इंतजार प्यार का - भाग - 26 Unknown Writer द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

इंतजार प्यार का - भाग - 26

सर विक्रम ने जो भी कहा सच है। मेने खुद अभी पता लगाया उसने कुछ पैसों के लालच में आकर उसको कुछ मिला कर दे दिया था जिस वजह से उसको uneasy फील हो रहा था और उसके सर में दर्द होने लगता है। और आपको पता ही ये काम किसने किया हे तो प्रिंसिपल सर ने उससे पूछा की कौन तो पियून उनको बोलता हे की ये सब आदित्य ने किया हे। ये सुन ने के बाद प्रिंसिपल सर शॉक हो जाते हे। क्यों की उनकी और आदित्य के पापा के बीच काफी अच्छे रिलेशन हे। और वो खुद आदित्य को बचपन से जानते थे तो उनको कुछ एक्शन लेने में हिचकिचाहट होती है लेकिन फिर भी वो एक्शन लेते हे। क्योंकि वह अच्छी तरीके से जानते थे की अगर उन्होंने कोई भी एक्शन नहीं लिया तो उनकी ये पोजिशन भी उनके हाथों से छीन सकते हैं। तो उन्होंने जल्दी से आदित्य को अपने केबिन में बुलाया। और आदित्य को 3 महीने के लिए कॉलेज से सस्पेंड कर लेते हैं। और यह रिपोर्ट आगे और सबमिट कर देते हैं। ये बात जब विक्रम और उसकेको पता चली तो एक राहत की सांस लेते हैं। लेकिन सनाया एकदम गुस्से से उबल रही थी। क्योंकि उसको कभी भी उम्मीद नहीं थी कि आदित्य उसके साथ यह सब भी कर सकता है फिर विक्रम और उसके दोस्तों ने मिलकर उसको शांत करवाया। फिर वह लोग क्लास में चले गए। ऐसे हीं तकरीबन 3 महीने बीत गए।
इन तीन महीनों में ज्यादा कुछ नहीं बदला बदला तो सिर्फ इतना कि इन तीन महीनों में सनाया को आदित्य परेशान नहीं कर पाता था ।और ना ही कॉलेज जाता था। और आरव भी आपने दिल की बात जान चुका था। लेकिन फिर भी उसने सनाया से कुछ नहीं बोल रहा था। और वह जानबूझकर सनाया से दूरी बना रहा था। वही सनाया समझ चुकी थी कि आरव उससे प्यार करने लगा है लेकिन वह अपने पास्ट की वजह से उसको प्रपोज नहीं करेगा और ना ही उसको उसके करीब जाने देगा। सनाया ने भी इसके लिए एक प्लान बनाया उसका प्लान था की हर साल सारे स्टूडेंट एक दूसरे के साथ मिलकर असाइनमेंट करते हे। तो वो आरव के साथ मिलकर अपना असाइनमेंट करे जिस bajah se वो आरव के साथ काफी टाइम बिता शक्ति हे। फिर उसने अरब के साथ अपना असाइनमेंट कंप्लेंट करने के लिए प्रिंसिपल को रिक्वेस्ट किया। तो प्रिंसिपल भी मन गए क्यूं की वो सनाया को अच्छी तरीके से जानते थे। और उसको अपना हीं बेटी मानते थे। तो वो जल्दी से उनके क्लास टीचर अभिनय सर को बुलाते हे। और फिर उनको अब समझा देते हे। तो अभिनय सर वहां से प्रिंसिपल को हैं बोल कर वहां से चले गए। फिर वो क्लास में जाकर अनाउंस करते हुए बोलते हे। की इस साल भी आपके लिए पार्टनर assign किया गया हे। और आप लोगों को उनके साथ मिल कर अपना अपना असाइनमेंट कंप्लीट करना हे। फिर सर हर किसका किसी के साथ टीम बनाते हे। उन टीम में एक टीम सनाया और आरव का था। आरव ये जान कर बहुत शॉक हो गया की उसका