Junoon - ishq ya badle ka.. - 20 books and stories free download online pdf in Hindi

जुनून - इश्क या बदले का... - 20

आरव ने पहले ही घर में इन्फॉर्म कर दिया था , कि सिमरन उसके साथ ही office hours ख़त्म होने के बाद वापस आएगी । इसी लिए दादी ने उनसे कुछ नहीं पूछा ।

सिमरन सीधा अपने कमरे में चली जाती है , और आरव भी अपने कमरे कि तरफ चल देता है ।

डाइनिंग एरिया...💞💞💞

सब एक एक करके डिनर के लिए डाइनिंग टेबल पर आके बैठ जाते हैं । दादी सिमरन से उसके आज के दिन के बारे में पूछती है , तो सिमरन को समझ में ही नहीं आता की वो उन्हे क्या ही कहे , कि वो बस आज ऑफिस में सोती रही ।

वो दादी को थोड़ा तोड़ मरोड़के , थोड़ी बोहोत बाते बता देती है। ऐसे ही सब का खाना हो जाता है । और वो सब अपने अपने कमरे मे चले जाते हैं , लेकिन सिमरन को थोड़ी देर बाहर टेहल ना था , इसीलिए वो अपने रूम के बजाए , बाहर गार्डन चली जाती है ।

अपने कमरे में जाते वक्त आरुषि का मोबाईल रिंग करता है । आरू अपनी फोन कि स्क्रीन पर नाम देखकर अपने रूम मे चली जाती है , रूम का दरवाजा बंद करने के बाद , वो बेड पर लेट जाती है ,

अपना फोन उठाकर " हैलो " केहाती है ।"

दुसरी तरफ से कोई सक्स , " मेरी बेबी ने मुझे मिस किया...?"

आरुषि मुंह बनाकर , " मेरे पास टाइम कहां था , जो में तुम्हे याद करूं "

वो सक्स हल्के गुस्से से , " o royally , जरा मे भी तो जानूं कहां इतनी बिज़ी थी आप "

उसकी बातो में गुस्सा और जलन साफ़ समझ आ रहा था आरू को इसी लिए उसके और मझे लेने के इरादे से वो उसे और छेड़ने का सोचती है ।

आरू उसके मझे लेते हुए , " हा वो कोई है... जिस के बारे आज कल ना मे कुछ ज्यादा ही सोचने लगी हूं "

आरू कि बात सुन दुसरी तरफ के सक्स की गुस्से से के कारण उसके हाथों कि मुठ्ठी बन जाती हैं ।

वो अपने गुस्से को कंट्रोल करने कि कोशिश करते हुए , " कौन है वो ...? "

आरू अपनी हसी को दबाते हुए , " अरे वो ना दादी के बचपन कि दोस्त के वहां से है , और वो अब हमारे साथ इसी घर में रेहते है । तो बस उन्ही के साथ मेरा टाइम कब निकल जाता है , मुझे तो पता ही नही चलता "

दुसरी तरफ का सक्स उसकी बाते सुनके तो मानो गुस्से से पागल ही होने वाला था , उसकी गुस्से से भौवे तन जाती हैं ।

वो सक्स गुस्से से गुर्राते हुए , " तुम्हे अपनी जान प्यारी नहीं है क्या , जो तुम मेरे अलावा किसी और के बारे में सोचने कि हिम्मत कर रही हो । "

आरू उसके इस तरह से गुस्सा करने से घभरा जाती है । उसे लगता है , कि ये मजाक अब कुछ ज्यादा ही हो गया ।

" अरे , तुम इतना क्यों भड़क रहे हों , मे तो दादी कि दोस्त कि पोती के बारे में केह रही थी , जो हमारे घर में रहने आई है । " , आरू उसे समझाते हुए कहती है ।

" what " वो सक्स हैरानी से कहता है ।

" हा बाबा , दरसअल वो इस शेहेर में नई है , और वो यहां किसी को जानती भी नहीं इसीलिए वो यहां हमारे साथ इसी घर में रहती है । लेकिन में , दादी और रोहन भाई ना उनकी और आरव भाई कि जोड़ी बनाने में लगे हुए हैं । " आरू इतना कहके , उसे अपना सारा प्लान बता देती है । जो उन्हे आगे जाके execute करना है ।

उसकी पूरी बात जानने के बाद वो सक्स रिलेक्स हो जाता है ।

" तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी थी यार " , वो सक्स राहत कि सांस लेकर बोलता है ।

" मैने तुम्हारी जान निकाल दी या तुम मेरी जान निकालने चले थे " , आरू थोड़े गुस्से से बोलती हैं ।

" सॉरी ना बाबा , लेकिन ग़लती भी तो तुम्हारी ही है , तुम जानती हो ना कि में तुम्हे अपने सपने मे भी किसी और के साथ इमेजिन भी नहीं कर सकता , उसके बाद भी तुम यहां मेरे मझे लेने मे लगी हुई थी । " , वो सक्स बोला

आरू मुंह बनाके , " अगर इतना ही प्यार करते हो मुझसे तो फिर मेरी फैमिली से आके हमारी शादी के बारे में बात क्यों नहीं करते...? "
"मैने पहले भी कहा हेना तुमसे , की में हमारे प्यार को तुम्हारी पढ़ाई या तुम्हारे करियर के बीच में कभी नहीं आने दूंगा । मे बस तुम्हारी पढ़ाई पूरी होने का वेट कर रहा हूं । फिर में खुद हमारी शादी का बैंड बजवाऊंगा । I promise " , वो सक्स केहता है।

" क्या सच में...? I am so happy " आरू एक्साइड होकर केहती हैं ।

ऐसे ही थोड़ी देर बात करने के बाद वो फोन रख देती है।




आरव के कमरे में ...

