एक कहानी ऐसी भी - भाग 8 Abhishek Joshi द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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एक कहानी ऐसी भी - भाग 8

आगे  आपने  देखा  की  अभिमन्यु  अनुज  के  बगल  मे  बैठ  जाता  है |

ओर  बैठकर  ध्यान  लगाता  के  तभी  वो  दुशरी  दुनिया  मे  पहोच  जाता  है |

वहा  उसे  अनुज  दिखता  है  ओर  अभिमन्यु  से  कहेता  है  मुजे  बचालों  अभिमन्यु  |

क्या  वो  सच  मे  अनुज  ही  था  या  कोई  ओर  चलो  देखते  है  इस  भाग  मे |

अब  आगे |

 

अभिमन्यु  अनुज  के  पास  जाने  ही  वाला  था  की  तब  ही  उसे  याद  आया  की  ,

मे  तो  अनुज  को  पहेली  बार  मिल  रहा  हु  |

इससे  पहले  तो  कभी  अनुज  को  मे  कभी  मिला  ही  नहीं  फिर  उसे  मेरा  नाम  कैसे  पता  |

जरूर  ये  कोई  छलावा  है  |

 

छलावा  दर  असल  मे  प्रेत  का  ही  एक  रूप  होता  |

जिसे  हम  आँखों  का  भ्रम  भी  कहे  शकते  है  

वो  असल  मे  नहीं  होता  सिर्फ  हमे  गुमराह  करने  के  लिए  होता  है |

ताकि वो  हमे  गुमराह  करके  अपना  काम  निकलवा  शके  |

 

अब  अभिमन्यु  को  उस  पे  पूरा  शक  हो  गया  |

ये  हो  न  हो  कोई  ओर  ही  है  |

उसने  अपनी  बेग  से  माला  निकाली  ओर  अनुज  पे  फेक  दी  |

 

पर  ये  क्या  अनुज  पलभर  मे  राख  बनके  उड  गया  |

अब  अभिमन्यु  फिर  से  अनुज  को  ढूंढ ने  के  लिए  आगे  बढ़  गया  |

चलते  चलते  वो  जंगल  मे  आ  गया  |

साम  हो  चुकी  थी  तो  उसने  आगे  जाना  मुतासीर  ना  समजा  |

जंगल  मे  बहुत  शांति  थी  

ओर  ठंडी  हवा  भी  चल  रही  थी  |

हवा  मे  पते  लहरा  रहे थे  उसकी  आवाज  आ  रही थी  |

इन  सबके  बीच  पता  नहीं  उसे  कब  आँख  लग  गई  |

 

पर  ये  क्या  अचानक  उसे  रोने  की  आवाज  सुनाई  दी  |

वो  उस  आवाज  की  दिशा  मे  जाने  लगा  |

तभी  वहा  उसने  देखा  की  कुछ  लोग  दो  चार  आदमी  को  मार  रहे  है |

उसे  मार मारके  मार डाला  फिर  उसकी  खोपरी  निकाल  ली  ओर  उसमे  उसका  लोही पी  रहे  थे  |

फिर  सब  ने  मिलकर उन आदमियों को  खाना  समज  के  खा  गए  |

 

ये  सब  देखकर  वो  चिल्ला  उठा  ओर  मारने  के  लिए  दोड़ता  है  तो  |

वो  देखता  है  की  उनकी  ताड़ात  तो  बहुत  बड़ी  थी  |

इस  लिए  भागने  मे  ही  उसकी  भलाई  थी  |

 

जैसे  ही  उन सबने  आवाज  सुनी  |

वो  सब  अभिमन्यु  को  मारने  के  लिए  उनके  पीछे  दोडे  |

अभिमन्यु  अब  भागकर  थक  गया  था  |

फिर भी  वो  दोड़  रहा  था  |

अगर  वो  रुका  तो  वो  लोग  उसे  जिंदा  नहीं  छोड़ेगे  |

वो लोग  उसे  मार  डालेंगे  |

 

अब  वो  क्या  करे  ये  सोच  रहा  था  |

की  कुछ  लोग  उनके  पास  आ गए  |

वो  जमीन  पर  गिर  गया  |

 

तभी  एक  इंशान  तूफान  की  तरह  मशाल  लेकर  उसके  सामने  आया  |

ओर  उन  सबको  वहा  से  हटाया  |

 

फिर  अभिमन्यु  को  उस  सीमा  के  पार  ले  गया  |

जहा  वो  लोग  उस  तक  नहीं  पहोच  शकते  थे  |

कोन  था  वो  आदमी  ओर  क्यू वो  प्रेत  सीमा  के  उस  पार  नहीं  जा  शके ?

 

जानने  के  लिए  पढिए  |

एक  कहानी  ऐसी  भी  भाग  - ९