पार्टनर सनाया हे। वो अभी खड़े हो कर सिर से कुछ बोलता की तभी सनाया जन जाति हे की आरव क्या कहने बाला हे। तो वो जल्दी से अपने डेस्क से खड़े होकर बोलती हे की मुझे इस खडूस के साथ अपना असाइनमेंट कंप्लीट नहीं करना है वरना मेरा असाइनमेंट भी खराब हो जाएगा। यह सुनने के बाद आरव शॉक हो कर सनाया की और देखने लगता हे। और उसको उसकी बातों पर गुस्सा आने लगता हे क्यों की सनाया ने पूरे क्लास के सामने इसकी इंसल्ट किया था। लेकिन फिर भी वो कुछ नहीं कहता। वो बस सिर का रिएक्शन का वैट कर रहा था। वही अभिनय सर सनाया के ऊपर गुस्सा करते हुए बोलते हैं की मैने एक बार जो टीम दे अनाउंस कर दिया तो कर दिया तुम चाहे कुछ भी कहो लेकिन यह टीम अब चेंज नहीं हो सकता। उनको बहुत गुस्सा आ रहा था। क्यूं की सनाया ने उनकी बात को बीच में काट ते हुए बोला था। यह सुनने के बाद सनाया एकदम चुप हो जाती और नीचे बैठ जाती है। और आरव भी कुछ नहीं बोल पाता जिस वजह से वह भी अपना सर नीचे झुका कर बैठ गया। उस दिन से दोनों एक दूसरे के साथ काफी टाइम बिताने लगे थे वह लोग दोनों एक साथ बैठकर कर अपना अपना असाइनमेंट कर रहे थे। आरव भी सनाया का साथ पा कर पहले की तरह खुश रहने लगा था। जिस वजह से सनाया को बहुत खुशी मेहसूस हो रही थी।क्यों की आरव सनाया से दूरी बनाने के प्लान में था। लेकिन सनाया ने उसका प्लान फेल कर दिया। जिस वजह से आरव उससे थोड़ा गुस्सा होता है। लेकिन फिर भी वह सनाया के साथ खुश रहने लगा था यह सोच कर और कुछ नहीं कहता बस धीरे रह जाता है। वही सनाया आरव को हमेशा अपने साथ देख कर बहुत खुश होती थी। और हमेशा उसके साथ कभी शॉपिंग पर और कभी डिनर पर ऐसे चली जाती थी। वही बाकी सब लड़कियां सनाया को आरव के साथ देख कर बहुत चिढ़ रही थी। खास करके श्रुति और उन्हें से जलन होती थी। लेकिन कोई भी सनाया को कुछ नहीं बोल पाता था। वहीं सनाया सबकी आंखों में अपने लिए जलन साफ देख पा रही थी। और उसको काफी प्राउड फील हो रहा था। वहीं आरव के दिल में भी लड़कियों की छवि चेंज होने लगी थी। वह सनाया की और देखते हुए या फिर उसके बारे में सोचते हुए। उसको ऐसे देखकर सनाया को काफी खुशी होती थी। और वो आरव के स्माइल को हीं देख रही थी। वही जब आरव ने देखा कि सनाया बस उसे घूर रही है। तो वह बोलता है जल्दी से अपना असाइनमेंट कंप्लीट करो। सनाया भी जल्दी से अपना ध्यान असाइनमेंट की और देने लगती है। वहीं तीन महीनों में वो दोनो काफी अच्छे दोस्त भी बन चुके थे। लड़कियों में नैना के अलावा सनाया भी उसकी दोस्त थी। सनाया को वो बहुत चाहने लगता है। लेकिन वह अपने डर के वजह से कभी भी उसको नहीं कर सकता इन 3 महीनों में ओ लोग जितना एक दूसरे को जानते हैं थे। कि वह दोनों एक दूसरे को चाहने लगे थे ये बात जब वो लोग एक साथ होते तो तब जान चुके थे। लेकिन आरव डरकर हमेशा अपने कदम पीछे ले जाता था। जिस वजह से दोनों कभी भी एक कपल नहीं बन सके थे इस