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नींव

न चाहते हुए भी विजय और मीना को बेटी की जिद्द के आगे झुकना पडा था।
नीरजा डॉक्टर थी।वह एक अस्पताल मे नौकरी करती थी।दिन मे अस्पताल मे उसे एक मिनट की भी फुर्सत नही मिलती थी।रात को घर आने पर ही राहत की श्वास ले पाती।रात को बिस्तर मे लेटने पर कुछ देर के लिए नेट चलाना नही भूलती थी।
एक दिन उसे फेसबुक पर आस्ट्रेलिया से राहुल की फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली।उसने राहुल का प्रोफाइल चेक किया।राहुल डॉक्टर था ।वह स्वयं भी डॉक्टर थी इसलिए उसने राहुल की रिकवेस्ट स्वीकार कर ली।
दोस्त बनने के बाद वे रोज चेट करने लगे।शुरू मे औपचारिक बातें ही होती थी।बाद मे वे एक दूसरे से छोटी छोटी बातें भी शेयर करने लगे।कभी कभी घंटों गुज़र जाते लेकिन उनकी चेट खत्म ही नही होती थी।
चेट करते हुए न जाने कब नीरजा, राहुल को चाहने लगी।प्यार करने लगीऔर उसे अपना बनाने का सपना देखने लगी।चेट करते करते उसे इतना आभास तो हो चुका था कि राहुल भी उसे चाहने लगा है।भलेही नीरजा उच्च शिक्षित थी,खुले विचारों की मॉडर्न युवती थी,लेकिन थी तो नारी।वह भी भारतीय।नारी सुलभ लज्जा, संकोच औऱ भारतीय संसकार की वजह से शादी कीपहल नहीं कर सकती थी।हर भारतीय नारी की तरह वह भी चाहती थी कि राहुल उसे प्रपोज करें।
औऱ एक दिन उसके दिल की मुराद पूरी हो गई।एक दिन चेट करते हुए राहुल बोला"आई लव यू"
"मैं भी "नीरजा बोली थी
नीरजा की बात सुनकर राहुल बोला"मै तुम्हें अपनी बनाना चाहता हूँ"
नीरजा कब से इस प्रस्ताव का इन्तजार कर रही थी।इसलिए एक क्षण की देर किये बिना बोली"मुझे तुमहारी पत्नी बनकर खुशी होगी"
नीरजा ने अपने मम्मी पापा को राहुल के बारे मे बताया था।
"मॉ बाप कौन है"?किस परिवार खानदान से है"बेटी की बात सुनकर मीना ने पूछा था।
"मम्मी जमाना कहाँ से कहाँ जा पहुंचा है औऱ आप जाति परिवार जैसी दकियानूसी बातों मे उलझी हैं।उसके परिवार खानदान से मुझे कया करना है?मुझे शादी राहुल से करनी है"मॉ की बात सुनकर नीरजा बोली थी।
"बेटी, तुम्हारी बात मान लेता हूँ, लेकिन राहुल आस्ट्रेलिया मे है।न तो वहाँ हमारा कोई रिश्तेदार है,न ही जॉच पडताल के लिए वहां जाना संभव है।क्या पता राहुल जो बता रहा है सही है"बेटी की बात सुनकर विजय ने शंका जाहिर की थी।
"पापा, राहुल जो कह रहा है। सच है।मै काफी समय से उसके सम्पर्क मे हूं"
"बेटी फेसबुक पर जो दिखता है,पूरा सच नही होता"।विजय ने बेटी को समझाना चाहा था।
"पापा मुझे भी अपने भविष्य का खयाल है।मैने राहुल की हर तरह से परीक्षा ले ली है,वह जो कह रहा है सही है"।
हर मॉ बाप को बेटी के भविष्य की चिंता होती है।मॉ बाप बेटी का हाथ ऐसे आदमी के हाथ मे देना चाहते है,जो उसकीं बेटी के योग्य हो।इसलिए रिश्ता करने से पूर्व पूरी जॉच पडताल करते है।विजय औऱ मीना भी बिना जॉच पडताल किये अपनी बेटी की शादी राहुल से नही करना चाहते थे।लेकिन बेटी की जिद्दके आगे उन्हें झुकना पडा।
विजय ने राहुल से फोन पर बात की।राहुल ने स्पष्ट शब्दों मे कह दिया"मेरा तीन दिन से ज्यादा के लिए आना संभव नही है"
विजय के पास कोई चारा नही था।शादी की सारी तैयारी आनन फानन मे करनी पडी।निश्चित दिन राहुल भारत आया औऱ नीरजा को ब्याह कर आस्ट्रेलिया ले गया।
राहुल घर से जल्दी चला जाता औऱ शाम को देर से लौटता।एक दिन नीरजा बोली"मैं तुम्हारा अस्पताल देखना चाहती हूँ।
"तुम्हें यही रहना है,देख लेना जल्दी कया है?
औऱ बात आईं गई हो गई।कई दिनों बाद नीरजा ने फिर अस्पताल देखने की इच्छा जाहिर की।राहुल ने फिर बहाना बना दिया।नीरजा जब भी साथ चलने को कहती, राहुल कुछ ने कुछ बहाना बना देता।एक दिन नीरजा पीछा करते हुये, राहुल के अस्पताल जा पहुंची ।
और सच जानकर उसके दाम्पत्य की नीवं हिल गई।उसके पापा ने कहा था"फेसबुक पर जो दिखता है सच नहीं होता"।
उसके पापा की बात सत्यसिद्ध हुई थी।
राहुल ने झूठी प्रोफाइल बना रखी थी।वह डॉक्टर नही, कम्पाउंडर था।
जिस रिश्ते की नीवं झूठ औऱ फरेब पर पडी हो।कया उसे जारी रखना चाहिए?
नीरजा स़ोच मे डूबी थी।

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