तितली एक छोटा सा जीव जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है ख़ासकर बच्चों को। यदि तितली सुनहरे रंग की हो तो आकर्षण हजारों गुना बढ़ जाता है।
जोहन आज बहुत बेचैन था और वह मन को शांत करने के लिए गार्डन में गया वहां उसने देखा रंग बिरंगी तितलियां एक फूल से दूसरे फूल पर जाकर बैठ रही हैं यह नजारा उसे बहुत ही अच्छा लगा उसके मन को शांति हुई तभी अचानक से एक तितली उसकी और बड़ी और एकदम पास वाले फूल पर बैठी लेकिन मानो तितली उसी के लिए उस फूल पर बैठी और उससे बात करना चाहती हो। यह उसे बहुत ही अच्छा लगा अगले ही क्षण यह मनमोहक घटना एक अजीब से एहसास से जुड़ गई उसे लगा कि मानो कोई उसे प्रेम का पाठ पढ़ा रहा है प्रेम क्या होता है यह उसे बता रहा है।
किसी प्रेम स्वामिनी ने उसे प्रेम प्रस्ताव भेजा है और तितली उसकी दूत बनकर उसके पास आई है । तुम उदास क्यों होते हो, क्या तुम्हें किसी साथी की तलाश है जिसे तुम बेइंतेहा मोहब्बत करना चाहते हो तो मैंने इस तितली को तुम्हारे दिल का हाल जानने के लिए भेजा है तुम चाहो तो मुझे अपनी प्रेमिका बना सकते हो मैं पूर्णता तुम्हारे योग्य हूं और प्रेम पर मेरा आधिपत्य है। सुखद होगा सुंदर होगा अगर तुम मेरे प्रस्ताव को स्वीकार करो।
जोहन को लगा आख़िर ये उसके साथ क्या हो रहा है। वातावरण का सुखद प्रवाह इतना मदमस्त था कि जोहन को ये सब वास्तविक लगने लगा।
"प्रेमस्वामिनी" वो कौन है? जोहन ने तितली से अति उत्सुकता और कौतूहल से पूछा। ये कैसा नाम है और वो कितनी अनोखी होगी जिसका सन्देश तितलियां लेकर आएं। क्या वास्तव में उनका प्रेम पर आधिपत्य है। अगले ही क्षण जोहन थोड़ा असहज हुआ और बोला अगर ये सच भी है तो उसने मुझे क्यों चुना??
तितली मुस्कुराते हुए, हाँ वो प्रेमस्वामिनी है। सच में उन्होंने आप के लिए प्रेम प्रस्ताव भेजा है। वो अक्सर इस बगीचे में अपनी स्वेदनाओं को भेजतीं है और अनेकों प्रयोजन के कारण वो हमें भेजती रहती है। आज जब तुम एकाएक निश्छल प्रेम की सीमा तक पहुँचे तब उन्होंने तुम्हारे हृदय से निकलने वाली प्रेम तरंगों को अनुभव किया और वो बहुत समय से किसी ऐसे ही व्यक्ति की खोज में थीं जो निश्छल, निस्वार्थ प्रेम कर सके। इसलिए उन्होंने आप के लिए प्रेम प्रस्ताव भेजा है उनका कहना है प्रेम तभी तक विशुद्ध रह सकता है जब तक आपसी सहमति बनी रहे। यदि आप उनका प्रस्ताव स्वीकार करोगे तो वह स्वयं आप से मिलने आएंगी।
जोहन उन्होंने मेरे हृदय में उठने वाली प्रेम तरंगों को अनुभव किया लेकिन मुझे इसका कोई भान नही कि प्रेम की तरंगें,भाव कैसा होता है।
अगले ही क्षण जोहन सुनहरे सपनों की दुनियां में खोता चला गया। उसे बहुत ही सुखद अनुभूति हो रही थी कि आज उसे भी कोई मिल रहा है जिससे वो सीखना चाहता है प्रेम पाठ, अब वो भी चाँद में दर्शन किया करेगा अपनी प्रेमस्वामिनी का। अब वो भी समझा करेगा मन्द मन्द बहती हवाओं के संदेशों को और सुबह सुबह निहारा करेगा अपनी प्रेमस्वामिनी को। अब दोनों खोजेंगे प्रेम के उद्गम और प्रेम के चरम को। अब वह भी जी पाएगा एक सुखद जिंदगी को।
आब वह ख्वाबों की नगरी में घूमने लगा बेंच पर बैठे बैठे बहुत सुनहरे सपने सजाने लगा जिन सपनों में उसकी प्रेमिका उसे गुदगुदा रही है मीठी बातें कर रही है। उसे लगता कि प्रेमिका धीरे से उसके दिल पर हाथ रख कर कहती थोड़ा इंतजार करिए बस मैं तुम्हारे पास आने ही वाली हूँ, फिर हम इस दुनिया को और भी हसीन बनाएंगे और ऐसी मोहब्बत की मिसाल पेश करेंगे कि लोग उसे हमेशा याद करेंगे कभी-कभार जब तितली उसकी ओर बढ़ती उसे लगता उसकी प्रेमस्वामिनी ने यह रूप उसके ही लिए रखा है जो रंग बिरंगी सुनहरी धानी सभी रंगों में बार-बार उसके सामने आ जाती है कभी जब सफेद फूल के सामने से गुजरती तो उसे लगता मानो उसकी प्रेमस्वामिनी ने परी का छोटा सा रूप धारण कर लिया है और जब यदा-कदा तितली उसे स्पर्श करती उसे लगता कि उसकी प्रेमस्वामिनी ने वह एक दूसरे के साथ आत्मसात हो रहे हैं दुनिया का कोई भी बंधन उनके मध्य नहीं हैं यहां तक कि उनके अपनी शरीरों का भी बंधन उनके मध्य नहीं हैं ये क्षण बहुत ही सुखद और अनोखे थे एकाएक जोहन के ख्वाब का सिलसिला टूटता है उसे कोई आवाज दे रहा है अरे भाई क्या घर नहीं जाना? क्या पूरा दिन यही बैठे-बैठे गुजारना है? किस ख्वाब में बैठे हो मेरे भाई क्या किसी ने बहुत ज्यादा सताया है कि तुम परेशान हो?? या किसी के प्रेम में??
जोहन को ये बहुत बुरा लगा कि उसे क्यों जगा दिया। लेकिन ख़्वाब में ही सही उसने भी प्रेम के गुदगुदाते सुखद अहसासों को महसूस किया। वह माली की ओर थोड़ा मुस्कुराया और बोला हां भाई हां जा रहा हूं कल फिर आऊंगा।