प्यार का ज़हर - 10 Mehul Pasaya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

प्यार का ज़हर - 10

राज : ठीक है. नहीं करेंगे लेकिन एक बात बताओ अब में ना ऐसे चिपके चिपके नहीं मिल सकता. तुमसे अब में शादी की बात करने आने वाला हूं. तुम्हारे घर पर ठीक है. अब और इंतज़ार नहीं कर सकता जो भी हो.

हयाती : हा लेकिन संभाल के अंकल आंटी को लेकर आओगे. तो बेहतर रहेगा ठीक है. वरना आपको कोई ग़लत समझ बैठेगा ठीक है. अब और बताओ घर पर सब कैसे है.

राज : हा ठीक है. में मम्मी और पापा को साथ ले आऊंगा. और मेरी चोटी बहेन को भी. और पापा को भी लाऊंगा. पर उसे पहले मुझे उन सबको इस रिश्ते के लिए मनाना होगा. वरना नहीं माने तो दिक्कत हो जायेगी. हमें उल्टे रास्ते अपनाने पड़ेंगे.

हयाती : अरे नहीं. आप ऐसा बिल्कुल नहीं करोगे. ठिक हम ऐसा नहीं करने देंगे. सब सही तरीके के से होना चाहिए. ना की सबके दिल तोड़ कर अपने दिलों की सुने ओके सबको मना कर फिर शादी का बैंड बाजा बारात बजवाएंगे ठीक है.

राज : चलो देखते है. क्या होता है. आगे क्यू की मैने तो सोच रखा है. कि मुझे आगे क्या करना है. फिर चाहे फैमिली माने या फिर ना माने में तो अपना काम करके रहूंगा जो भी हो.

हयाती : अरे मान जाएंगे आप फिकर मर करो आप बस हमसे प्यार करो. और कुछ नहीं ठीक है ना.

राज : अरे बाहों में तो घिरे हुए हो. और कहा जाओगे.

हयाती : नहीं ऐसा नहीं चलेगा मुझे किस्स चाहिए.

राज : किस्स पर ये तो पब्लिक प्लेटफॉर्म पर नहीं कर सकते ना. समझो थोड़ा सा.

हयाती : ठीक है. तो जगह चेंज करते है. और क्या पर मुझे किस्स चाहिए जो भी हो.

राज : अच्छा पर ये सब शादी के बाद ही सही लगता है. ओके बस कुछ वक़्त का ही तो फर्क है. इतना तो वेट कर लो.

हयाती : ठीक है. फिर जाओ पहले त्यारी करो शादी की ठीक है. बिना वक़्त गवाए क्यू की. अब हम ये शादी जल्दी करना चाहते है जो भी है.

राज : ठीक है. फिर में कल ही शादी की बात के लिए आता हूं. तुम्हरे घर और क्या.

महेर : अरे मम्मी भैया अभी तक नहीं आए.

प्रणाली : हा वो थोड़ा बाहर गए और वो हमेशा ऐसे ही देर करते है. पता नहीं ऐसा तो क्या करने जाते है.

महेर : ठीक है. फिर आज पूछना ही पड़ेगा. आने दो उनको.

प्रणाली : ये लो नाम लिया. और महाशय हाज़िर हो गए. अब पूछ ही लो इनसे. की क्या बात है.

राज : अरे किसको क्या हुआ मम्मी सब ठीक तो है ना.

महेर : अरे भैया आप कहा गए थे. इतनी देर लगादी आने में. और ऐसा तो क्या काम था. जो कि आप आ नहीं पाए पता है. यहा पे तूफ़ान आ गया था. अच्छा हुआ हम अंदर ही रहे. बहार गए नहीं"

प्रणाली : अरे ये लड़की राज से झूठ क्यूं बोल रही है. जब की उस तूफ़ान को इसने मार कर भगाया है.

राज : किसी को कुछ हुआ तो नहीं ना और पापा कहा है. यार दिख नहीं रहे है.

आगे जान्ने के लिए पढते रहे प्यार का ज़हर और जुडे रहे मे साथ