#Boycott_chaina
क्या भारतीय लोगों द्वारा वो प्रभावी कदम सिद्ध होने वाला है जिससे चीन को खरबों का नुकसान उठाना पड़ेगा या फिर केवल सोशल मीडिया पर केवल भड़ास निकलने का माध्यम भर!
चीन की विस्तारवादी नीति और भारत के साथ किये गए विश्वासघात जिसके परिणाम स्वरूप #1962 का युद्ध और कई बार छोटे छोटे टकराब जिनमें दोनों देशों ने अपने जवान खोये हो। भारत की जमीन जिसमे अक्साईचीन, अरुणाचल के कुछ भागों पर चीन ने कब्जा किया है और अन्य भागों पर भी अपना हक जमाता रहता है चीन की इस दुष्टता को भारतीय जनता समझ तो चुकी है। जिससे भारतीय लोग पिछले कुछ वर्षों से #होली,#दीपावली पर #चीनीवस्तु का बहिष्कार करते है। सोशलमीडिया पर #Boycott_chaina ट्रेंड होता है कुछ सकारात्मक परिणाम भी सामने आते है।
लेकिन डोकलाम और अब गलवान की हिंसक झड़प जिसमें हमारे 20 जवान शहीद हुए है। देश में चीन का विरोध जोर पकड़ने लगा है।
तो क्या अब चीन को #Boycott_chaina से सबक सिखाने का वक्त आ गया है।
आपको याद होगा पिछले दिनों जबसे #कोरोना पूरी दुनिया सहित भारत में फैला भारत ने चीन से निर्मित चीजों का भारीभरकम विरोध किया @tiktok को बैन करने, भारतीय लोगों द्वारा उसे अन्स्टॉल करने की मुहिम शुरू हुई। परिणाम भी सामने आए टिकटोक की रेटिंग 1.4 तक गिर गयी। ऐसा ही कुछ uc brucer, likee आदि के साथ हुआ। 16 जून 2020 को चीन के साथ हिंसक झड़प में हमारे 20 सैनिक शहीद हुए और टिकटोक की जो रेटिंग 1.4तक गिरी थी वो 17 जून 2020 को 4.6 की रेटिंग थी। आखिर क्यों???
अब आप अनुमान लगाइए कि क्या वास्तव में भारतीय समाज #Boycott_chaina करता है या केवल सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकलने के लिए ट्रेंड चलता है। क्यों कि पिछले कई सालों से यही होता आ रहा है लेकिन चीन द्वारा भारत के साथ व्यापार में तनिक भी अंतर नही आया है।
यहां तक कि सरकार ने सड़कों तथा महत्पूर्ण रेल परियोजनाओं के अरबों के टेंडर चीनी कंपनियों को दे दिए है। चीन के द्वारा विकसित और उत्पादित साधनों का भारत आजतक विकल्प तैयार नही कर पाया है तो कैसे #Boycott_chaina हो पाएगा। आ जब सरकार आत्मनिर्भर भारत का अभियान चला रही है तो ये भी सुनिश्चित करना चाहिए कि चीन या अन्य देशों द्वारा उत्पादित वस्तुओं, तकनीकियों के विकल्प भारतीयों को स्वयं तैयार करने होंगे वर्ना ये भी केवल भड़ास भर बन कर रह जायेगा। देश के 91% लोग #Boycott_chaina करने के लिए तत्पर है लेकिन चीनी वस्तुओं,और तकनीकी का विकल्प न होने के कारण देश की #Boycott_chaina मुहिम फलीभूत नही हो पाती। या दूसरा तरीका है सरकार चीन से व्यापारिक रिस्ते ही तोड़ ले। तब कहीं जाकर चीन को काबू किया जा सकता है नही तो चीन को मालूम हो चुका है भारतीय लोग केवल सोशल मीडिया पर ही #Boycott_chaina कर अपनी भड़ास निकलते है जमीनी स्तर पर नही और इसी लिए वो सीमा पर अपनी नापाक हरकतें जारी रखे हुए है।
अब समूचे भारतीय जनमानस को सरकार पर दवाब बनाना चाहिए या तो सरकार चीन से व्यापारिक सम्बन्ध तोड़े या फिर भारतीय उद्योगों को मदद करे जिससे वो चीनी वस्तुओं का विकल्प तैयार कर सकें।
@राजेश कुमार