नोट- ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इसका किसी भी तरह से जीवित या म्रत व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है, इस कहानी को लिखने का उद्देश्य मात्र मनोरंजन है| ============================== "दीपावली खत्म होने के बाद जहां एक तरफ दिन में बारिश की हल्की हल्की फुहारों ने दिल्ली वालों को सर्दियां शुरू होने से पहले गुलाबी सर्दी का एहसास कराया और सबके चेहरे इस बदले हुये खुशनुमा मौसम की वजह से खिल उठे वहीं दूसरी तरफ शाम ढलते ढलते दिल्ली से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आयी है और वो ये कि दिल्ली के मशहूर और नामचीन बिज़नेसमैन राकेश सिंघानिया का एकलौता बेटा राजवीर सिंघानिया बेहद बुरी तरह से घायल अवस्था में पुरानी दिल्ली के जमुना पुल के नीचे बने पुल को साधने वाले बड़े पिलर्स के ऊपर बेहोश पड़ा मिला है

Full Novel

1

द सिक्स्थ सेंस... - 1

नोट- ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इसका किसी भी तरह से जीवित या म्रत व्यक्ति से कोई नहीं है, इस कहानी को लिखने का उद्देश्य मात्र मनोरंजन है| ============================== "दीपावली खत्म होने के बाद जहां एक तरफ दिन में बारिश की हल्की हल्की फुहारों ने दिल्ली वालों को सर्दियां शुरू होने से पहले गुलाबी सर्दी का एहसास कराया और सबके चेहरे इस बदले हुये खुशनुमा मौसम की वजह से खिल उठे वहीं दूसरी तरफ शाम ढलते ढलते दिल्ली से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आयी है और वो ये कि दिल्ली के मशहूर और नाम ...और पढ़े

2

द सिक्स्थ सेंस... - 2

राजवीर के सिर पर गहरी चोटें थीं, गर्दन की हड्डी में भी सूजन थी ऐसा लग रहा था कि ने उसे जान से मारने की कोशिश की हो और उसके बेहोश हो जाने पर उसे मरा हुआ समझ कर वहां उसे छोड़कर भाग गया हो |पुलिस हर एंगल से जांच कर रही थी और जांच के जो एंगल फिलहाल उनके सामने थे वो थे--राकेश सिंघानिया का कोई बिज़नेस राइवल- राकेश सिंघानिया की किसी से पर्सनल दुश्मनी - अय्याश किस्म के राकेश सिंघानिया का कोई अवैध संबंध या कोई अवैध संतानपुलिस वालों के पास राकेश सिंघानिया के अलावा उसकी पत्नी ...और पढ़े

3

द सिक्स्थ सेंस... - 3

धीरे धीरे करके दिन गुजर रहे थे, राजवीर पर हुये हमले से जुड़े केस में पुलिस की जांच भी रही थी और अस्पताल में राजवीर का इलाज भी चल रहा था लेकिन ना तो पुलिस की जांच में कोई खुलासा हो रहा था और ना ही राजवीर को होश आ रहा था ऐसे में उसके होश में आने का इंतजार करना पुलिस की भी मजबूरी बन गयी थी |समय गुजर रहा था और धीरे धीरे करके चार महीने से जादा हो गये थे राजवीर को कोमा में गये हुये, इतने दिनों के बाद भी राजवीर का शरीर जैसे हिलने ...और पढ़े

4

द सिक्स्थ सेंस... - 4

राजवीर के होंठ हिलाकर फुसफुसाते हुये कहे गये "ईईई" शब्द सुनकर डॉक्टर भी सोच में पड़ गये और आईसीयू बाहर आकर राकेश और प्रीती से बोले- राजवीर ने फिर से खुछ बोलने की कोशिश करी, ऐसा लग रहा है जैसे वो किसी का नाम ले रहा हो, क्या आप लोगों को कुछ अंदाजा है कि उसका कोई दोस्त ऐसा हो जिसके नाम का आखरी अक्षर 'ई' से हो?चूंकि राकेश और प्रीती दोनों ही राजवीर के किसी दोस्त के बारे में नहीं जानते थे इसलिये दोनों ने ही ऐसे किसी दोस्त का नाम पता होने से साफ मना कर दिया, ...और पढ़े

