द सिक्स्थ सेंस... - 30 रितेश एम. भटनागर... शब्दकार द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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द सिक्स्थ सेंस... - 30

फ्रेशर्स पार्टी चूंकि कॉलेज कैंपस में बने एक हॉल में ही हो रही थी इसलिये पार्टी वेन्यू हॉल से बाहर निकलकर जुबैर चुपचाप सिर झुकाये हॉस्टल की तरफ जाने लगा, सुहासी ने उसे पीछे से दो तीन बार आवाज लगायी लेकिन उसने सुनकर भी अनसुना कर दिया, उसे ऐसा करते देख सुहासी और जादा परेशान हो गयी और दोड़ कर उसके पास गयी और उसके सामने खड़े होकर खीजते हुये उससे बोली- क्या बात है जुबैर तू ऐसा क्यों कर रहा है यार?

सुहासी के ऐसे खीजे हुये लहजे में अपनी बात कहते देख जुबैर ने उसे कसके घूर कर देखा और ऐसे जैसे बेहद गुस्से में हो ऐसे तेज तेज सांसे लेता हुआ बोला- ये क्या हो रहा था स्टेज पर?

सुहासी बोली- यार हम डांस परफॉर्म कर रहे थे और क्या हो रहा था!!

जुबैर बोला- सुहासी मैं बच्चा नही हूं जो तू बहलायेगी और मैं कुछ भी मान जाउंगा, मैं तीन साल से तुझे जानता हूं और इन तीन सालों में शायद ही ऐसा कोई दिन गया होगा जब हम मिले ना हों, तेरे एक एक एक्सप्रेशन से अच्छी तरह वाकिफ हूं और आज राजवीर को देखकर तेरे जो एक्सप्रेशन्स थे वो नॉर्मल नहीं थे, सच सच बता चल क्या रहा है तुम दोनों के बीच?

सुहासी समझ गयी थी कि जुबैर को उसके और राजवीर के बारे में अंदाजा हो गया है इसलिये उसने कुछ छुपाना ठीक नहीं समझा और जुबैर तो उसका वैसे भी बेस्ट फ्रेंड था इसीलिये जुबैर की बात का जवाब देते हुये सुहासी ने कहा- अम्म् जो तू सोच रहा है वो... सही है जुबैर, We love each other and we are couple now!!

ऐसा लगा जैसे सुहासी की ये बात सुनकर तो जुबैर का गुस्सा सातवें आसमान पर पंहुच गया था, वो गुस्से में और जोर जोर से सांसे लेने लगा और कसके दांत भींचकर सुहासी को घूरते हुये उसकी तरफ आगे बढ़ने लगा, जुबैर का गुस्से से तमतमाया हुआ चेहरा देखकर सुहासी का मन घबराने लगा था, थोड़ी देर पहले तक सुहासी का जो चेहरा खिला खिला था वो जुबैर के इस गुस्से वाले रियेक्शन को देखकर बिल्कुल मुरझा गया था, जुबैर गुस्से से घूरते हुये उसकी तरफ बढ़ रहा था और वो जुबैर के गुस्से को देखकर अजीब सा डर महसूस करते हुये एक एक कदम पीछे हट रही थी कि तभी... जुबैर ने जोर से हंसी का ठहाका मारा और हंसते हुये सुहासी से बोला- मतलब अब हमारे बीच में वो चीपो आ गया है!!

सुहासी को आज जुबैर के हाव भाव कुछ अजीब से लगे जुबैर भले ही हंसने लगा था लेकिन उसकी हंसी में कुछ तो अजीब था जो सुहासी को परेशान कर रहा था, जुबैर के ये बात बोलने पर सुहासी डरते डरते बोली- न.. नहीं जुबैर वो चीपो नहीं है, वो बहुत अच्छा है!!

जुबैर टॉंट सा कसते हुये बोला- हां भई अच्छा तो होगा ही, मेरी बेस्ट फ्रेंड को जो उसने मुझसे दूर कर दिया हमारे बीच में आकर!!

जुबैर ये बात बोला ही था कि राजवीर वहां आ गया और उसकी इस बात का जवाब देते हुये बोला- नहीं जुबैर ऐसा कुछ नहीं है यार, तुम दोनों की दोस्ती के बीच हमारा प्यार कभी नहीं आयेगा!!

राजवीर की बात सुनकर जुबैर सुहासी की तरफ देखकर मुस्कुराते हुये बोला- देखा मैंने कहा था ना कि अब राजवीर हमारे बीच आ जायेगा और देख आ भी गया!! अब तो अपनी बेस्ट फ्रेंड से मिलने के लिये मुझे साहब की परमीशन लेनी पड़ेगी!!

अपनी बात कहकर जुबैर जोर से हंसा और हंसते हुये बोला- तुम लोगों के चक्कर में मैंने खाना भी नहीं खाया, बहुत भूख लगी है चलो चलो पार्टी के खाने की वैसे भी बात ही कुछ और होती है, चलो जल्दी चलो!!

ये बात बोलकर जुबैर ने एक हाथ से सुहासी का हाथ पकड़ा और दूसरे से राजवीर का और उन दोनों को लेकर वापस पार्टी हॉल में जाने लगा, उसके साथ जाते हुये सुहासी ने राजवीर को देखा और राजवीर ने सुहासी को, ऐसा लगा जैसे उन दोनों को ही उस वक्त जुबैर का बिहेवियर कुछ अनयूजुअल सा लगा लेकिन वो दोनों कुछ बोले नहीं और चुपचाप हॉल में चले गये!!

क्रमशः