Junoon - ishq ya badle ka.. - 24 books and stories free download online pdf in Hindi

जुनून - इश्क या बदले का... - 24

" मुझे सेक्रेटरी के साथ साथ अपनी असिस्टेंट भी तो बना लिया है इस पागल इंसान ने , पता नहीं में इतने वर्कलोड़ के साथ अपना काम कैसे करूंगी " सिमरन बिना कुछ सोचे समझे बेखयाली में कुछ भी बोल देती हैं । लेकिन उसे तुरंत अपनी ग़लती का एहसास होता है । कि अभी अभी उसने क्या बोल दिया ।

वो बिल्कुल भी नहीं चाहती थी के उसकी वजह से कभी भी दादी और आरव के बीच कोई लड़ाई या बहेस हो ।

सिमरन की बात सुन दादी गुस्से से आरव की तरफ देखकर उसे कुछ बोलने ही वाली थी कि सिमरन उनका हाथ पकड़ कर अपनी बात को उन्हे समझाती हुई केहती है ।

" अरे दादी मेरे केहने का ये मतलब था , कि रवी जो कि आरव का असिस्टेंट है उसे और भी इंपॉर्टेंट काम थे करने के लिए। तो इसी वजह से मुझे आरव की असिस्टेंट के तौर पर भी उसे ज्वॉइन करना होगा । और इसकी वजह से मेरा वर्कलॉड भी बढ़ जाएगा , इसी लिए में थोड़ा सा परेशान थी । पर डोंट वरी में संभाल लूंगी , आपको मुझ पर भरोसा तो है ना ...?

दादी प्यार से सिमरन के सर पर हाथ फेरते हुए अपनी गर्दन " हा " मे हिला देती हैं । तो सिमरन खुश होकर दादी को हग कर लेती है । दादी भी उसे गले लगा लेती हैं ।

सब लोग खुश थे उन दोनों को इस तरह से देखकर ।

वही आरव भी सब कुछ समझ रहा था , वो कोई बेवकूफ़ इंसान तो था नहीं , कि वो ये ना समझ पाए , कि सिमरन ने जिस तरह से दादी के गुस्से को संभाला , वो इस लिए ताकि उसके और दादी के बीच किसी भी तरह कि कोई बहस ना हो । और सिमरन जिस तरह से इस Situation को handle किया है , उसे देखकर आरव काफी ख़ुश था ।

लेकिन वो अपने चेहरे से ऐसा कुछ दिखाता नहीं है । वो अपने एक्सप्रेशन लेस चेहरे से सिमरन को एक नजर देखता है । और वहां से उठ कर अपने कमरे में चला जाता है ।

घर के बाकी सब भी अपने अपने कमरे मे चले जाते है ।




एक हफ्ते बाद...💞💞💞💞

सिमरन ने आरव की पर्सनल सेक्रेटरी और असिस्टेंट के तौर पर उसे ज्वॉइन कर लिया था , जिस कि वज़ह से वर्कलोड ज्यादा होने के कारण उसे सांस लेने कि भी फुरसत नहीं मिलती थी , लेकिन उसके काम के प्रति इतनी डेडीकेशन को देखकर आरव काफी इंप्रेस था । और इस एक हफ़्ते में ऑफिस के एम्पलॉइज भी उसके स्वीट , काइंड और हेल्पफुल नेचर से काफी इंप्रेस थे , और उसे काफी पसंद भी करते थे । इन दिनों उसके ऑफिस मे तीन अच्छे दोस्त भी बन चुके थे । राहुल , नेहा और निशा इन तीनों के साथ उसकी अच्छी खासी बोंडिंग हो चुकी थी।

वहीं अक्षय भी आज इंडिया वापस आ रहा था , लेकिन इन दिनों सिमरन के बिज़ी होने के कारण उन दोनों कि आपस में बात ही नहीं हो पा रही थी । इसी लिए अक्षय उसे नहीं बता पाया था कि वो आज इंडिया आ रहा है । लेकिन अक्षय ने डिसाइड किया था , कि वो इंडिया आ जाने के बाद सिमरन से बात करेगा ।

राजावत पैलेस...💞💞💞💞

रात के 1:30am बजे ...

सिमरन का कमरा ...
सिमरन पता नहीं कब से अपने लैपटॉप स्क्रीन अपनी नज़रे गड़ाए बैठी थी , जिस पर राजावत पैलेस के सारे सीसीटीवी कैमरे कि फुटेज लाइव चल रही थी । सिमरन ने राजावत पैलेस के सारे सीसीटीवी कैमरे को अपने अंडर कर लिया था । उसके लिए ये करना आसान नहीं था , उसे बोहोत टाइम लगा था यहां के सीसीटीवी कैमरों को हैक करने में क्यों की ये कोई आम कैमरे नहीं थे जिसे कोई भी इतनी आसानी से हैक करले , लेकिन वो भी तो कोई आम हैकर नहीं थी ।