5

द सिक्स्थ सेंस... - 5

उस लिप रीडर ने ये तो बता दिया था कि राजवीर जो कहने की कोशिश कर रहा था वो और नहीं बल्कि एक लड़की का नाम था "सुहासी..!!" लेकिन इस बात का भी कोई फायदा होने नहीं वाला था और इसकी वजह ये थी कि राकेश और प्रीती दोनों में से कोई भी नहीं जानता था कि ये 'सुहासी' कौन है..!! भले किसी को सुहासी के बारे में कुछ पता नहीं था लेकिन राजवीर पर हमला होने के इस पूरे केस में ये पहला ऐसा सबूत था जो इतने महीनों के बाद पुलिस के हाथों में लगा था लेकिन ...और पढ़े

6

द सिक्स्थ सेंस... - 6

जब हर जगह पूछताछ करने के बाद भी इंस्पेक्टर उदय के हाथ सिर्फ इतनी ही जानकारी लगी कि "राजवीर लड़की से शादी करने वाला था और उसके बारे में वो किसी को भी नहीं बताता था और शायद वो लड़की सुहासी ही थी और शायद इसीलिये उसने कोमा में होने के बाद भी सिर्फ उसी का नाम बोलने की कोशिश करी थी..!!" तो ये केस रफ्तार पकड़ते पकड़ते फिर से ढीला पड़ गया था, अब इंस्पेक्टर उदय के सामने सबसे बड़ा सवाल ये था कि इतने बड़े शहर दिल्ली में सुहासी को कहां ढूंढा जाये..!! जहां एक तरफ पुलिस ...और पढ़े

7

द सिक्स्थ सेंस... - 7

सुहासी का मोबाइल नंबर "Not working" देखकर उदय ने सोचा कि हो सकता है जॉब ज्वाइन करने के बाद ने अपना नंबर बदल दिया हो इसलिये उसने जब अमेरिका में स्थित भारतीय दूतावास की रिपोर्ट के आधार पर उस कंपनी में संपर्क करने की कोशिश करी जिसका नाम रिपोर्ट में लिखा था तो कंपनी वालों ने अपने एंप्लॉयज की पर्सनल इन्फॉर्मेशन शेयर ना करने की बात कहते हुये इस जांच में सहयोग करने से मना कर दिया लेकिन इंस्पेक्टर उदय के पास उस कंपनी के जरिये सुहासी तक पंहुचने के अलावा और कोई चारा नहीं रह गया था इसलिये ...और पढ़े

8

द सिक्स्थ सेंस... - 8

सुहासी के घर जाकर भी जब उसके और उसके परिवार के बारे में इंस्पेक्टर उदय को कुछ पता नहीं तब उसका दिमाग जैसे शून्य सा हो गया, उसके दिमाग में अब सबसे बड़ा सवाल था कि "अब क्या??" उसने सुहासी के पड़ोसियों से पूछताछ करके ये जानने की भी कोशिश करी कि उसका कोई रिश्तेदार ऐसा हो जिससे बात करके कुछ अंदाजा लगाया जा सके कि सुहासी और उसका परिवार कहां है लेकिन वहां भी उसके हाथ कुछ नहीं लगा, जब सुहासी के पड़ोसियों से हर तरह से पूछताछ करने के बाद भी उदय के हाथ कोई सबूत नहीं ...और पढ़े

