जैसे की आपने देखा की अनुज के माता - पिता अंदर से टूट चुके थे |
ठीक उसी तरह जिस तरह सालों पहले सुनैना के माता - पिता की हालत थी |
समय आज वही पे आके खड़ा था |
मात्र व्यक्ति का परिवर्तन हुआ है |
सब लोगों ने पूरी रात यही चिंता मे बितादी की |
सुबह क्या होगा |
सुबह होते ही राकेश जि अस्पताल को निकल गए |
वहा जाके प्रेम से सब कुछ पूछताछ की |
पूछताछ करने पर पता चला की |
पूरी रात अनुज सोया ही हुआ था |
उसने अपना एक अंग भी नहीं फेरा |
ओर थोड़ी देर मे वहा पे डॉक्टर आए |
उसने सब रिपोर्ट किए पर ये क्या सारे रिपोर्ट नॉर्मल आए |
खून भी अब काला नहीं पर लाल हो चुका था |
थोड़ी देर मे अनुज उठा सब से बात की ओर |
ओर डॉक्टर ने उसे घर जाने के लिए रजामंदी भी दे दी |
सब घर पहुचे सब खुस थे |
सबको लग रहा था की सब कुछ ठीक है |
परी ओर प्रिया भी वापस आ गए |
पर किसी ने उसे कुछ बताया नहीं |
फिर अनुज से रहा नहीं गया ओर उसने ही प्रिया को सबकुछ बता दिया |
सारा दिन बीत गया था |
सब खुश थे क्योंकि सब अछे से बीत गया |
अब रात के १२ बजने वाले थे |
बाहर तेज बारिस ओर बिजली कडक रही थी |
जैसे ही बारा बजे अनुज फिर से चिलाया |
मुजे मत मारो , मुजे जाने दो |
मुजे मत मारो , मुजे जाने दो |
मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है |
ये सब आवाजे सुनकर प्रिया की नींद उड़ गई |
ओर जब उसने देखा तो अनुज दीवाल पे सिर पटक रहा था |
प्रिया जब उसे रोकने गई तो अनुज ने उसे गले पकड़कर हवा मे टाँग दी |
ओर फिर बोला तू इसे छुड़ाएगी मुजसे | तू |
सात दिन सिर्फ सात है तेरे पास बचाना चाहती है तो बचा ले |
सात दिन तेरे आठवा मेरा |
ये कहेकर उसने प्रिया को छोड़ दिया |
ओर अनुज को कांच की टेबल पर पटका |
वो पूरा लहू -लुहान हो गया था |
उसके पेट से लेकर गले तक कांच घुस चुके थे |
प्रिया ने आवाज लगाई -
प्रेम भाई , सोनल भाभी , पापा , मम्मी ।
सब दोड़कर ऊपर चले गए |
सब जाकर देखा तो सब के मुंह फटे रहे गए |
प्रेम ने गाड़ी निकाली |
राकेश जि ने अस्पताल मे फोन किया |
ओर फिर से डॉक्टर रुस्तम ने ही फोन उठाया |
ओर इमर्जनसी के लिए आए |
आखिर ऐसा क्यू हर बार रात मे ही क्यू कुछ होता है |
क्या दिन मे उसकी शक्तिया कम होती है |
सब एक भयानक मंजर से गुजर रहे थे |
क्या आखिर सरुआत ऐसी है तो अंत कैसा होगा |
ओर ये परिवार ऐसे ही एक एक कर मर जाएगा या |
फिर इन्हे बचाने कोई आएगा |
काले जादू ने तो अपनी पकड़ बनाली इन्हे अब कोन बचाएगा |
है एक ऐसा सख्स जो इस काल के चक्र को पलटेगा |
जिससे मौत भी थर - थर कांपती है |
ये इंसान आपके लिए सप्राइस है |
जिसकी बात मे अगले भाग मे करूगा |
तो जानने के लिए पढे -
एक कहानी ऐसी भी भाग- ५