मी ओर  पापा  महेमान  की  लिस्ट  तैयार  कर  रहे  है  । 

प्रेम भाई  ओर  सोनाली  भाभी  पार्टी  की  ऐरेनजमेंट  देख  रहे है  । 

प्रिया  परी  को  कैसे  तैयार  करना  है  उसकी  तैयारी  मे  लगी  हुई  है । 

सब अपना  अपना  काम  कर के  रात  को  डिनर  पे  आते  है । 

ओर  फिर  सोने  चले  जाते  है  । 

 

आधी रात  को  अचानक  रूम  की  खिड़की  खुलती  है  । 

ओर  मानो  कोई  परी  को  खिड़की  से  ताग  रहा  हो  । 

थोड़ी  देर  बाद  अनुज  उठता  है  ओर खिड़की  बंध  करके  सो  जाता  है । 

 

सुबह  होते  ही  अनुज  प्रिया से  कहेता  है  कल  तुमने  खिड़की  खुली  रख  दी  थी  । 

प्रिया  नहीं  तो  वो  आगे  बोलने  जा रही थी  । 

तब  ही  भाभी  ने  उसे  किसी  काम के  लिए  बुलाया  । 

 

देखते - देखते  ही  शाम  हो  गई  । 

पार्टी  जोर - शोर  से  चल  रही  थी  । 

लेकिन  एक  शख्स  ऐसा  था  जो  इन  सब  पर  नजर  ताने  बैठा  था । 

सब  मिलकर  डांस  किया  । 

फिर  परी  ने  केक  काटी  । 

ओर  फिर  खाना  खाकर  सब  अपने  घर  चले  गए  । 

 

अब  सब  मिलकर  बारी - बारी  सब की  गिफ्ट  देख  रहे  थे  । 

सब के  गिफ्ट  काफी  बड़िया  थे । 

सब  सोने  जाने ही  वाले  थे  की  तब ही  मैन  - डोर  की  घंटी  बजी । 

रात को बारा  बजे  कोन  होगा  अनुज  ने  बोला । 

प्रिया ने  जाके  दरवाजा  खोला  तो  उसने  देखा  की  वहा  पे  एक  गिफ्ट  रखी  हुई  थी  । 

 

प्रिया मैन  - डोर  को  लोक  करती  है  ओर  वो  गिफ्ट  लेकर  आती  है । 

जब  उस  गिफ्ट को  खोला  तो  उसमे  से एक  प्यारी सी  गुड़िया  निकलती  है । 

ओर  साथ  मे  एक  कागज  था  । 

जिस  पे  लिखा था  । 

मेरी  प्यारी सी  गुड़िया  के  लिए  एक  बहेतरीन  तोहफा । 

थोड़ी  देर  बाद  सब  सो  गए  । 

तभी  वो  गुड़िया  की  नीली - नीली  आंखे  खुली । 

अब  क्या  होगा  जानने  के  लिए  मेरे  साथ  पढे  - एक  कहानी  ऐसी  भी -भाग - १४