9

द सिक्स्थ सेंस... - 9

थोड़ी देर तक कुछ सोचने के बाद मिलिंद झटके से अपनी कुर्सी से उठा और उदय से बोला- इंस्पेक्टर चलिये.. आप मेरे साथ चलिये सिद्धिविनायक अपार्टमेंट..!! इसके बाद मिलिंद अपने साथ उदय और अपने थाने के दो हवलदारों और उदय के साथ आयी उसकी पुलिस टीम को लेकर उस सिद्धिविनायक अपार्टमेंट के लिये निकल गया जहां सुहासी का फ्लैट था, वहां जाकर मिलिंद ने उस सिद्धिविनायक अपार्टमेंट की सोसायटी के ट्रस्टी से मुलाकात करी और उसे सारी बात जब बतायी तो वो सुहासी के फ्लैट का दरवाजा खोलने के लिये तैयार हो गया, फ्लैट में अंदर जाकर मिलिंद ने ...और पढ़े

10

द सिक्स्थ सेंस... - 10

मुंबई के वरसोवा थाने के इंस्पेक्टर मिलिंद के कॉल और वॉट्सएप पर आये अशोक और मधु वर्धन के मोबाइल कॉल लिस्ट को देखने के बाद अब इंस्पेक्टर उदय के सामने एक बात तो साफ थी कि 90% चांसेज ऐसे हैं जो इशारा कर रहे हैं कि हो ना हो सुहासी के मां बाप ही राजवीर की इस हालत के जिम्मेदार हैं और ये कांड करवाने के बाद जब उन्हें पता चला होगा कि राजवीर मरा नहीं है बल्कि जिंदा है और कोमा में है तो इसीलिये उसके होश में आने से पहले ही वो लोग ये देश छोड़कर चले ...और पढ़े

11

द सिक्स्थ सेंस... - 11

सुहासी इंडिया में है लेकिन वो दिल्ली में है कि नहीं और अगर वो दिल्ली में है तो कहां और अगर वो दिल्ली में नहीं है तो भी वो कहां है..!!राजवीर केस में सवालों की कड़ियां जुड़ते जुड़ते फिर से एक बार खुल गयी थीं और हर बार इंस्पेक्टर उदय की जो जांच एक कदम आगे बढ़कर दो कदम पीछे हट रही थी अब वो दो कदम नहीं बल्कि काफी पीछे हट चुकी थी लेकिन एक चीज थी जिसने अभी भी उदय के मन में थोड़ी उम्मीद जगायी हुयी थी और वो ये कि अगर वो सुहासी को ढूंढ ...और पढ़े

12

द सिक्स्थ सेंस... - 12

उदय को जब पता चला कि राजवीर को होश तो आ गया है लेकिन उसकी याददाश्त वापस नहीं आयी तो वो फिर से इस केस को लेकर निराश हो गया, राजवीर के होश में आने की खबर ने जो खुशी उसे दी थी और इस केस के सॉल्व होने की जो उम्मीद जगायी थी वो एक पल में फिर से नाउम्मीदी में बदल गयी थी |इसके बाद राजवीर के होश में आने के अगले दिन राकेश सिंघानिया और प्रीती सिंघानिया के कहने पर डॉक्टरों ने राजवीर के सारे चेकअप करने के बाद उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया था, ...और पढ़े

13

द सिक्स्थ सेंस... - 13

मौसम जो थोड़ी देर पहले तक सुहावना लग रहा था.. अब खराब होता जा रहा था, काले घने बादलों दिल्ली और आसपास के शहरों के पूरे आसमान को अपने आगोश मेें ले लिया था, ठंडी हवायें जो अभी तक हर किसी को सुखद एहसास करा रही थीं अब वो तेज तेज चलकर आंधी जैसा महसूस करा रही थीं और इन बादलों और तेज हवाओं के बीच हर थोड़ी थोड़ी देर में आसमानी बिजली की चमक आने वाले किसी तूफान का आभास करा के लोगों के दिलों में एक अजीब सा डर पैदा कर रही थी, इंस्पेक्टर उदय ढाबे में ...और पढ़े

