द सिक्स्थ सेंस... - 19 रितेश एम. भटनागर... शब्दकार द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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द सिक्स्थ सेंस... - 19

राजवीर से उसका नाम पूछने के बाद सुहासी ने उसकी तरफ हैंड शेक करने के लिये अपना हाथ आगे बढ़ाते हुये और मुस्कुराते हुये उससे कहा- Hi.. I am Suhasi Vardhan from Mumbai!!

सुहासी का पूरा नाम सुनकर राजवीर ने मुस्कुराते हुये जैसे ही उससे हाथ मिलाने के लिये अपना हाथ आगे बढ़ाया वैसे ही जुबैर सुहासी का हाथ नीचे करते हुये बोला- Suhasi let's go, We are getting late for class!!

और ऐसा कहकर वो सुहासी को हल्के से पुश करते हुये वहां से ले गया, सुहासी शायद राजवीर से बात करना चाहती थी इसलिये जुबैर के पुश करने पर वो राजवीर की तरफ देखते हुये आगे बढ़ गयी और राजवीर भी अपना हाथ आगे बढ़ाये बढ़ाये उसको वहां से जाते हुये देखता रह गया और सोचने लगा कि "इस छोटे हाथी का कुछ करना पड़ेगा, ये कबाब में हड्डी नहीं पूरा का पूरा हड्डा है!!"

आज क्लास में राजवीर.. सुहासी की बेंच की बगल वाली बेंच पर बैठा था और सुहासी अपनी बेंच पर राजवीर की तरफ बैठी थी और सुहासी की दूसरी तरफ Obviously... जुबैर बैठा था!!

क्लास शुरू हो चुकी थी, सामने टीचर पढ़ा रहे थे लेकिन जुबैर और राजवीर की आंखो ही आंखो में रस्साकशी अब भी जारी थी, जुबैर राजवीर को गुस्से से बार बार घूर रहा था और ऐसा उसे लग रहा था कि वो गुस्से में डेंजर लग रहा है लेकिन ऐसा था नहीं, उसके गोल तरबूज जैसे चेहरे पर गुस्सा देखकर बार बार राजवीर की हंसी छूट जाती थी, इन दोनों फनी दुश्मनों के बीच फंसी बैठी सुहासी भी जुबैर के गुस्से वाले एक्सप्रेशन्स नोट कर रही थी और राजवीर की ही तरह उसने भी बहुत मुश्किल से जैसे तैसे करके अपनी हंसी को रोका हुआ था कि तभी जुबैर अपनी जगह पर बैठे बैठे राजवीर की तरफ थोड़ा सा आगे बढ़ा और गुर्राते हुये और किसी जंगली जानवर जैसा अजीब सा मुंह बनाकर अपनी दोनों भौंहे सिकोड़कर उसे घूरने लगा, उसे देखकर पहले से ही मन ही मन हंस रहे राजवीर ने उसके ये एक्सप्रेशन देखकर अपनी वही उंगली सामने कर दी जिससे उसने जुबैर के उस वक्त गुदगुदी करी थी और अपनी उंगली आगे करके उस उंगली की तरफ इशारा करके बिना आवाज के सिर्फ होंठ हिला कर बोला - याद है ना!!

जुबैर और राजवीर के बीच की ये मस्ती देखकर अपनी हंसी रोकते रोकते सुहासी का चेहरा बुरी तरह से लाल हो गया था, उसने पता नहीं कैसे बस किसी तरह से अपनी हंसी को रोका हुआ था!!

इन्ही सब बातों के बीच आज की क्लास खत्म हो गयी थी, क्लास खत्म होने के बाद कॉलेज की बैक ऑफिस काउंसलर ने क्लास में आकर जब सबको ये बताया कि न्यू बैच के सारे स्टूडेंट्स को हॉस्टल के रूम अलॉट कर दिये गये हैं और रूम नंबर के साथ साथ उनके रूम मेट्स की लिस्ट को बाहर नोटिस बोर्ड पर लगा दिया गया है तो राजवीर, सुहासी और जुबैर समेत बाकि के स्टूडेंट्स भी लिस्ट देखने के लिये चले गये, इन तीनों में राजवीर सबसे आगे था और लिस्ट में अपना नाम देखने के बाद वो पता नहीं क्यों अपना हाथ अपने मुंह पर रखकर चुपचाप अपना सिर झुकाये नोटिस बोर्ड से थोड़ी दूर एक पिलर के पास जाकर और उसकी टेक लेकर खड़ा हो गया और अपनी हथेली से अपने होंठ ढक कर नोटिस बोर्ड के पास खड़े होकर अपना अपना रूम नंबर खोज रहे सुहासी और जुबैर की तरफ देखने लगा, इधर नोटिस बोर्ड के सामने खड़े जुबैर ने जब लिस्ट में अपना रुम नंबर और पार्टनर का नाम देखा तो अपना हाथ जोर से अपने सिर पर मारकर सुहासी की तरफ देखते हुये बोला- हो गया सत्यानाश!!

सुहासी बोली- अरे क्यों क्या हुआ?

जुबैर पिलर पर टेक लेकर खड़े राजवीर की तरफ देखकर और अपनी उंगली से उसकी तरफ इशारा करते हुये सुहासी से बोला- रूम पार्टनर!!

जिस सुहासी ने बड़ी मुश्किल से अपनी हंसी इतनी देर से रोकी हुयी थी वो जुबैर की बात सुनकर जोर से ताली बजाकर हंसी और बोली- अरे ज़ुबी ये क्या हो गया तेरे साथ, रूम में उसकी उंगली से कौन बचायेगा तुझे!!

क्रमशः