Junoon - ishq ya badle ka.. - 16 books and stories free download online pdf in Hindi

जुनून - इश्क या बदले का... - 16

सिमरन जैसे तैसे करके अपने गीले कपड़े निकालती है । और चेंज करने लगती है ।

उसी वक्त आरव वॉशरूम का दरवाज़ा नॉक करके सिमरन से पूछता है ।

तुम्हारे कपड़ों का साइज क्या है ..?..

सिमरन लगभग चिल्लाते हुए :- what ... क्या बोल रहे हो तुम ..?..

आरव चीड़ कर :- बिना तुम्हारे कपड़ों के साइज के बारे में जाने , कपड़े कैसे मंगवाऊंगा में , या तुम्हे अपने वही गीले कपड़े पहन कर घर जाना है ..!

आरव की बात सुनकर सिमरन थोड़ा नॉर्मल होती है , और वो आरव को अपने कपड़ों का साइज बता देती है । और उसे सेम वही कपड़े मंगवाने को केहती है । जो वो आज सुबह पहनकर आई थी । ताकि घर में उसे किसी को पूरी रामकथा ना सुनानी पड़े , वरना वो लोग भी टेंशन लेने लगेंगे । आरव उसकी बात मानकर रवी को कॉल करके सेम वैसे ही कपड़े लाने को बोल देता है ।

वही रवी :- मुझसे तो ग़लती से फॉफी उनके कपड़ों पर गिर गई थी , कोनसा मैने उन्हे कॉफी से नेहला दिया था , जो उन्हे कपडों कि जरूरत पड़ गई ।

रवि अपने मन में उठ रहे सवालों को झटक देता , और अपने बॉस का ऑडर फॉलो करने में ही अपनी बेहतरी समझता है ।

सिमरन बथरोब पेहन कर डोर खोल देती है । और वो धीरे धीरे चल कर बाहर आती है । वो पूरे रूम में अपनी नज़रे दौड़ाती है । तो उसे आरव रूम कि बालकनी में फोन पर बात करते हुए दिखता है।

सिमरन अपने चश्मे को निकाल ने कि कोशिश कर रही थी । जो उसके गीले बालों में उलझे हुए थे , लेकिन वो निकाल ही नहीं पा रही थी , और उसकी वजह से वो irritate हो रही थी ।

आरव अपने फ़ोन कॉल ख़त्म होने के बाद जैसे ही पीछे पलटता है । तो उसकी नज़र सीधे सिमरन पर जाती हैं । जो अपने बालों से चश्मे कि stick निकाल ने कि नाकाम कोशिश कर रही थी ।

आरव अपने क़दम उसकी तरफ़ बढ़ देता है। वो उस के पास जाके उसके हाथ पर अपना हाथ रखकर उसे वही रोक देता है । तो सिमरन उसे सवालिया नजरो से देखने लगती है ।

लेकिन आरव कुछ नहीं बोलता बल्कि उसके हाथों को नीचे करके , वो ख़ुद उसके और पास झाके थोड़ा झुक कर उसकी हाई पोनीटेल को खोल देता हैं। और उसके चश्मे को आरम से निकाल ने लगता है । सिमरन की आंखे अपने आप ही बंद हो जाती है । आरव उसे बस एक टक देखता रहता है । लेकिन जल्द ही वो अपने सेंस मे वापस आ जाता है ।

अचानक सिमरन को रियलाइज होता है , कि उसके दोनों पैर हवा में है , आरव ने उसे अपनी बांहों में उठा लिया था ।

सिमरन झट से अपनी आंखे खोल देती है । और अपनी बड़ी बड़ी आंखों से आरव को बुरी तरह घूरती है । लेकिन आरव को उसके ऐसे घुर ने से कोई फर्क नहीं पड़ता । वो उसे उसी रूम के किंग साइज बेड पर ले जाकर उसे आराम से बैठा देता है । और उस के हाथ से टॉवल लेके वो ख़ुद सिमरन के गीले बालों को पोंछने लगता है ।

सिमरन उसके हांथो से टॉवल लेने कि कोशिश करते हुए केहती है ।

मुझे तुम्हारी हेल्प कि जरूरत नहीं है , मे अपना ख्याल खुद रख सकती हूं , मुझे टॉवल वापस दो ..।