सिमरन कबसे अपने लैपटॉप स्क्रीन पर देख रही थी , कि किसी के रूम कि लाइट्स ऑन तो नहीं है , कहीं कोई जाग तो नहीं रहा , जब वो स्योर हो जाती है कि सारे रूम कि लाइट्स ऑफ़ हो चुकी है , सब सो चुके हैं ।

तब जाके सिमरन अपने हाथों में ग्लब्स और चेहरे को कवर कर लेती है । फिर अपने आंखो पर black sunglasses पेहेन कर अपनी कार कि key लेके वो बालकनी कि तरफ़ जाती है । बालकनी में जाके वो अपनी आस पास नज़रे दौड़ाती है , जब वो स्योर हो जाती है कि यहां कोई नहीं है तब वो अपनी बालकनी के पास एक पाईप के जरिए नीचे उतर कर गार्ड्स से छुपते छुपाते हुए गेट से बाहर निकल जाती है ।

( सिमरन ने इतने दिनों में ये तो पता लगा ही लिया था कि राजावत पैलेस में कहां कितनी सिक्यॉरिटी हैं , कहां कहां कैमरे लगे होंगे , और कहां कितने गार्ड्स पेहरा दे रहे होंगे वो सब कुछ जान लिया था । )

राजावत पैलेस से बाहर निकालने के बाद वो सुनसान सड़क पर चलने लगती हैं । लगभग दस मिनिट चलने के बाद वो एक जगह आके रुकती है। जहां उसने अपनी ब्लैक कार को छुपाके रखी थी , वो वहां से अपनी कार निकालती है और हवा के तेज़ रफ़्तार से उस जगह से निकल जाती है ।

राठौड़ पैलेस...💞💞💞💞

दिव्या का कमरा...

दिव्या अपने बेड पर बैठे हुए लैपटॉप पर अपना काम कर रही थी , तभी उसका मोबाईल रिंग करता है ।

" इतनी रात को किस कि शामत आई है जो हमे कॉल कर रहा है !" वो खुद्से ही कहती हुई , साइड टेबल से अपना फोन उठाती है । और मोबाईल चेक करती है तो उसकी स्क्रीन पर ' जंगली बंदर ' ( अक्षय ) नाम फ्लैश हो रहा था , जिसे देख उसे थोड़ी हैरानी होती है ।

वो खुद से ही चिड़ते हुए बड़बड़ाती है ," अब ये हमे कॉल क्यों कर रहा है , ये दी का दोस्त है या हमारा जो आधी रात को हमे कॉल कर रहा है, जो भी हमे नहीं उठाना इसका कोई कॉल वॉल 😏 " , और फिर वो अपने मोबाईल को अपने पास बेड पर रख कर , वापस अपने काम ने लग जाती है।

अक्षय अपने मोबाईल कि स्क्रीन को देखते हुए खुद से , " ये छिपकली मेरा कॉल क्यों नहीं उठा रही , कहीं सो तो नहीं गई ...अरे नहीं इसे और इसकी बेहन को तो रात में उल्लुओं कि तरह जागने कि आदत है । ये तो अभी सोने से रही डेफिनेटली ये मेरा कॉल अवॉइड कर रही है " ये बोलते हुए वो फिर से दिव्या कॉल लगाता है , लेकिन दिव्या फिर नहीं उठाती ।

दो तीन बार अक्षय दिव्या को कॉल लगाता है , बार बार कॉल आने कि वजह से दिव्या इरिटेट होकर फाइनली कॉल रिसीव कर ही लेती है ।

दिव्या लगभग गुस्से से चिड़ते हुए , " क्या हे यार तुम्हे , जंगली बंदर कहीं के , कोनसा तुम्हे हमे करतब दिखाना है , जो आधी रात को कॉल कर कर के हमारे दिमाग का भर्ता बनाए जा रहे हो । तुम्हारे लंदन मे बेशक इतनी रात नहीं हुई होगी , पर यहां इंडिया में रातके लगभग दो बजने आए हैं । कमसे कम टाइम देखकर तो कॉल किया करो " तुम्हे क्या इतना भी नहीं पता के.... " वो उसके आगे और कुछ बोलती उसकी बात को अक्षय बीच में ही काटते हुए चिढ़कर केहता है ।

" अरे ओ ज्ञान कि देवी , अपना ये ज्ञान ना अपने लिए बचाकर रखो समझी , और तुम्हारी इन फालतू बातों के लिए मेरे पास टाइम नहीं है , जल्दी से आके दरवाज़ा खोलो , मे तुम्हारे घर के बाहर खड़ा हूं । "

" अगर तुम घरके बाहर खड़े भी हो , तो उसमे हमे कॉल क्यों..." दिव्या इतना कहते कहते अचानक रुक जाती है । जब उसे रियलाइज होता है , कि अभी अभी अक्षय ने उसे क्या कहा...? " मे तुम्हारे घर के बाहर खड़ा हूं , मतलब वो हमारे घर के बाहर खड़ा है ।" ये विचार अपने मन मे आते ही वो लगभग अपने बेड से कूदते हुए शौक के मारे चिल्लाकर कहती है , " what "

To be continued...❤


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