द सिक्स्थ सेंस... - 5 रितेश एम. भटनागर... शब्दकार द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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द सिक्स्थ सेंस... - 5

उस लिप रीडर ने ये तो बता दिया था कि राजवीर जो कहने की कोशिश कर रहा था वो कुछ और नहीं बल्कि एक लड़की का नाम था "सुहासी..!!"

लेकिन इस बात का भी कोई फायदा होने नहीं वाला था और इसकी वजह ये थी कि राकेश और प्रीती दोनों में से कोई भी नहीं जानता था कि ये 'सुहासी' कौन है..!!

भले किसी को सुहासी के बारे में कुछ पता नहीं था लेकिन राजवीर पर हमला होने के इस पूरे केस में ये पहला ऐसा सबूत था जो इतने महीनों के बाद पुलिस के हाथों में लगा था लेकिन ये काफी नहीं था और ये जरूरी भी नहीं था कि जिस लड़की "सुहासी" का नाम राजवीर बार बार बोलने को कोशिश कर रहा था उसका इस केस से कोई कनेक्शन हो , ये भी हो सकता था कि सुहासी और राजवीर के बीच रिलेशन रहा हो और वो उससे बहुत प्यार करता हो इसलिये इस हालत में अपने मां बाप में से किसी का नाम पुकारने के बजाय वो सुहासी को पुकार रहा हो...!!

बात चाहे जो भी हो पर सच्चाई ये थी कि जब से राजवीर पर हमला हुआ था तब से लेकर आजतक इतनी छानबीन करने के बाद और तमाम लोगों से पूछताछ करने के बाद भी इंस्पेक्टर उदय के पास अब जाकर सिर्फ एक ही नाम ऐसा था जिस तक पंहुच कर इस केस में थोड़ा सा ही सही पर आगे बढ़ने की उम्मीद जागी थी और वो नाम था "सुहासी...!!"

चूंकि इंस्पेक्टर उदय पिछले चार महीने से जादा समय से राजवीर पर हुये हमले को लेकर उसके बारे में सारी जानकारियां जुटा रहा था इसलिये उसको पता था कि राजवीर की स्कूलिंग हिमांचल प्रदेश के शिमला से हुयी थी और उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिये वो यूएसए के किस कॉलेज में पढ़ा था लेकिन जब उस को राकेश और प्रीती से पूछताछ में सुहासी के बारे में कुछ नहीं पता चला तो उसने एक प्लान बनाया और अपने साथ तीन पुलिस वालों की एक टीम बनाकर राजवीर के बोर्डिंग स्कूल के लिये शिमला निकल गया जहां राजवीर ने 12th स्टैंडर्ड तक पढ़ाई करी थी |

सुहासी नाम का एक क्लू जो इंस्पेक्टर उदय को इस केस में मिला था उसने उसके मन में ना सिर्फ केस सॉल्व होने की एक उम्मीद जगा दी थी बल्कि उसके मन में इस बात को लेकर एक उत्सुकता भी पैदा कर दी थी कि "देखूं आखिर एक लड़की का इतने बड़े केस से क्या कनेक्शन निकलता है...!!"

दिल में इसी उम्मीद को लिये उदय.. राजवीर के बोर्डिंग स्कूल पंहुच गया था जहां से उसे इस केस के आगे की कड़ी मिलने की पूरी उम्मीद थी लेकिन काफी देर की पूछताछ और स्कूल मैनेजमेंट के जांच में पूरा सहयोग देने के बाद भी उदय के हाथ में कुछ नहीं लगा और इसकी वजह थी कि सुहासी राजवीर के साथ बोर्डिंग स्कूल में पढ़ी ही नहीं थी..!!

बोर्डिंग स्कूल से खाली हाथ लौटने के बाद अब इंस्पेक्टर उदय के पास राजवीर पर हुये हमले के केस की फिर से जांच शुरू करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं रह गया था, अभी तक जो भी जांच की गयी थी वो कई एंगल्स को ध्यान में रख कर करी गयी थी लेकिन इस बार पुलिस का बस एक ही एंगल था और वो था "सुहासी" को ढूंढना और फिलहाल उसी को इस पूरे हमले का जिम्मेदार मानते हुये जांच को आगे बढ़ाना..!!

इसी बात को ध्यान में रखते हुये राजवीर के यूएसए से वापस आने के बाद वो जहां जहां भी गया और जिस जिस के साथ भी वो गया उन सबसे फिर से पूछताछ शुरू करी गयी लेकिन इस बार भी सबका वही जवाब था कि जिस दिन राजवीर पर हमला हुआ उस दिन वो किसी से मिला ही नहीं था और एक बात और थी जो इंस्पेक्टर उदय.. राकेश सिंघानिया के घर के नौकरों से हुयी पूछताछ के बाद पहले से ही जानता था और वो ये कि राजवीर पर हमला जिस समय हुआ वो उस समय से मुश्किल से डेढ़ से दो घंटे पहले ही घर से निकल कर गया था इसलिये ये बात साफ थी कि दिल्ली में वो जिस किसी से भी मिलता था उस दिन वो उनके पास पंहुच ही नही पाया था और उन लोगों पर भी शक करना समय की बर्बादी थी जिनसे राजवीर मिलता था या जिनके साथ टाइम बिताता था क्योंकि राजवीर पर हुये हमले के पीछे उनका कोई मोटिव ही नहीं मिल रहा था लेकिन राजवीर के साथ बोर्डिंग में पढ़े दिल्ली में रहने वाले उन दोस्तों से दूसरी पूछताछ में एक बात थी जो उदय को पता चली थी और वो ये कि राजवीर अक्सर कहता था कि "जल्दी ही तुम लोगों को अपनी शादी में बुलाउंगा" लेकिन उसने सीधे सीधे कभी किसी लड़की का जिक्र नहीं किया था और उसके दोस्त जब पूछते थे कि "कौन है वो और क्या नाम है भाभी का" तो वो मुस्कुरा कर बस इतना कह देता था कि "जब इन्विटेशन कार्ड आयेगा तब देख लेना कि क्या नाम है उसका...!!"

पुलिस को एक ये क्लू तो मिल गया था कि राजवीर का किसी से अफेयर था लेकिन वो लड़की सुहासी ही थी इसके बारे में कोई ठोस सुबूत नहीं पता चल पाया था और अगर वो लड़की सुहासी ही थी तो उदय की समझ में ये भी नहीं आ रहा था कि अगर राजवीर और सुहासी के बीच इतना गहरा रिश्ता था कि वो उससे शादी करने की तैयारी में था तो फिर वो उसका नाम क्यों छुपाता था अपने दोस्तों से...!! ऐसा क्या सीक्रेट था इस रिश्ते में जो राजवीर सबसे छुपा रहा था और घर में भी किसी से उसने सुहासी का कोई जिक्र नहीं किया था...!!

जितना इंस्पेक्टर उदय इस केस की छानबीन कर रहा था उतना ही जादा कन्फ्यूजन उसके दिमाग में बढ़ता जा रहा था ये सोचकर कि आखिर चल क्या रहा था राजवीर की जिंदगी में...!!

क्रमशः