14

द सिक्स्थ सेंस... - 14

जिस सुहासी को दिल्ली पुलिस और मुंबई पुलिस जगह जगह तलाश रही थी और फिर भी उस तक नहीं पा रही थी वो सुहासी आज खुद चलकर राजवीर से मिलने आयी थी और इस बात से बिल्कुल अंजान बेचारा इंस्पेक्टर उदय तेज तूफानी बारिश में महिपालपुर चेकपोस्ट पर खड़ा अपनी ड्यूटी कर रहा था!!सुहासी सामने आ तो गयी थी लेकिन एक गंभीर सवाल भी अपने साथ लेकर आयी थी और वो ये कि अमेरिका में अपनी जॉब छोड़ने से लेकर अभी तक आखिर वो थी कहां और वो किस बात के डर से अभी तक छुपी हुयी थी?? राजवीर ...और पढ़े

15

द सिक्स्थ सेंस... - 15

6 साल पहले---राजवीर कल देर रात ही इंडिया से अमेरिका पंहुचा था, रात में ठीक से सो भी नहीं था इसलिये सुबह उसकी नींद खुलने में देर हो गयी थी चूंकि आज कॉलेज का पहला दिन था इसलिये वो लेट नहीं होना चाहता था, उसकी क्लास सुबह 9 बजे से शुरू होनी थी लेकिन जब उसकी आंख खुली तो सुबह के आठ बज चुके थे, जब उसने टाइम देखा तो वो हबड़ दबड़ में जल्दी जल्दी नहा धोकर तैयार हुआ और मुश्किल से बीस मिनट में तैयार होकर बिना कुछ खाये पिये ही होटल से कॉलेज के लिये निकल ...और पढ़े

16

द सिक्स्थ सेंस... - 16

कोई उस क्लास में था जिसे राजवीर और सुहासी का बातचीत करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था वो थे... मिस्टर प्रिंसिपल!! राजवीर और सुहासी एक दूसरे से रस्सा कशी के लहजे में बात कर ही रहे थे कि तभी सामने पोडियम पर खड़े कॉलेज के प्रिंसिपल की आवाज आयी "Dear students may i know that what is that major issue which is more important than this orientation!! Please come here and tell all of us about the biggest problem of the universe which is much more necessary to discuss than my presentation!! Pls come forward!! "अचानक से ...और पढ़े

17

द सिक्स्थ सेंस... - 17

राजवीर हमेशा से बोर्डिंग स्कूल में रहा था इसलिये स्मार्टनेस तो उसके एटीट्यूड में बहुत थी और पर्सनैलिटी भी थी कि कोई उससे एक बार बात करले तो पहली बार मेें ही उसकी तरफ हल्का हल्का सा अटरैक्ट तो होने लगता था और उसके बातचीत के लहजे में तो कमाल की सॉफ्टनेस थी, वो भले एक प्रोफेशनल राइटर और पोयट नहीं था लेकिन जब वो बात करता था तो ऐसा महसूस होता था जैसे वो अपनी बात पोयट्री के लहजे में सामने वाले से कह रहा है, प्यारी सी सधी हुयी स्माइल, सोच समझ के बोली गयीं बातें राजवीर ...और पढ़े

18

द सिक्स्थ सेंस... - 18

पहले दिन तो राजवीर, सुहासी और जुबैर तीनों बहुत जल्दबाजी में कॉलेज पंहुचे थे लेकिन आज दूसरा दिन था वो तीनों ही अपने अपने होटलों से क्लास शुरू होने से पहले ही कॉलेज पंहुच गये थे!! कॉलेज में अंदर जाकर राजवीर ने जब दूर खड़े बात कर रहे सुहासी और जुबैर को देखा तो वो दूर से ही हाथ हिलाकर बोला- हाय गाइज़!! राजवीर की आवाज सुनकर सुहासी ने तो उसकी तरफ नॉर्मल नजरों से ही देखा लेकिन जुबैर... जुबैर उसकी आवाज सुनकर सुहासी से बोला- आ गया विलेन, अब तू देख सुहासी मैं क्या करता हूं!! अपना बैग ...और पढ़े

