प्यार का ज़हर - 50 Mehul Pasaya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार का ज़हर - 50

रिहान : अच्छा तो चलो दिखाओ कहा कहा पर है. जरा हमे भी तो पता चले.

फटेला : हा चलो जरूर दिखाएंगे.

रिहान : फटेले भाई अब देखना में रितेश भाई को कैसे अमीर बनाता हूं.

फटेला : ओ अच्छा क्या बात है. क्या करोगे ऐसा जो अमीर बना दोगे रितेश भाई को. वो पहले से ही अमीर है.

रिहान : हा जरूर होगा लेकिन उनसे भी बड़े बड़े लोग है. में रितेश भाई को सबसे बड़े वाला अमीर बनाऊंगा.

फटेला : अरे हम कुछ नहीं कर पाए तो तुम क्या कर लोगे.

रिहान : बस देखते जाओ तुम.

फटेला : अरे रिहान भाई ये रितेश भाई का फोन आया है.

रिहान : हा उठाओ क्या केहते है.

फटेला : हा भाई बोलो क्या हुआ.

रितेश : अरे ये ना कुछ लोग आए है. जो खुदको बता रहे है. की ये लोग रिहान के मम्मी पापा है और उसके दो भाई आए है. और वो तीन लोग आए है. जिनको हमने पकड़ा था.

फटेला : अच्छा रुको में भाई को पूछता हू. अरे रिहान भाई आपके घर से कोई आया है.

रिहान : लाओ दो मुझे. अरे रितेश भाई जरा उनको फोन देंगे मुझे उनसे बात करनी है. हेल्लो मम्मी क्या कर रहे हो.

गायत्री : बेटा रिहान कहा हो कल से तुम गुम हो. और घर क्यू नहीं आए.

रिहान : अरे मम्मी ऐसी बात नहीं है. बस मुझे इन लोगो की मदद करनी है. और कुछ नहीं. लेकिन में अपना काम करके जल्दी आ जाऊंगा ठीक है. आप फिक्र मत करिए.

गायत्री : में कुछ नहीं सुनना चाहती तुम अभी के सभी यहां पे आओ.

रिहान : हा मम्मी अभी आया.

फटेला : क्या हुआ रिहान भाई.

रिहान : चलो जल्दी मम्मी ने वहा कब्ज़ा कर लिया है. अगर थोड़ी देर और यहां पे रह गए. तो मम्मी उन लोगो की हालत खराब कर देगी. चलो जल्दी से.

फटेला : हा चलो जल्दी.

एक घंटे के बाद ( रितेश का अड्डा )

रितेश : लीजिए. रिहान आ गया.

गायत्री : रिहान सच में तुम इस इंसान के पास रहना चाहते हो. जो कि एक गुंडा है. और आप लोग कोन हो. ओ याद आया आप लोग वहीं हो ना जिसके पीछे रिहान ने यहा रहने की सोच ली ये सब आपकी वजह से हुआ है. ना आप लोग यहा पे फसते. और नहीं रिहान यहा अब अगर रिहान को कुछ हुआ तो ठीक नहीं होगा. याद रखना तुम तीनों के तीनो.

राज : आप फिक्र मत करिए रिहान को हम कुछ नहीं होने देंगे और इस जगह पे और इस रितेश जैसे गुंडे के पास तो बिल्कुल नहीं रहने देंगे.

सरस : रिहान जी आप ऐसे क्यू कर रहे हो. चलो ना अब यहा से. इस गुंडे के पास आप नहीं रेह सकते.

रिहान : आप लोग फिकर मत करो. मुझे कुछ नहीं होगा और में यहा कोई ग़लत मंशा से नहीं रेह रहा हूं. और अगर आपको ऐसा लगता है. में यहा ठीक नहीं हूं. तो फिर में यहा पे घर से आऊंगा ठीक है.

रितेश : देखो मुझे कोई दिक्कत नहीं है. और यहा पे साफ साफ तरीके से बता देते है. आप सभी को की यहा पे सब निजी धंदा होता है. जोकि इस रिहान भाई को भी करना पड़ेगा. और इसकी हिम्मत देख कर रखा है. मैने में इसको कभी नहीं जाने दूंगा. हा अगर ये अपने घर से आना चाहता है. तो बिल्कुल आ सकता हमे कोई दिक्कत नहीं है.

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