प्यार का ज़हर - 49 Mehul Pasaya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

प्यार का ज़हर - 49

( अगली सुबह ) | यादव वीलास |

सुमित : यार मम्मी रिहान अभी तक आया नहीं है. और उसका एक फोन भी नहीं आया है. और नहीं उसके कोई दोस्त का फोन आया.

गायत्री : अरे में कल रात से परेशान हू. सुमित बेटा कल का पूरा दिन हो गया है. और पूरी रात बीत गई है.

सुमित : ये कुछ ज्यादा हो गया है. में कुछ करता है आप रुकिए जरा.

रित्विक : यार सुमित भाई मुझे पता है. रिहान भाई कहा है.

सुमित : तो बोलना भाई कहा है रिहान भाई.

रित्विक : वो ना एक लड़की बचाने गया वहा के गुंडों ने उसको वहा रख लिया. और वो मान भी गए.

गायत्री : लेकिन वो ऐसा कैसे कर सकता है. ये ठीक नहीं किया उसने सुमित बेटा तुम अभी वहा जाने की तैयारी करो मुझे अभी उसे मिलना है. और पूछना है. कि वहा जाने की क्या जरूरत पड़ गए उससे.

सुमित : हा मम्मी अभी करता हूं रुकिए.

राकेश : अरे भाग्यवान रिहान का कुछ पता चला.

गायत्री : उसकी के बारे में तो बात कर रहे है. अभी तक कुछ पता नहीं चल रहा है. ना जाने कहा गया मेरा बेटा. खाना खाया होगा या नहीं मुझे बहुत फिकर हो रही है. उसकी चलो ना जाते है. उसके पास.

राकेश : हा चलो रित्विक बेटा चलो गाड़ी निकालो. और उस लड़की को तो में देख लूंगा. उसकी जान बचाई और फिर वो ऐसे कैसे उसको जाने देती है. उसके सामने सब हो रखा था फिर भी उसने कुछ नहीं कहा हद है.

सुमित : चलो मम्मी गाड़ी तैयार है.

गायत्री : हा आ रहे है. रुको ज़रा एक तो ये चिडी हमे चड़ी नहीं जाती.

[ कुछ देर बाद... ] ( जोशी वीलास )

सरस : राज भैया मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा है. उस लड़के ने उस गुंडे के पास जाकर अच्छा नहीं किया. यार उसके घर वाले क्या कहेंगे हमे की उसके घर की बेटी की जान बचाई. और फिर उसके बेटे को हमने वहा जाने से रोका नहीं.

राज : हा लेकिन हमने कितना मना किया वो मना ही नहीं.

राहुल : तो चलो अभी जाते है. और मनाते है. की वो जगह छोड़ दे.

सरस : हा ये सही रहेगा ठीक है. यही करेंगे अब चलो आप दोनों.

प्रणाली : अरे रे सुबह सुबह कहा चले हा. नाश्ता करो पहले फिर जहा जाना हो जाना ठीक है.

सरस : अरे मम्मी ज्यादा देर नहीं लगेगी बस नजदीक ही है. हम आ जाएंगे जल्दी से. आप ये नाश्ता बाकी के लोगो बोल्दो कर लेंगे हम तीनो बाद में कर लेंगे. क्यू की अभी हमे जाना पड़ेगा.

राहुल : हा मम्मी हमारा जाना जरूरी है. हम वापस आकर कर लेंगे नाश्ता.

प्रणाली : ठीक है फिर. लेकिन संभाल कर जाना ठीक है. और हा राहुल बेटा अपना फोन साथ में लेजाना हॉस्पिटल्स फोन आ सकते है.

राहुल : हा मम्मी ठीक है.

[ कुछ देर बाद... ]

रिहान : अरे ये इतना बड़ा घर किसका है. फटेले भाई.

फटेला : ये अपने रितेश भाई का हवेली है. ऐसे कई सारी हवेलियां होगी आपको अभी तक पता नहीं है.

आगे जान्ने के लिए पढते रहे प्यार का ज़हर और जुडे रहे मेरे साथ