19

द सिक्स्थ सेंस... - 19

राजवीर से उसका नाम पूछने के बाद सुहासी ने उसकी तरफ हैंड शेक करने के लिये अपना हाथ आगे हुये और मुस्कुराते हुये उससे कहा- Hi.. I am Suhasi Vardhan from Mumbai!!सुहासी का पूरा नाम सुनकर राजवीर ने मुस्कुराते हुये जैसे ही उससे हाथ मिलाने के लिये अपना हाथ आगे बढ़ाया वैसे ही जुबैर सुहासी का हाथ नीचे करते हुये बोला- Suhasi let's go, We are getting late for class!!और ऐसा कहकर वो सुहासी को हल्के से पुश करते हुये वहां से ले गया, सुहासी शायद राजवीर से बात करना चाहती थी इसलिये जुबैर के पुश करने पर वो ...और पढ़े

20

द सिक्स्थ सेंस... - 20

आज का दिन--मौसम अभी भी बहुत खराब हो रहा था, आंखो को बेचैन कर देने वाली तेज रोशनी के तेज तेज कड़कती आसमानी बिजली ऐसी लग रही थी जैसे वो आसमान में नहीं बल्कि ठीक राजवीर के कमरे के बाहर ही कौंध रही हो लेकिन सुहासी को अपने सामने देखने के बाद और उसकी प्यारी सी आवाज फिर से सुनने के बाद राजवीर को जैसे आसमान में हो रही इस तूफानी हलचल से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था!! ऐसा लग रहा था जैसे सुहासी के मुंह से अपने पास्ट के बारे में सुनकर राजवीर को कुछ कुछ बातें ...और पढ़े

21

द सिक्स्थ सेंस... - 21

अगले दिन सुबह -सुहासी हॉस्टल से कॉलेज पंहुच चुकी थी लेकिन ना तो अभी तक जुबैर कॉलेज पंहुचा था ना ही राजवीर!!क्लास शुरू होने को थी पर अभी तक उन दोनों का कुछ अता पता नहीं था, उन दोनों का इंतजार करते करते बेमन से सुहासी क्लास में जाकर बैठ गयी, थोड़ी देर में ही क्लास में टीचर भी आ गयीं लेकिन ना तो जुबैर क्लास में अाया ना ही राजवीर!! क्लास शुरू हुये पूरे पंद्रह मिनट हो चुके थे कि तभी दौड़ता हुआ, हांफता हुआ राजवीर क्लास के गेट पर आया और टीचर से कहा- May i come ...और पढ़े

22

द सिक्स्थ सेंस... - 22

क्लासेज़ खत्म होने के बाद वादे के मुताबिक राजवीर सुहासी को लेकर बॉयज हॉस्टल चला तो गया लेकिन वो भूल गया था कि बॉयज हॉस्टल में लड़कियों को एंट्री अलाउड नहीं है!!राजवीर सुहासी को लेकर जैसे ही हॉस्टल के गेट के अंदर घुसा वैसे ही गेट के ठीक अंदर किसी दुकान के काउंटर जैसे एक स्पेस में बैठे हेड वार्डन ने आवाज लगाते हुये सुहासी से कहा- Excuse me miss!! U can not go inside the boys' hostel!! Dont you know this? उस वार्डन के आवाज लगाने पर सुहासी पलटी और रिक्वेस्ट करते हुये उससे बोली- Sir i am ...और पढ़े

