एक कहानी ऐसी भी - भाग 10 Abhishek Joshi द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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एक कहानी ऐसी भी - भाग 10

आगे आपने देखा की जैसे  ही रात होती है। 

पेड़  अपनी  जगह  बदल  देते है । 

आकाश में तारे टीम - टिमाने  लगते  है  । 

ओर उसी  समय  आसमान से  सात  घोड़े सवार  आते  है । 

उन्हे  देखकर अभिमन्यु को  लगता है  । 

जैसे ये सात ही इस दुनिया के रखवाले है । 

ओर वो लोग उन्हे  इस दुनिया से बाहर ले जा सकते  है  । 

 

वो सात घोड़े सवार आये। 

घोडे  से नीचे उतरकर पेड़ के पीछे चले  गए । 

अभिमन्यु ओर अनुज  उनसे  बात  करने  की  बहुत  कोशिश  की  । 

पर  उन्हों  उनकी  एक  न सुनी  । 

 

अब उनके पास सिर्फ दो दिन ही बचे थे। 

इसके लिए उन्होंने उनका पीछा किया। 

ओर उनके पास चले गये। 

वहा पर  पहुच  कर  उन्होंने  अनुज  की  आप बीती  कही । 

 

तब उन्होंने कहा कि वो पहले से जानते थे की  ।

तुम लोग  हमारे  पास  जरूर  आओगे । 

ये खुलासा करके  उन्होंने आगे की बात करते हुए कहा। 

हम इस दुनिया की देखभाल करते हैं। 

 

हम भी पहले इंसान बने थे। 

बड़ी खुशी  से  रहेते  थे  । 

ओर अपना काम किया करते  थे पर अपनी  लालच  की  वजह  से । 

हम लोगों ने काला  जादू  करना  सरु  कर  दिया । 

पहले तो काले जादू ने हमें सब कुछ दिया। 

एक दिन हमारे काले जादू में बहुत बड़ी गलती हो गई। 

ओर हम इस दुनिया में फसे  रहे  गए  । 

हम बाहर जाने की बहुत कोशिश करते थे । 

लेकिन हम जा  नहीं  पाते थे । 

 

ओर जिस दिन हम इस दुनिया से बाहर निकले लोगों ने हमे  मरा  हुआ समाज लिया। 

ओर हमारे शरीर का अग्नि संस्कार कर  दिया । 

जबकी  हमारे पास  काले जादू का ज्ञान ओर  अच्छाई  की  शक्ति दोनों  थी  तो  । 

हमने सोचा कि हम तो भले इस दुनिया में फ़स गए। 

पर अब दुशरे लोगों की यहां से निकल ने मे सहायता करेंगे। 

ओर तब से लेकर आज तक हम इस दुनिया की  रक्षा  करते  है । 

ओर सायद  भगवान  को  भी  यही मंजूर  था । 

 

हमें इस दुनिया में भटकते हुए ये सात घोड़े ओर मसाल मिले हैं। 

जो इस दुनिया की रक्षा करता है। 

ओर हर पचास साल  बाद  ये  बदल  जाते  है । 

 

हम यहां से बाहर  निकल  कर  दुशरी  दुनिया  मे  जा  तो  शकते  है । 

लेकिन  किसी  ओर  को  इस  दुनिया  से  बाहर  नहीं  ले  जा  सकते । 

हम  रास्ता  जरूर  दिखा  सकते  है  । 

ओर  उस  तक  पहोचने  के  रास्ते  तक  ले  जा  शकते  है  । 

पर  मुशीबते  तुम्हें  खुद  सहन  करनी  होगी  । 

वहा  से  बाहर  तुम्हें  खुद  को  ही  निकालना  पड़ेगा । 

 

अब  धीरे - धीरे  अस्पताल  मे  अनुज  के  शरीर  का  रंग  ओर  ही  काला  पड़ता  जा  रहा  था । 

मानो  की  कोई  अनुज  को  जीते जि  जला रहा  हो  । 

सब  अनुज  का  ये  शरीर देखकर  हेरान  हो  चुके  थे  । 

सब  के  मन  मे  यही  प्रश्न  था की  क्या  अनुज  फिर  से  इस  दुनिया  मे  आ  पाएगा  । 

या  फिर  हमेशा  के  लिए  काली  दुनिया मे  रह  जाएगा । 

जानने  के  लिए  - एक कहानी  ऐसी  भी  भाग - ११