आरव उसकी बात सुनकर उसे घुर कर देखते हुए अपने बॉसी अंदाज मे केहता है ।

तुमसे परमिशन मांगी किसने है , कि में तुम्हारी हेल्प करू के नहीं , मे जो भी करता हूं अपनी मर्जी से करता हूं , मुझे इसके लिए तुम्हारी या किसी कि भी परमिशन की जरूरत नहीं है , और अब ये हिलना डुलना बंद करो , वरना इसी फ्लोर कि विंडो से नीचे फेंक दूंगा तुम्हे...। so keep your mouth shut ...! ( तो अपना ये मुंह बंद रखना...! )

इतना केहकर वो उसके बालों को टॉवल फिर से पोछने लगता है , और सिमरन अपना मुंह फुलाकर मन ही मन आरव गालियां दे रही थी । आरव उसके बालों के पोंछने के बाद टॉवल को साइड मे रख देता है , और जाके ड्रेसिंग टेबल से हेयर ड्रायर लेके सिमरन के बालों को सुखाने लगता है । और थोड़ी ही देर में वो उसे अपनी जगह पर रख देता है।

आरव सिमरन के पास आके अपने घुटनों के बल बैठ कर जैसे ही उसके पैर को टच करने के लिए अपना हाथ आगे बढाता है , कि सिमरन झट से अपना पैर पीछे कि और खींच लेती है।

और गुस्से से आरव को देखकर केहती है ।

ये क्या बत्तामिजी है ...?... क्या कर रहे हो तुम ...?...

आरव भी गुस्से से irritate हो कर केहता है ।

मैने तुम्हे अपने कपड़े साफ करने भेजा था , ना की अपना पैर तुड़वाने के लिए , तो बस उसी पैर को ठीक करने कि कोशिश कर रहा हूं । या तुम लंगड़ाते हुए यहां से जाना चाहती हो ...?...

तो अपना मुंह बंद रखना , और मुझे तुम्हारा पैर देखने दो ...।

ऐसा केहकर वो उसके पैर को अपने हाथों से पकड़ कर थोड़ा मूव करने कोशिश करता है ।

वही सिमरन अपने मन में सोचती है । ( इस सनकी को हो क्या गया है , कड़वे करेले से मीठी चासनी कैसे बन गया ये ...? इतनी जल्दी तो गिरगिट भी अपने रंग नहीं बदलता , जितनी जल्दी ये अजीब प्राणी अपने रंग बदल रहा है । कल तक तो हम इसे एक फूटी आंख नहीं सुहाते थे , तो आज क्या हो गया कि ये जनाब हमारी इतनी केयर कर रहे हैं। ) वो ये सब सोच ही रही थी कि अचानक उसे अपने पैर मे दर्द हुआ तो उसके मुंह से हल्की आह... निकल गई ।

सिमरन को अपने ही खयालों में खोए हुए देख आरव ने उसके पैर को दूसरी डायरेक्शन में घूमा दिया था ।

सिमरन गुस्से से कुछ बोलने हि वाली थी , के आरव उसके पैर कि तरफ़ इशारा करता है । सिमरन अपने पैर को एक नज़र देखती है , तब उसे रिलाईज होता है , कि आरव ने ऐसा क्यों किया ।

आरव जाके फर्स्ट एड बॉक्स में से एक पैन किलर लेके सिमरन को दे देता है , और उसके हाथ में पानी का ग्लास थमा देता है। सिमरन वो पैन किलर ले लेती है।

तभी आरव केबिन का डोर नॉक होता है , आरव जाके डोर खोलता है , तो सामने रवी था जिस ने अपने हाथ में एक बेग पकड़ा हुआ था । आरव उससे बेग लेकर उसे जाने को बोलता है । रवि के मन में बोहोत सारे सवाल चल रहे थे , लेकिन उसकी हिम्मत नहीं होती , अपने शैतान बॉस को कुछ भी पूछने कि , पता नहीं कब वो उसके गुस्से का शिकार बन जाए । इसीलिए वो वहां से खिसक लेता है ।

To be continued. 💫💫💫

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