आरव अपने बेड पर बैठ हुए लैपटॉप मे कुछ काम कर रहा था , तभी उसे मोबाईल कि रिंगटोन सुनाई देती है ।

" ये मेरे मोबाईल कि रिंगटोन तो नहीं , फिर ये मोबाईल किसका बज रहा है ।" , आरव अपने लेपटॉप को Shutdown करके बेड से उठते हुए इधर उधर देख कर केहता है ।

तभी उसकी नजर अपने कोर्ट पर जाती है , उसे सड़नली याद आता है , कि उसने सिमरन को उसका मोबाईल तो वापिस किया ही नहीं । वो अपने कॉट कि तरफ जाके उसमे से सिमरन का मोबाईल निकालता है । जिस मे BFF ( अक्षय ) नाम फ्लैश हो रहा था ।

" BFF ये कौन है...? " , आरव खुदसे ही बड़बड़ाता है ।

वो अपने मन में आ रहे खयालों को झटक देता है , और सिमरन को उसका मोबाईल वापस देने का सोच , वो अपनी बालकनी कि तरफ़ चला जाता है , ये देखने के लिए कि सिमरन अभी भी गार्डन मे है कि नहीं , उसने पहले ही उसे गार्डन मे जाते हुए देख लिया था।

वो बालकनी मे आके देखता है तो उसे सिमरन गार्डन मे झूले में बैठी देखती है , और वो चांद को एकटक देख रही थी । उसने अपने आंखो पर चश्मा पहने हुए थे , उसके बालों कि ढीली ढाली चोटी बनाई हुई थी , जिसे उसने अपने एक साइड कि हुई थी , हवा के कारण उसकी लटे बार बार उसके चेहरे पर आ रही थी और उसे वो बार बार अपने कान के पीछे कर रही थी ।

आरव तो बस उसे एकटक देखता ही रहता है , उसकी तंद्रा तब टूटती है , जब मोबाईल फिर से बजने लगता है ।

वो जल्दी से अपने कमरे से बाहर निकलकर गार्डन कि तरफ चल देता है

गार्डन में आके सिमरन के सामने जाके खड़ा हो जाता है , और उसके तरफ मोबाईल करते हुए केहता है ।

" तुम्हारा फोन , जब तुम मेरे केबिन में बने कमरे मे सो रही थी , तब मैने अपने पास रख लिया था , पर तुम्हे देना भूल गया , लेकिन ये कबसे रिंग कर रहा है , देखलो शायद कोई important call ना हो । "

" ओह , थैंक्स " सिमरन झूले से उठ कर , मोबाईल लेते हुए कहेती है ।

और अपना मोबाईल लेके चेक करती है , तो उसपे दो मिसकॉल BFF ( अक्षय ) के आए हुए थे । उसको देखते ही उसके चेहरे पर एक स्माइल आ जाती है । और वो आरव गुड नाईट बोल घर के अंदर चली जाती है ।

वही आरव उसे असमंजस में जाते हुए देखता है , उसे तो कुछ समझ में ही नहीं आया , कि ये BFF है कौन..? जिसके सिर्फ कॉल आने पर से ही सिमरन के चेहरे पर स्माइल आ गई । वो यही सब सोचते हुए घर के अंदर चला जाता है।

घर में आके वो पानी पीने के लिए सीधा किचन कि तरफ चला जाता है । और वो पानी के फिल्टर मशीन के पास जाके उसका बटन प्रेस करके ग्लास में पानी भरने लगता है । लेकिन उसका ध्यान नहीं होता , और पानी ओवरफ्लो होने से फर्श पर गिर ने लगता है ।

कि तभी आरू भी अपने लिए जग में पानी भरने किचन के आती है , तब वो देखती हैं कि आरव ने जो ग्लास पकड़ा हुआ है ओवरफ्लो हो चुका है , और पानी नीचे गिर रहा था । वो जल्दी से जाके उस बटन को प्रेस कर देती है । तब जाके आरव अपने सेंस मे वापस आता है ।

भाई आपका ध्यान कहां था , देखिए ( वो फर्श कि तरफ इशारा करते हुए ) पूरा फर्श गीला हो गया है । आप ठीक तो होना...? आरू परेशान होते हुए पूछती है ।

