टापुओं पर पिकनिक - 2 Prabodh Kumar Govil द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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टापुओं पर पिकनिक - 2

बात कुछ दिन पहले की थी। एक दिन आर्यन अपने स्कूल के मुख्य पोर्च में खड़ा था। वह अपने किसी दोस्त का इंतजार कर रहा था ताकि उसके आते ही दोनों पार्किंग में खड़ी बस में बैठें।
तभी अचानक उसने सुना कि लिफ्ट से निकल कर उसके दो टीचर्स आपस में बातें करते हुए चले जा रहे थे। आर्यन के कानों में उनके जाते - जाते भी उनके कुछ वाक्य पड़ गए।
उनकी पूरी बात न सुन पाने पर भी आर्यन इतना तो समझ ही गया कि वे दोनों ज़रूर उस शब्द के बारे में ही बात कर रहे हैं जो शायद उन्होंने आते समय लिफ्ट में ही देखा होगा। क्योंकि ख़ुद आर्यन का भी ध्यान गया था उस पर।
आर्यन उस शब्द का मतलब तो नहीं समझा था पर उसने ये गौर ज़रूर किया था कि किसी छात्र ने अपने पैन या लोहे की चाबी से कुछ लिख कर लिफ्ट की दीवार को गंदा कर दिया है। बेतरतीब सी लिखावट में लिखा गया ये शब्द अनायास ही आने- जाने वाले लोगों का ध्यान खींच रहा था।
दोनों अध्यापकों ने भी इसे देखा होगा और वो संभवतः इसी के बारे में बात करते हुए जा रहे थे।
अगर आर्यन उस शब्द का मीनिंग समझ जाता तो शायद वो यह सोच कर डर भी जाता कि कहीं जाने वाले टीचर्स ऐसा न सोचें कि आर्यन ने ही उसे लिखा होगा। क्योंकि वही तो इस समय अकेला पोर्च में खड़ा था। और शब्द की चमकती लिखावट भी उसके ताज़ा लिखे होने का सबूत दे रही थी।
ख़ैर, जब आर्यन उसका मतलब ही नहीं समझा तो इस बात से भी क्या डरता कि ऐसी शरारत का इल्ज़ाम उस पर न आ जाए।
हां, दोनों गुरुजन जो बात करते हुए जा रहे थे वो ज़रूर आर्यन ने सुनी थी और उसका मतलब भी वो अच्छी तरह समझ गया था।
एक टीचर कह रहे थे कि अब टीनएजर बच्चे तो ये सब लिखेंगे ही...
दूसरे अध्यापक शायद ये कह रहे थे कि शरारत करने वाले बच्चों को पकड़ने के लिए लिफ्ट में कैमरा लगाया जाना चाहिए।
अब आर्यन की जिज्ञासा ये थी कि ये लिखा क्या है?
क्योंकि ख़ुद गुरुजी कह रहे थे कि ऐसा "टीनएजर" बच्चे लिखते हैं। आर्यन के मन में ये बात कौंध गई कि अगले महीने आने वाले अपने जन्मदिन पर इस बार वो भी टीनएज में प्रवेश करने वाला है।
यही कारण था कि इस बार अपने जन्मदिन को लेकर वह काफ़ी उत्साहित था।
आर्यन ने इस शब्द के बारे में किसी से भी कुछ नहीं पूछा था। शायद वो भी दोस्त के आने पर बस में बैठते ही इस बारे में भूल गया हो। लेकिन उसे ये बखूबी याद था कि वो अब बचपन छोड़ कर किशोरावस्था में विधिवत जाने वाला है। वो रोमांचित था ये सोचकर।
आर्यन ने अपने जिन दोस्तों को अपने ग्रुप "टापुओं पर पिकनिक" में शामिल किया था वो सभी पढ़ाई में अच्छे ही थे पर ख़ुद आर्यन निर्विवाद रूप से उन सब में सबसे ज्यादा इंटेलीजेंट था। वह हमेशा इन सब से आगे ही रहता था और इसलिए उन सब का अघोषित लीडर भी बना ही रहता था। अपने समूह का बेताज बादशाह!