सोचकर सनाया थोड़ा गुस्सा होने लगती है। लेकिन फिर भी वह आरव को कुछ नहीं कहती क्योंकि वह अच्छी तरीके से जानती थी कि आरव के पास्ट इतना अच्छा नहीं रहा जिस वजह से वह उसको वह सब याद दिला कर उसको फिर से दुखी करके उसके फैसलों मुस्कान छीन ना नहीं चाहती थी। फिर जब दोनों का ही आसान मेंट कंप्लीट हो गया दोनों अपना असाइनमेंट सबमिट करने के लिए जाते हैं सबमिट करने के बाद दोनों जब बाहर आते हैं। तो वह लोग वहां से जाने लगे लेकिन तभी सनाया आरव को बुलाकर उसको लंच के लिए उसके साथ जाने के लिए बोलती है। तो आरव उसको मना कर देता है। और बोलता है कि आज मैं अपने दोस्तों के साथ लंच करूंगा। जिस वजह से सनाया का मूड ऑफ हो जाता है। और वह कुछ नहीं बोलती है और वह जाने लगती है। लेकिन आरव का उसका ऐसे वोडाफोन आप बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। तो उसने सनाया को अपने पास बुलाया और बोला अगर तुम चाहो तो हम लोग एक साथ लंच कर सकते हैं। यह सुनने के बाद समय की आंखों में चमक सी आ जाती है। और अपने उन्हीं चमकती हुई आंखों से अरब की और देखकर बोलती है क्या सच में तो आरव बोलता हां सच में अगर तुम चाहो तो। तो सनाया बोलती है हां जरूर। मैं अभी तुम्हारे साथ चलती हूं। फिर वो आरव के पीछे-पीछे किसी छोटी सी बच्ची की तरह चलने लगी। वही आरव सनाया की इतना क्यूट रिएक्शन देख कर स्माइल करने लगता हे। फिर दोनों हीं वहां से एक रेस्टुरेंट पे जाते हे। जहां पर आरव के दोस्त आरव की वेट कर रहे थे। आरव और समय को एक साथ आते हुए देखकर वह लोग स्माइल करने लगते हैं और कुछ नहीं बोलते। क्योंकि वह जानते थे इन 3 महीनों में आरव और सनाया काफी क्लोज आ चुके थे। जिस वजह से वह लोग भी अच्छे दोस्त बन चुके थे। वह लोग यह भी जान चुके थे कि आरव भी सनाया से बहुत प्यार करने लगा है। लेकिन अपनी अतीत के saye और डर के बजे से उसको कुछ नहीं बोल पाता और ना ही उसको अपने पास आने देता है। फिर सब लोग वहां पर बैठकर एक दूसरे से बातचीत करने लगते हैं थोड़ी देर बाद उनका खाना आ जाता है फिर और लोग खाना खाने के बाद वहां से चले जाते हैं।
एग्जाम का दिन
पूरे के पूरे कॉलेज में जहां भी देखो वहां पर बस स्टूडेंट्स अपना बुक लेकर घूमते हुए मिल रहे थे। और एक साथ मिलकर कुछ डिस्कस कर रहे थे। क्योंकि आज उनका फर्स्ट सेमेस्टर एग्जाम था और इस सेमेस्टर का मार्क उनके फाइनल सेमिस्टर के मार्क मैं मिलने वाला था। जिस वजह से वो लोग इतनी सीरियसली पढ़ रहे थे। तभी वहां पर कुछ लड़के अंदर घुस आते हैं। वहां पर आने के बाद वो लोग किसी को ढूंढने लगते हे और फिर वो लोग एक लड़की को पकड़ कर खींचने लगते हैं। यह देखकर सब लोग शौक हो जाते हैं और उस और देखने लगते हैं। उन लोगों को ऐसे देख कर सब लोगों को बहुत गुस्सा आता है। और वो उस लड़की की हेल्प करने के लिए आगे बढ़ता हे। लेकिन जब वह पहचानते हैं कि वह कौन है तो फिर और डर के मारे रह जाते हैं। और