प्यार का ज़हर - 4 Mehul Pasaya द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार का ज़हर - 4

राज: अरे मम्मी डोंट वरी क्या पता भगवान जी ने इस लड़की की मदद के लिए हमें यहा पे भेजा हो.

प्रणाली : अरे हा बेटा ये बात तो मैने सोची ही नहीं. और प्रभु को डाट दिया माफ करिएगा प्रभु बिना सोचे समझे आप पे गुस्सा हो गए. वैसे अब बच्ची को हम ले जा रहे है. क्यू की इसके बाद इस लड़की पर कोई आफती नहीं आने देंगे हम.

राज : हा मम्मी आप बिल्कुल सही बोल रहे हो. और ये कितनी क्यूट है यार आज से ये मेरी चोटी बहेन.

प्रणाली : और आज ये मेरी बेटी है आज प्रभु ने तीन तीन चमत्कार कर दिए. माँ को बेटी मिल गए और बेटी को मा मिल गए और भाई को बहेन मिल गए धन्य हो प्रभु.

राज : ओके क्युटी अपना नाम तो बताओ क्या है.

महेर : जी मेरा नाम महेर है.

प्रणाली : अरे वाह कितना प्यारा नाम है महेर.

राज : मम्मी चलो अब यहा से अब सामान लेके घर जाएंगे. और घर क्यूटी को खाना भी खिलाना है. फिलहाल इसकी भूक मिटाने के लिए हम कुछ ले लेते है.

प्रणाली : हा बेटा चलो और हा इसके लिए कुछ चॉकलेट भी ले लेना ठीक है.

महेर : हा मम्मी ठीक है लेलूंगा.

《 कुछ देर बाद... 》

रवि : मनीष अग्रवाल आपने कहा था कि दो दिन में काम हो जाएगा. लेकिन आपने अभी तक उस काम को दबाए हुए रखा हुआ है. क्यू पर पहले उसे पूरा कीजिए ना बाद में दूसरे का काम करिए. आप हमारा चोड कर सबका कर दे रहे हो पर हमारा नहीं क्यू?. हमसे क्या दिक्कत है. आपसे क्या काम से पहले के पैसे नहीं मिले या काम के पैसे नहीं देने को बोला क्या? क्या हुआ क्या है. ज़रा बताओ तो सही यार.

मनीष : अरे सहाब शांत हो जाईये सब हो जाएगा. आप फिक्र मत करो. और हा आज शाम तक का वादा करता हू. में आज शाम तक ये काम आपको करके भेज दूंगा ठीक है. आप अभी जाइए.

रवि : हा ठीक है. लेकिन सिर्फ आज शाम तक का वक़्त ठीक है. उसे एक मिनट एक सेकंड भी लेट नहीं. वरना अंजाम भूकत ने के लिए तैयार हो जाओ.

मनीष : ठीक है. हम ये करने के लिए भी तैयार है. बस आप बे फिकर रहिए बे वजह घबराहट ला रहे है. खुदके अंदर थोड़ा आराम रखिए सर.

रवि : हा हा अब आराम करने जा रहा हूं ठीक है. मुझे मेरा काम आज शाम को पुरा हुआ चाहिए.

मनीष : ठीक है. सहाब मिल जाएगा आपका काम आपको अब जाए. आप तो हम काम शुरू करे.

रवि : हा हा करो रोक कर किसने रखा हे.

मनीष : आपने. क्यू की आप कबसे यहा पर आकर चपर चपर कर रहे है.

रवि : हा हा जा रहा हूं. बाबा माफ करो हमे. और अब मेरा काम पूरा करो ओके.

मनीष : अरे हा सहाब और कुछ. दिमाग खराब करके रख दिया सुबह सुबह.

आगे जाने के लिए पढते रहे प्यार का ज़हर और जुडे रहे मेरे साथ