" हा आरू मे ठीक हूं , वो में कुछ सोच रहा था , शायद इसी लिए मेरा ध्यान नहीं गया कि पानी फर्श पर गिर रहा है । " , आरव उसे शांत कराते हुए केहता है ।

आरू आरव का एक हाथ पकड़कर , "पक्का आप ठीक होना भाई , अगर कोई बात है तो आप मुझसे शेयर कर सकते हो , आई प्रॉमिस आप जो भी कहोेगे ना वो बात हम दोनों के बीच confidential रहेंगी । "

" ऐसी कोई बात नहीं है बेटा I am fine , बस ऑफिस से रिलेटेड कुछ काम के बारे में सोच रहा था , तु ज्यादा मत सोच और जाके सो जा " , आरव उसके सर पर हाथ फेरते हुए केहता है ।

आरू ओके , केहकर जाने लगती है , तो आरव उसका नाम लेता है तो आरू रुक जाती हैं और पलटकर आरव की तरफ वो सवालिया नजरो से देखती है । आरव उसे अपने पास आने का इशारा करता है । आरू उसके पास जाके उसके सामने खड़ी हो जाती हैं।

आरव हिचकिचाहट से , " वो.. मु.. मुझे तुझसे से कुछ पूछना मेरा मतलब जानना था , के ये b.. I mean ये bff का क्या मतलब होता है ।

" भाई आपको bff का मतलब नहीं पता ...? " आरू हैरानी से पूछती है ।

आरव :- " नहीं पता मुझे "

आरू फिर से , आर यूं सीरियस , क्या आप को सच मे इसका मतलब नहीं पता ...?

" अगर मुझे पता होता तो मे तुमसे क्यों पूछता " , आरव इस बार चीड़ कर केहता है ।

आरू को मन ही मन बोहोत हसी आ रही थी , अपने भाई के ऐसे बचकाने सवाल पूछने पर , लेकिन वो अपने इस गुस्सैल भाई के सामने हसने कि हिम्मत नहीं कर सकती हैं , इसी लिए वो अपने आप को जैसे तैसे संभाल कर केहती है ।

"BFF का full form Best Friends Forever होता है। " यानी एक ऐसा फ्रेंड जो आपके बोहोत close हो , जिसे आप अपनी सारी अच्छी बुरी बाते शेयर कर सके , बिना इस बात कि परवा किए कि वो आपको ग़लत समझेगा या फिर आपको जज करेगा । जिसे आप अपने सारे सीक्रेट्स बता सको बिना इस बात से डरे के वो आपके सीक्रेट्स किसी और के सामने रिविल कर देगा , bff मतलब एक ऐसा दोस्त जिस पे आप अपने आप से भी ज्यादा भरोसा करते हो । "

आरव बड़े ध्यान से आरू कि बात सुन रहा था । उसके दिमाग में बस एक ही बात अटक जाती है । क्लॉज फ्रेंड मतलब उसका कोई बोहोत ज्यादा करीबी दोस्त था किस के फोन आने से वो इतनी खुश थी । वो यही सब सोच रहा था कि आरू कि उसे बुलाने पर उसका ध्यान टूटा ।

" By the way, भाई आप ये bff के बारे में क्यों पूछ रहे थे...? ", आरू उसे देख उससे पूछती हैं ।

कुछ नहीं बस कहीं पढ़ा था , मुझे समझ नहीं आया तो सोचा तुझे पूछ लू , अब बोहोत रात हो गई है , जाके सो जा , और मुझे भी सोने दे । ऐसा केहकर वो किचन से बाहर निकलकर अपने कमरे कि तरफ चल देता है ।

आरू उसकी बात सुन मुंह बनाकर वो भी किचन से बाहर निकलकर अपने कमरे कि तरफ चली जाती है ।

सिमरन अक्षय से थोड़ी देर बात कर लेने के बाद अपने रूम कि सारी लाइट्स ऑफ़ करके एक डिम लाइट ऑन कर देती है । और अपने टेडी को हग करके आरम से अपने बेड पर सो जाती है ।

तो वही आरव की तो नींद हि उड़ी हुई थी । वो अपने बेड पर लेटे हुए बार बार बस करवटें ही बदल रहा था । उसके दिमाग में बस आरू कि कहीं हुई बाते ही चल रही थी । वो इरिटेट होकर उठ के बैठ जाता है ।

और खुद से ही बाते करते हुए केहता है , ये लड़की और उसका वो सो कॉल्ड bff मेरे दिमाग से जा क्यों नहीं रहे " उसका कोई भी क्लॉज फ्रेंड , स्पेशल फ्रेंड bff जो भी हो मुझे उससे क्या , मे नहीं सोचूंगा उसके बारे में , जबसे ये लड़की मेरी लाईफ मे आई है , तबसे मेरा दिमाग खराब करके रख दिया है इसने , ना घर से जा रही है और नहीं मेरे दिमाग से पता नहीं कब इस आफत से छुटकारा मिलेगा ।

ऐसा केहकर वो फिर से बेड पर लेट जाता है और सोने की कोशिश करता है । उसे लगभग ढाई , तीन बजे नींद आ आती हैं ।....

To be continued.....


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