अपना कदम पीछे हटा लेते हे। फिर कोई कुछ नहीं कहता हर कोई बस वहां पर खड़े हुए बस देखते ही रहे थे वही वह लड़की जो जोर से चिल्ला करो सब से मदद मांगती है। लेकिन कोई भी उसके मदद नहीं करता तभी वहां पर आरव और उसके सारे दोस्त आ जाते हैं। और आरव और उनके दोस्तों को देखकर वह आदमी एकदम से घबरा जाता है। और साइड में खड़ा हो जाता है और आरव की ओर देखकर बोलता है यहां क्या हुआ कुछ प्रॉब्लम है क्या हमें बोल दीजिए हम कर देंगे। तो आरव उससे बोलता कि इस लड़की को कहां लेकर जा रहा है। यह सुनने के बाद आदमी भी घबरा जाता है और घबराते हुए बोलता है की आरव भाई इस लड़की ने कल रात को हमारे छोटे साहब के सर में बोतल फोड़ दिया था जिस वजह से उनको बहुत ज्यादा चोट लगी है। और बड़े साहब ने बोला है कि इनको लेकर जल्दी से उनके पास जाने को। तो आरव उस लड़की की और देखता है और उसको देखते हुए पूछता हैं कि क्या ये जो बोल रहे हैं क्या वह सच है तो वह लड़की बोलती है हां यह जो बोल रहे हैं यह सच है। उसने मेरे साथ बदतमीजी की थी जिस वजह से मुझसे गुस्सा आ गया था और मैं पहले से ही नशे में थी जिस वजह से मैंने उसके सर पर बोतल फोड़ दिया था। यह सब बोलते वक्त और लड़की और अबकी और आंखें उठाकर भी नहीं देख रही थी तुम कि वह काफी ज्यादा डरी हुई थी। और वह काफी रो भी रही थी। यह सुनने के बाद आरव बोलता है ठीक हे। जब उस आदमी ने उस लड़की के मुंह से यह सब सुना तो और भी ज्यादा घबरा जाता है। क्यों की वो अपने छोटे मालिक को बहुत जनता था की वो ऐसे काम करते रहते हे। और वह आरव को भी अच्छी तरीके से जानता था। उसको वह आदमी बिल्कुल भी पसंद नहीं थे जो कि लड़कियों की इज्जत ना करें और लड़कियों का अपने सामने कुछ ना समझे। ये सब सोच सोच कर उसको डर लगने लगा तो उसने बोला भाई हमें माफ कर दो हमें पता नहीं था। हमे बस बड़े मालिक ने बोला था इस वजह से हम यहां पर अगये तो आरव उससे बोलता है के ठीक है यहां से जाओ और अपने बड़े मालिक को बोल देना कि गलती उसकी बेटे की है ना कि लड़की की यह सुनने के बाद और आदमी अपना सर हां में हिला देता है और फिर वहां से चला जाता है।
वही ओ लड़की जब पीछे घूम के देखती है तो देखती है। तो आरव और उसके सारे दोस्त वहां पर खड़े थे। और उन्होंने ही उसकी मदद की थी जब उसने वहां पर विक्रम को देखा तो वह दंग होकर उसकी ओर देखने लगी। यही हाल विक्रम का भी था जब उसने उस लड़की को वहां पर देखा तो वह भी आंखें फाड़ फाड़ कर उसको देख रहा था। तो फिर आरव सब से बोलता है की चलो यहां से और फिर सूरज उस लड़की के सामने जाकर उसको पूछता है मिस क्या आप ठीक है। लेकिन वह लड़की उसका कोई भी जवाब नहीं देती क्योंकि वह अभी बस विक्रम को घूरे जा रही थी और यह देख कर सूरज समझ जाता है कि यह लड़की विक्रम को घूर रही है। तो उसने उसको होश में लाने के लिए उसके कंधे पर हाथ रख कर उसे हिला कर पूछा कि क्या आप ठीक है तो और लड़की जल्दी से