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प्रेत-लोक - 4

सुनील की आँखें लाल सुर्ख हो रहीं हैं, मानो जैसे खून उतर आया हो। रुद्र और मनोज दोनों की हालत बयाँ करने की जरूरत ही नहीं है, उन्हें तो मानों साँप सूंघ गया हो। कमरे की टयूब लाइट चर-चर की आवाज के साथ कभी जलती है और कभी बुझ जाती है, पूरे कमरे में सड़न की बदबू फैल गई। सुनील ने किताब से सर उठा कर रुद्र और मनोज की तरफ देखा।
उसके देखने मात्र से रुद्र और मनोज के प्राण हलक तक आ गए, उसके देखने का तरीका बहुत ही डरावना और भयावह था। सुनील की चमड़ी का रंग बदलने लगा, उसका गोरा रंग अब काला पड़ने लगा, शरीर पर कई जगह गहरे घाव के निशान हैं जिनसे माँस बाहर लटक रहा है। सुनील ने एक बार फिर उसी भयानक और गूंजती हुई आवाज में बोला "तुम सड़ चुके हो, तुम्हारा शरीर सड़ रहा है"।
अचानक सुनील उठ कर खड़ा हो गया, और जोर-जोर से रोने लगा। उसका रोना बहुत ही भयानक है, मानो बहुत से चमगादड़ एक साथ आवाज कर रहे हों। अब तक रुद्र और मनोज दोनों ही अपनी जगह से एक इंच भी नहीं हिले थे। रुद्र, सुनील के हालात देख कर गहरे सदमे में था पर फिर भी उसने हिम्मत से काम लिया और सुनील से पूछा " सुनील क्या हुआ तुझे भाई"
सुनील उसी भयानक आवाज में रोता रहा, रुद्र की बात का उस पर कोई असर नहीं पड़ा।
रुद्र ने एक बार फिर सुनील से वही प्रशन फिर से दोहराया, इस बार सुनील का रुदन बंद हो गया। उसने घूर कर रुद्र की तरफ देखा और खरखराहट से भरी हुई आवाज के साथ बोला " तूँ देख नहीं रहा है ? तुझे में सुनील दिखाई देता हूँ?
रुद्र उसकी बात सुनकर शाँत नहीं हुआ वो फिर बोला " तुम कौन हो और यहाँ कैसे आये "
रुद्र की बात सुनकर उसने कुछ नहीं कहा बस रुद्र को घूरता रहा।
रुद्र ने फिर पूंछ "यहाँ क्यों आये हो, क्या नाम है तुम्हारा"
सुनील रुद्र की बात का कोई जबाब दिये बिना रुम में चहल-कदमी करने लगा। उसके चलने से पायल की आवाज आ रही है, चलते समय हाँथ हिलने से चूड़ियों की आवाज भी आ रही है। रुद्र और मनोज समझ नहीं पा रहे थे ये है कौन है जो चूड़ी और पायल पहने है पर बोलने की आवाज मर्दों जैसी है, पर एक बात तो वो दोनों बहुत अच्छे से समझ गए थे कि सुनील पर इस समय कोई प्रेत का कब्जा है।
सुनील काफी देर तक कमरे में टहलता रहा फिर वो उसी जगह बैठ गया जहाँ पहले बैठा था। वो एक बार फिर जोर-जोर से रोने लगा, इस बार उसकी आवाज बहुत तेज थी। उसके रोने की आवाज सुनकर आस-पास के कुत्तों ने भी रोना चालू कर दिया। माहौल बहुत ही भयानक था, ऐसा लग रहा था कि मोहल्ले के सभी लोग या तो मर चुके हैं या बेहोश हैं क्योंकि इतनी तेज आवाजों को सुनकर भी अभी तक न कोई जागा और न ही किसी के घर से कोई आवाज आई। कुत्ते अपनी विशेष शक्ति की वजह से भुत-प्रेत की उपस्थिति जान लेते हैं और भौकने लगते हैं।
पर जानें कैसे उस भयानक और चमगादड़ जैसी रोने आवाज को सुनकर विकास की नींद खुल गई और वो हॉल में आ जाता है। यहाँ आने के बाद सबसे पहले उसकी नजर सुनील पर गई जो जोर-जोर से रो रहा था, विकास को उसकी हालत देख कर समझने में देर नहीं लगी की वो प्रेत बाधित है। फिर उसकी नजर रुद्र और मनोज पर गई, उन दोनों के चेहरे फक्क पीले पड़े हुए थे उनके हाँथ-पैर काँप रहे थे।
रुद्र और मनोज में तो इतनी हिम्मत भी नहीं थी कि वो अपना सर उठा कर विकास में आ रहे बदलाव को देख सकें। विकास का चेहरा लाल हो गया वो अपनी बड़ी-बड़ी आँखों को और बड़ा करके सुनील को देख रहा है। उसके हाँथ किसी तान्त्रिक के समान मुद्रा भाव मे हैं, आँखों के नीचे काजल जैसी कालख है, होंठ लाल सुर्ख, चेहरा दमदमाया हुआ है।
विकास ने उसके पास टंगे ब्लैक बोर्ड के नीचे पड़ी एक चाक को उठा लिया फिर रुद्र और मनोज के चारों ओर एक घेरा बना दिया। अब तक रुद्र और मनोज अपने आप को संभाल चुके थे, वो विकास को आश्चर्य से देख रहे हैं पा कोई कुछ बोला नहीं क्योंकि विकास का डील-डोल और हाव-भाव बहुत ही अजीब लग रहा है।
विकास घेरा बना कर वहाँ से उछला और एक ही छलाँग में न सिर्फ सुनील के पास पहुँच गया वल्कि सुनील कुछ समझ पाता उसके पहले ही उसने सुनील के चारों ओर भी एक घेरा बना दिया फिर बोला, "देख शैतान देख मैंने तुझे अब अपनी तांत्रिक शक्ति से कैद कर लिया है, अब तूं या तो इस लड़के को छोड़ दे या में तुझे हमेशा के लिए काले तिलिस्म में कैद कर दूं, तू बता तुझे क्या मंजूर है"
सुनील सहमा हुआ उस घेरे में कैद है अपनी वास्तविक परिस्थिति को देख कर उसी चमगादड़ जैसी आवाज में बोला "तू मुझे कुछ देर तक बांध कर जरूर रख सकता है पर तु मेरा कुछ भी बिगाड़ नहीं सकता"
विकास को सुनील की ये बात सुनकर बहुत गुस्सा आ गया और वो आसमान की ओर दोनों हाँथ उठाकर कुछ मंत्र पढ़ते हुए सुनील के सर पर अपना हाँथ रख देता है, धीरे-धीरे मंत्रों की आवाज तेज होने लगती है, इसके साथ-साथ सुनील की छटपटाहट भी बढ़ जाती है फिर सुनील बेहोश होकर घेरे में ही गिर जाता है।
विकास, सुनील को उसी हालत में छोड़ कर रुद्र ओर मनोज को देखते हुए कहता है "शैतान कुछ समय काल के लिए गया है पर वो फिर वापस आएगा, जैसे तुमने मुझे जगाया है, वैसे ही तुम लोगों ने अपनी गलती से इसे भी जगा दिया है, अब ये इतनी आसानी से तुम लोगों को नहीं छोड़ेगा"।
रुद्र और मनोज सुनील को और विकास को देख रहे हैं पर समझ नहीं पा रहे हैं कि सुनील के अंदर का शैतान कोन था और विकास के अंदर जो शक्ति है वो उनके लिए सही है या नही!

अगला भाग क्रमशः - प्रेत लोक-5

सतीश ठाकुर

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