23

द सिक्स्थ सेंस... - 23

जहां एक तरफ राजवीर के कमरे में आने की आहट सुनकर सुहासी ने उसकी डायरी को बंद करके वैसे टेबल पर रख दिया था जैसे वो पहले रखी थी वहीं दूसरी तरफ राजवीर कैन्टीन से सबके खाने के लिये कुछ फ्लेवर्ड ब्रेड केक्स, स्नैक्स और कॉफी ले आया था|राजवीर के कमरे में आते ही अपने बिस्तर पर आंख बंद करके लेटा जुबैर तुरंत उठकर बैठ गया, राजवीर के हाथों में खाने पीने की चीजें देखकर उसकी आंखो में एक अलग ही चमक आ गयी, जुबैर को ललचायी हुयी नजरों से उन चीजों की तरफ देखते देख राजवीर बोला- हां ...और पढ़े

24

द सिक्स्थ सेंस... - 24

राजवीर के दिल में तो सुहासी पहले ही काफी जगह बना चुकी थी पर आज सुहासी को भी अपने में राजवीर के लिये एक खास जगह का एहसास हो गया था!!सत्रह अट्ठारह साल की कच्ची उम्र का पहला प्यार वैसे भी लाजवाब होता है क्योंकि ये वो उम्र होती है जब पहली बार अपना दिल अपने अंदर किसी और के लिये धड़कते हुये शरीर में एक अजीब सी सिहरन पैदा करता है... एक अनजान, बेचैन और बेकरार कर देने वाली सिहरन!!मन बेचैन होता है और उसे अपने सामने देखने के लिये बेकरार होता है,आंखों में नींद नहीं और बस ...और पढ़े

25

द सिक्स्थ सेंस... - 25

कॉलेज शुरू हुये तीन से चार दिन हो चुके थे इसलिये नये दोस्तों में राजवीर के अलावा सुहासी की कुछ लड़कियों से भी हो गयी थी इसलिये लंच ब्रेक होते ही उसकी दो नयी दोस्त उसके पास आयीं और उससे बातें करने लगीं, उन लड़कियों को सुहासी से बातचीत करते देख राजवीर सुहासी की तरफ देखकर मुस्कुराते हुये अपनी जगह से उठा और चुपचाप क्लास से बाहर चला गया, सुहासी अपनी नयी फ्रेंड्स से बात तो कर रही थी लेकिन उसका ध्यान राजवीर की तरफ ही था!सुहासी से थोड़ी देर बात करने के बाद उसकी उन दोनों नयी फ्रेंड्स ...और पढ़े

26

द सिक्स्थ सेंस... - 26

राजवीर की गहराइयों से भरी बातों को सुनकर अपने दिल में उसके लिये और जादा प्यार महसूस कर रही थोड़ा शरारती अंदाज में उससे बोली- हम्म्.. अच्छा जी तो मतलब है कि तुम्हे कोई इंसान अच्छा लगता है तो तुम उसे अपने हिसाब से portray करके अपनी डायरी में लिख लेते हो और उससे बातें भी करते हो, हैना..!!राजवीर बोला- ह.. हां मुझे अच्छा लगता है!!सुहासी राजवीर को देखकर उसी शरारती अंदाज में बोली- इसका मतलब तुम मुझसे भी अपने दिल में खूब सारी बातें करते होगे!! अपनी बात कहते कहते सुहासी ने बड़े नॉटी और बचपने से भरे ...और पढ़े

27

द सिक्स्थ सेंस... - 27

सुहासी को रोते देख राजवीर को इतना बुरा फील हुआ कि भावनाओं में बहकर उसने सुहासी से अपने प्यार इजहार कर दिया लेकिन ये क्या... राजवीर के आई लव यू बोलते ही सुहासी ने एकदम सीरियस फेस बनाकर अपना झुका हुआ सिर ऊपर उठाया और बहुत सीरियस सी हुयी उससे बोली- मैं रो नहीं रही, मैं तो बस तुम्हारे मुंह से वो बात निकलवाना चाहती थी जो तुमने डायरी में लिखी थी!! अचानक से सुहासी की तरफ से आया ऐसा रूखा रूखा रियेक्शन देखकर राजवीर सकते में आ गया और सकपकाया हुआ सा जैसे ही वो बोला "अरे पर ...और पढ़े

