द सिक्स्थ सेंस... - 15 रितेश एम. भटनागर... शब्दकार द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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द सिक्स्थ सेंस... - 15

6 साल पहले---

राजवीर कल देर रात ही इंडिया से अमेरिका पंहुचा था, रात में ठीक से सो भी नहीं पाया था इसलिये सुबह उसकी नींद खुलने में देर हो गयी थी चूंकि आज कॉलेज का पहला दिन था इसलिये वो लेट नहीं होना चाहता था, उसकी क्लास सुबह 9 बजे से शुरू होनी थी लेकिन जब उसकी आंख खुली तो सुबह के आठ बज चुके थे, जब उसने टाइम देखा तो वो हबड़ दबड़ में जल्दी जल्दी नहा धोकर तैयार हुआ और मुश्किल से बीस मिनट में तैयार होकर बिना कुछ खाये पिये ही होटल से कॉलेज के लिये निकल गया|

कॉलेज काफी बड़ा था और मेन रोड से करीब दो सौ मीटर अंदर था, नौ बजने में अब सिर्फ पांच मिनट बाकी थे इसलिये राजवीर ने सड़क से ही दौड़ लगा दी और कॉलेज के गेट पर पंहुचकर वहां बड़े से गेट में लगे छोटे से गेट से दोड़ते हुये अंदर जाने की कोशिश करने लगा कि तभी अचानक से उसे बहुत तेज झटका लगा और वो छोटे वाले गेट से अंदर जाते जाते उससे टकराया और गिर पड़ा, चूंकि देर हो रही थी इसलिये वो अपने कपड़े झाड़ते हुये फौरन खड़ा हुआ और जैसे ही अंदर जाने के लिये चलने को हुआ वैसे ही किसी ने उसका कॉलर पकड़ कर झटके से उसे अपनी तरफ खींचते हुये कहा- ए मिस्टर How dare u hit my friend!! अंधे हो क्या दिखाई नहीं देता, उसे कितनी जोर से हिट किया तुमने वो देखो कैसे पेट पकड़ कर बैठा है!!

वो गोलू मोलू सा पढ़ाकू टाइप का लड़का जिसकी तरफ वो लड़की इशारा कर रही थी वो जमीन से उठा और उन लोगों के पास आकर अपना मोटा सा चश्मा अपनी एक उंगली से आंख की तरफ खिसकाते हुये बोला- Its ok Suhasi जाने दे यार लेट हो रहा है, क्लास शुरू होने वाली है, आज पहला दिन है और हमें लेट नहीं होना चाहिये!!

उस लड़के के ये बात बोलने के बाद उस लड़की सुहासी ने राजवीर को गुस्से में घूरा और बोली- नहीं जुबैर तू नहीं जानता इन चीपस्टर्स को ये जानबूझ कर ऐसी हरकतें करते हैं खूबसूरत लड़कियों का अटेंशन पाने के लिये... ब्लडी चीपो!! बाद में देखती हूं तुझे, हुंह..!!!

सुहासी की ये बात सुनकर राजवीर हैरान सा हुआ बोला- अरे पर मैंने..!!

इससे पहले राजवीर अपनी बात पूरी कर पाता "शट अप चीपो!!" बोलकर सुहासी उसे घूरते हुये जुबैर का हाथ पकड़ कर वहां से चली गयी, राजवीर का मुंह खुला रह गया, वो सुहासी को वहां से जाते देखता रहा पर कुछ बोला नहीं फिर धीरे से हंसते हुये उसने ऊपर आसमान की तरफ देखा और बोला "क्या बात है भगवान जी पहले दिन ही खूबसूरत लड़की के दर्शन करवा दिये, वैसे ये छोटा हाथी इसका बॉयफ्रेंड तो नहीं हो सकता, बाद में देखता हूं फिलहाल क्लास शुरू हो गयी होगी अब तो रोज मिलना जुलना लगा ही रहेगा!!"

खुश होकर भगवान से ये बात कहते हुये राजवीर अपनी क्लास में चला गया, उसके क्लास में एंटर करते ही उसके पीछे पीछे कॉलेज के प्रिंसिपल के साथ करीब चार टीचर और कुछ बैक ऑफिस स्टाफ के लोग भी वहां आ गये चूंकि आज कॉलेज का पहला दिन था इसलिये कॉलेज के प्रिंसिपल सारे स्टूडेंट्स को अपना और बाकी के स्टाफ का इंट्रोडक्शन देने वाले थे |

क्लास में आने के बाद राजवीर ने दो तीन रो पीछे जो पहली खाली कुर्सी देखी उसी पर जाकर बैठ गया इसके बाद कॉलेज के प्रिंसिपल ने पोडियम पर खड़े होकर आज आये सारे स्टूडेंट्स को अपना और अपने साथ आये बाकि लोगों का इंट्रोडक्शन देना शुरू कर दिया, प्रिंसिपल की बात सुनते सुनते राजवीर को बोरियत सी होने लगी इसलिये वो इधर उधर देखने लगा फिर गहरी सांस छोड़कर जैसी ही उसने अपने बगल में देखा तो एकदम से उसके मुंह से "ओ गॉड यू!!" निकल गया, उसके बगल में वही गेट पर मिली लड़की सुहासी बैठी थी, उन दोनों की नजर जैसे ही मिली वैसे ही सुहासी ने फिर से अपनी दोनों भौंहे सिकोड़कर कर उसे घूरा और दांत भींचकर धीरे से बोली- You are such a loser chipo!! जानबूझकर कर तुम यहां बैठे हो ना ताकि मैं इम्प्रेस हो जाऊं!!

"अरे पर मैं...!!" बोलते हुये राजवीर ने फिर से अपनी बात कहने की कोशिश करी लेकिन इस बार भी सुहासी ने "Shut up u bludy chipo!!" बोलकर उसे चुप करा दिया!!

सुहासी ने दो बार राजवीर से इस तरह से बात करी लेकिन राजवीर को दोनों बार उस पर गुस्सा नहीं बल्कि बेहद प्यार आया लेकिन कोई और भी था वहां पर जिसे इन दोनों के बीच हो रही इस बातचीत पर बिल्कुल भी प्यार नहीं आ रहा था!!

क्रमशः

शायद जुबैर को राजवीर का सुहासी से बात करना अच्छा नहीं लगा!! हैना?