होश में आती है और बोलते हां मैं ठीक हूं थैंक यू फॉर हेल्पिंग मी इतना बोल कर वह लड़की वहां से चली जाती है। और विक्रम अभी भी शौक में था। वह अभी भी उस शौक से उबर नहीं पाया था सब लोग वहां से जाने लगते हैं जब सूरज देखता है कि विक्रम अभी भी वहां पर खड़ा है और उस लड़की को घूरे जा रहा था यह देखकर उसको थोड़ा अजीब लगता है। लेकिन वह जल्दी से विक्रम के पास जाकर उसको खींच कर अपने साथ लेने लगता है। उसकी खींचने की वजह से विक्रम और रियलिटी में वापस आया और उन सब के साथ चलने लगा।
जब वह लोग कैंटीन में जाकर एक टेबल पर बैठ जाते हैं। तो सूरज विक्रम की ओर देखने लगता है और उसे देखते हुए पूछता है कि क्या तू उस लड़की को पहले से जानता है। यह सवाल सुनने के बाद विक्रम घबरा जाता है और वैसे ही घबराते हुए बोलता है नहीं मैं नहीं जानता तो सूरज उसकी और और भी ज्यादा शक की नजर से देखते हुए बोलता है को मुझसे झूठ मत बोल जल्दी बता जब लड़की वहां पर खड़ी थी। तो तू बस उसे ही घूरे जा रहा था। और वह लड़की जब वहां से गई तब भी तुझे वही दिख रही थी। और तू उसे घूर रहा था और हमारे साथ नहीं आया था तो तेरे और उस लड़की के बीच क्या चल रहा है जल्दी से बोल। तो बिक्रम पूरी तरह से शॉक हो जाता हे। और शॉक हो कर सूरज की और देखने लगता हे। क्योंकि उसको कतई उम्मीद नहीं थी कि वह लोग उसके ऊपर नजर रखे होंगे। तो विक्रम एकदम चुपचाप बैठ जाता है। तभी सूरज का साथ देते हुए नैना भी बोलती है हां यार विक्रम सच बता क्या तू उस लड़की को जानता है। और मुझे लगता है सूरज जिस वजह से जिस तरीके से मुझे बोला उससे लगता है कि तू उस लड़की से प्यार करने लगा और वो भी तगड़े वाला। यह सुनकर विक्रम को और भी ज्यादा शौक हो जाता है। और अब उसको गुस्सा आने लगा। क्यूं की वो अपने दोस्त की ये उड़ती हुई सोच को सुन कर अपना सर देवर में भिड़ा देना चाहता था। और वो अब गुस्सा होते हुए बोलता है कि तुम लोग मेरा हंसी मजाक बनाना बंद करो। और मेरा उस लड़की के साथ कोई चक्कर नहीं है। और ना ही मेरा गर्लफ्रेंड है और ना ही मैं उसका बॉयफ्रेंड। और यह तो इस जन्म में नहीं होने वाला उसके मुंह से यह सब बात सुनने के बाद सब लोग शौक हो जाता है और आरव भी आंखें फाड़ फाड़ कर विक्रम की और देखने लगता है। क्यों की आज से पहले वो लोग कभी भी वो लोग बिक्रम को किसी भी लड़की के ऊपर इतना गुस्सा होते हुए नहीं देखा था। तभी आर्यन विक्रम सब बोलता है अरे यार बता ना क्या हुआ जिस वजह से तू इतना ज्यादा गुस्सा हो जाता है। उस लड़की के नाम लेने भर से हीं तू उसके ऊपर इतना ज्यादा गुस्सा हो जाता है तो विक्रम एकदम चुप हो जाता है और कुछ नहीं बोलता।
तो क्या होता है आगे कोन ही ये लड़की जो की बिक्रम को गुस्सा दिला दिया हे। जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरा ये कहानी इंतजार प्यार का..........
To be continued............
Written by
Unknown writer