28

द सिक्स्थ सेंस... - 28

राजवीर जैसे ही अपने रूम में पंहुचा वैसे ही जुबैर उससे बोला - ए राजवीर तेरे पास सुहासी की बुक रह गयी है क्या? लेकिन इससे पहले कि राजवीर जुबैर के इस सवाल का कोई जवाब दे पाता उसके मोबाइल पर एक अननोन नंबर से एक वॉट्सएप मैसेज आया, उसने जब वो मैसेज खोलकर देखा तो उसमें बस "" ये इमोजी बना हुआ था, इससे पहले कि राजवीर ये समझ पाता कि ये किसका मैसेज हो सकता है उसके वॉट्सएप पर... उसी नंबर से फिर से एक और मैसेज आया और वो भी एक इमोजी "" ही था!! इससे ...और पढ़े

29

द सिक्स्थ सेंस... - 29

शर्माये हुये, ठिठके हुये से कदमों से चलकर सुहासी राजवीर के पास आयी और शर्माती हुयी सी नजरों से तरफ देखकर बोली- तुम्हे पता है राजवीर जब हम पहली बार मिले थे तब तुम्हे देखकर मुझे तुम बाकि लड़कों की तरह ही लगे थे, ऐसे लड़के जो एक लड़की की हल्की सी स्माइल को देखकर ही ये सोचने लगते हैं कि ये तो इज़ी टारगेट है लेकिन जैसे जैसे मैंने तुम्हे जाना, तुम्हे समझा, तुम्हारा नेचर देखा, तुम्हारी नजर और तुम्हारा नजरिया देखा वैसे वैसे मुझे ये यकीन होने लगा कि तुम बाकि लड़कों जैसे बिल्कुल नहीं हो, तुम्हारा ...और पढ़े

30

द सिक्स्थ सेंस... - 30

फ्रेशर्स पार्टी चूंकि कॉलेज कैंपस में बने एक हॉल में ही हो रही थी इसलिये पार्टी वेन्यू हॉल से निकलकर जुबैर चुपचाप सिर झुकाये हॉस्टल की तरफ जाने लगा, सुहासी ने उसे पीछे से दो तीन बार आवाज लगायी लेकिन उसने सुनकर भी अनसुना कर दिया, उसे ऐसा करते देख सुहासी और जादा परेशान हो गयी और दोड़ कर उसके पास गयी और उसके सामने खड़े होकर खीजते हुये उससे बोली- क्या बात है जुबैर तू ऐसा क्यों कर रहा है यार?सुहासी के ऐसे खीजे हुये लहजे में अपनी बात कहते देख जुबैर ने उसे कसके घूर कर देखा ...और पढ़े

31

द सिक्स्थ सेंस... - 31

उस दिन के बाद एक एक दिन करके वक्त गुजरने लगा और हर गुजरते दिन के साथ राजवीर और का प्यार गहरा, गहरा और.. और जादा गहरा होने लगा और प्यार की इस गहराई की वजह शायद ये भी थी कि राजवीर और सुहासी के प्यार के बीच में जिस्मानी जरूरतें कभी नहीं आयीं, वो दोनों एक दूसरे के प्यार में इतना खुश थे कि ऐसा लगता था जैसे उन्हे पता ही नहीं है कि जिस्मानी जरूरतें, इंटिमेट होना.. क्या होता है!!साल दर साल गुजरते गुजरते वक्त कितनी तेज बीता... पता ही नहीं चला!!ग्रेजुएशन के तीन साल और एमबीए ...और पढ़े

