"यार क्या करूँ?फिर से मेरे वीजे की दरखास्त रद्द हो गयी है"
कालेज से बाहर आने पर आयशा,रत्ना से बोली थी।
आयशा के दादा दादी कानपुर के रहने वाले थे।ये बात देश के बंटवारे मतलब भारत से पाकिस्तान के अलग होने से पहले की है।ये बाते आयशा ने अपने अब्बू से सुनी थी।उसके दादा इरफान का कानपुर में अपना कारोबार था।वहाँ पर उनकी इज्जत थी।मुसलमान ही नही हिन्दू भी उनके अच्छे दोस्त थे।उनकी दुकान पर आने वालों में सभी जाति धर्म के लोग थे और सभी से उनके अच्छे सम्बन्ध थे।
आगे बढ़ने से पहले रत्ना के बारे में भी जान ले।
रत्ना के दादा सरकारी मुलाजिम थे।वह लाहौर में नायाब तहसीलदार थे।ब्रिटिश साम्राज्य में भारत मे पाकिस्तान,बंगला देश,बर्मा,लंका और तिब्बत व बलूचिस्तान व अफगानिस्तान पर भी उनका नियंत्रण था।सन 1600 में इंग्लैंड में ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना हुई थी।इस कम्पनी ने जहांगीर के राज्य में भारत मे व्यापार करने की अनुमति ली थी।अंग्रेज यहाँ से मसाले, ढाका की मलमल व अन्य बहुत से सामान खरीद कर ले जाते थे।एक शताब्दी बाद यूरोप में औधोगिक क्रांति का श्री गणेश हुआ।कल कारखाने लगने लगे।जो काम बहुत ज्यादा मजदूरों से होता था।वो काम मशीनों से कम समय,कम लागत में ज्यादा होने लगा।इस क्रांति की शुरुआत यू तो यूरोप में हुई थी।लेकिन ग्रेट ब्रिटेन इसमें अग्रणी रहा।
ग्रेट ब्रिटेन जिसे इंग्लैंड या यूं के नाम से भी जाना जाता है।वहाँ पर कल कारखाने तो लग गए। लेकिन इन्हें चलाने के लिए कच्चे माल की जरूरत थी।और यह कच्चा माल जैसे रुई, खनिज आदि भारत मे पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध था।जो कम्पनी भारत मे व्यापार करने के लिए आई थी।वह कम्पनी भारत की शासक बन गयी।मीर जाफर के सहयोग से सिराजुद्दोला को हराकर यहाँ की शासक बन गयी।और फिर धीरे धीरे सारे राज्यो पर अधिकार कर लिया।कम्पनी ने यहाँ के कुटीर उधोग को नष्ट कर दिया।टेक्स लगा दिए।इतने अत्याचार किये की 1857 में जनता ने आजादी पाने के लिए बिगुल फूंकदिया।लेकिन हमारे यहां के जयचन्दों की वजह से वह क्रांति असफल हो गयी।
और बाद में सत्ता राजा के हाथ मे चली गयी।अंग्रेजो ने फुट डालो की नीति का सहारा लिया।जिन्ना अंग्रेजो की ही पैदाइस थी।जिसने मुसलमानों के लिए पाकिस्तान मांग।
और भारत का बंटवारा हो गया।बहुत हसीन सपने दिखाए गए थे। और उन सपनों के सहारे ही उसके दादा अपना जमा जमाया कारोबार छोड़कर पाकिस्तान चले आये।रत्ना की दादी भारत जाना चाहती थी।पर रत्ना के दादा इसके लिए तैयार नही थे।
आज आजादी के 75 साल बाद भारत कहा जा पहुंचा था और पाकिस्तान?
भुखमरी,दहशतगर्दी और दंगे फसाद के अलावा कुछ नही था।
आयशा और रत्ना सहेली थी।दोनो लाहौर के गवर्मेंट कालेज में पढ़ती थी।आजकल सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का जमाना है।भारत की तरक्की और वह हो रहे विकास की वजह से दुनिया मे भारत का नाम हो रहा था।
आयशा भारत जाकर अपने पुरखों का शहर और भारत की प्रगति को अपनी आंखों से देखना चाहती थी।दो बार उसका वीजा रिजेक्ट हो चुका था।
"एक तरकीब है अगर तू कर सके तो।'
"क्या?""
" शिवजी पर रोज एक लोटा जल चढ़ा और उनसे मन्नत मांग।तेरी मन्नत जरूर पूरी होगी।"
आयशा का घरवालों ने विरोध किया पर उसने शिवजी पर एक लोटाजल चढ़ाना शुरू किया।
और शिवजी ने उसकी सुन ली थी