32

द सिक्स्थ सेंस... - 32

रूम में जाने के बाद राजवीर ने सुहासी का चेहरा बड़े प्यार से अपनी हथेलियों में भरते हुये कहा- ऐसा नहीं है कि हमने पहले कभी अकेले में समय नहीं बिताया लेकिन ये पहला ऐसा मौका है जब हम इस तरह से होटल के एक रूम में अकेले हैं इसलिये प्लीज तुम बिल्कुल भी अन्कमफर्टेबल ना होना, हमेशा की तरह तु....!! राजवीर सुहासी से बड़े प्यार से और हमेशा की तरह बहुत सहजता से अपनी बात कह ही रहा था कि तभी उसकी तरफ देखकर मुस्कुराते हुये उसकी बातें सुन रही सुहासी ने उसके बोलते बोलते अपने गुलाब की ...और पढ़े

33

द सिक्स्थ सेंस... - 33

राजवीर से नीचे कार में वेट करने की बात कहकर सुहासी वहां से चली गयी, राजवीर भी फटाफट तैयार नीचे गया और दरवाजे के बगल में ही टंगी चाभी लेकर और लॉक खोलकर बाहर चला गया, बाहर जाकर उसने देखा कि सुहासी अपने वादे के मुताबिक कार में बैठी है, सुहासी को इतनी मुश्किलों से और इतने दिनों बाद अपने सामने देखकर राजवीर मन ही मन खुशी के मारे जैसे उछला जा रहा था और ये सोचते हुये कि "जुबैर से मिलकर अमेरिका की यादें ताजा हो जायेंगी फिर हम तीनों कहीं घूमने जायेंगे!!"... कार के पास गया और ...और पढ़े

34

द सिक्स्थ सेंस... - 34

सुहासी के साथ फार्म हाउस के अंदर चलते चलते राजवीर फार्म हाउस में बने एक कॉटेज के पास पंहुच लेकिन वहां भी उसे कोई नहीं दिखाई दिया, वो सोचने लगा कि "सुहासी ने तो कहा था कि यहां तीन लोग परमानेंट रह रहे हैं तो क्या रात में यहां कोई ड्यूटी नहीं देता, सब सोते रहते हैं!!" यही बात सोचकर सुहासी के साथ चलते चलते राजवीर कॉटेज पार करके एक ऐसी जगह पर पंहुच गया जहां पर एक सूखा हुआ स्वीमिंग पूल था!इधर अपने साथी पुलिस वालों के साथ राजवीर का पीछा कर रहा उदय भी ये सोच रहा ...और पढ़े

35

द सिक्स्थ सेंस... - 35

तीन तीन लाशों को एक साथ देखकर वहां खड़े पुलिस वाले बिल्कुल स्तब्ध रह गये थे और उन पुलिस में सबसे जादा हैरान, परेशान और उदास अगर कोई था तो वो था इंस्पेक्टर उदय!!पिछले करीब 6 महीने से राजवीर केस की वजह से वो सुहासी, अशोक और मधु वर्धन का ना सिर्फ नाम बार बार सुन रहा था बल्कि केस का हर एंगल उनकी तरफ ही घूमने के कारण उनके बारे में हद से जादा ना जाने क्या क्या सोच भी रहा था, उसने अभी तक की अपनी जांच में ये कतई नहीं सोचा था कि मारपीट के केस ...और पढ़े

36

द सिक्स्थ सेंस... - 36 (अंतिम भाग)

थाने में लाते ही उदय जुबैर को लेकर बिना देर किये इंटैरोगेशन रूम में चला गया, इंटैरोगेशन रूम में टेबल थी जिसके एक तरफ जुबैर को बिठाया गया और दूसरी तरफ उदय के साथ डीजीपी और दो और सीनियर इंस्पेक्टर बैठ गये, मेज पर माइक रखा था जिसके स्पीकर रूम के बाहर भी लगे थे और उस रूम में चारों तरफ बुलेटप्रूफ कांच लगा हुआ था और रूम के बाहर राजवीर को बैठाया गया ताकि जुबैर की बातों को वो आइडेंटिफाई कर सके कि ये सच बोल रहा है या झूट!!जुबैर से पूछताछ शुरू की गयी, पहले तो वो ...और पढ़े

अन्य रसप्रद विकल्प