ऑफ्टर लव - 27 Mr Rishi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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ऑफ्टर लव - 27

विवेक अपने ऑफिस में बैठे हुए होता है, तभी टीवी में चल रहे न्यूज देख कर वो एक दम से शॉक्ड हो जाता है। दरअसल जिस आदमी को जगीरा बिश्नोई ने मारा था वो कोई और नही बल्की एक्टर विशाल भारद्वाज था।




विवेक जल्दी से अर्जुन को फोन करता है और उससे कहता है"हेलो अर्जुन तूने न्यूज देखा क्या?"
"नहीं, क्यों क्या हुआ?"
"विशाल भारद्वाज को किसी ने मार दिया।"विवेक ये बात जैसे ही अर्जुन को बताता है,अर्जुन शॉक्ड होकर बोल पड़ता है"व्हाट?कब हुआ ये??"
"अब ये तो मुझे भी नही पता मैने अभी अभी जस्ट टीवी पर देखा। एक काम करो तुम अम्बिका हॉस्पिटल पहुँचो मैं भी निकलता हू।"..



अर्जुन तनु के साथ उसके बिस्तर में सोया हुआ था,वो आधे कपड़ो में होता है। जल्दी से अर्जुन बिस्तर से उठ कर जाते हुए कहता है"तनु मुझे अभी जाना होगा अर्जेंट है, अर्जुन को ऐसे जाते देख तनु उस पर नाराज़ होते हुए कहती है "क्या यार अर्जुन तुमने मेरा मूड बना दिया और अब ऐसे ही मुझे छोड़ के जा रहे हो?"..
अर्जुन तनु के बातों का कोई जवाब नही देता है,और जल्दी जल्दी अपने कपड़े पहन कर रूम से बाहर जाने लगता है तनु गुस्से से चिल्लाते हुए अर्जुन को आवाज लगती है।"अर्जुन,,, अर्जुन मेरी बात सुनो!"

पर अर्जुन तनु को नजर अंदाज करके वहा से चला जाता है, तनु भी अपना नाईट सूट बेड से उठाकर पहनती हुई अर्जुन के पीछे जाती है।पर जब तक वो जाती अर्जुन कार में बैठ कर वहा से जा चुका होता है।

त्रिशा और अभय  रेस्टुरेंट में डिनर कर रहे होते हैं,अभय त्रिशा को खाते हुए देखे जा रहा होता है।तभी त्रिशा कहती है"क्या हुआ अभी भी मेरे चेहरे पर क्यूटनेस झलक रही है क्या??"अभय हँसते हुए कहता है"उसका तो पता नही पर अभी तुम्हारे होंठ पर कुछ और लगा हुआ है।"

त्रिशा अपने होंठ पर अपनी उंगली फेरते हुए उसे साफ करने की कोशिश करती है,पर त्रिशा ठीक से हटाने के वजह और लग जाता है।जिससे अभय हँसने लगता है।त्रिशा अभय को गुस्से से देखती है,अभय अचानक से चुप होते हुए कहता है"अच्छा सॉरी, सॉरी रुको मैं साफ कर देता हु।"..

अभय इतना कहते हुए अपना हाथ त्रिशा के होंठ के पास ले जाता है।और अपने अनग्लाइज उसके होंठ को साफ करता है।अभय उसके होंठो को साफ करते करते उसी में खो जाता है।त्रिशा भी अभय को घूरे जा रही थी।अभय का उंगली अभी भी त्रिशा के होंठ पर ही थे,तभी त्रिशा झट से बोल पड़ती है"अब अगर तुम्हारा सफाई अभ्यान हो गया हो तो क्या मैं खाना खा सकती हु??"..

अभय भक्से सपने से बाहर आते हुए कहता है"हां हां तुम खाओ खाओ।"त्रिशा खाना शुरू करती है,पर अभय त्रिशा के तरफ ही देखते हुए कुछ सोच रहा होता है।और फिर अपने अंगूठे को देखते हुए उसे चूमता है।तभी त्रिशा ऐसा करते हुए उसे देख लेती है,और पुछती है"ये क्या कर रहे हो।"

त्रिशा जैसे ही कहती है,अभय घबरा जाता है,और अंगूठा को अपने मुंह में डालते हुए कहता है"ओ,,हाथ में ग्रेवी लगी थी बस वही,,"इतना कहते हुए अपने अंगूठे को चाटने लगता है ।त्रिशा ये देख कर हँसने लगती है,और स्पून से खीर खाने ही वाली  होती है कि तभी अभय कहता है,ये मटर पनीर का टेस्ट स्ट्रॉबेरी जैसा लग रहा है।"अभय जैसे ही ये कहता है त्रिशा रुक जाती है,और स्पून वापस प्लेट में रखते हुए अपने मुंह पर हाथ रख कर हँसने लगती है।


अभय त्रिशा को आश्चर्य से देखते हुए पुछता है"अब क्या हुआ?? तुम ऐसे हँस क्यों रही हो??"..त्रिशा हँसते हुए कहती है"कुछ,,, हां हां,,,, कुछ नही।"त्रिशा अपनी हँसी कंट्रोल नही कर पा रही थी।अभय त्रिशा से वापस से पुछता है"यार देखो मुझे ऐसे सस्पेंशन  पसंद नही हैं,और खास करके अगर बात मुझे लेकर हो तो बिलकुल भी नहीं ।"त्रिशा हँसते हुए फिर से कहती है,"अरे कुछ नहीं बस कुछ याद आ गया।"  

अभय सब समझ रहा होता हैं, बस वो त्रिशा के मुंह से सुनना चाहता था।पर त्रिशा बात फेर बदल करके टाल देती है।अभय भी अब चुप हो जाता है।और खाने लगता है,पर जैसे ही पनीर खाता है,अभय अचानक से खांसने लगता है,त्रिशा जल्दी जल्दी पानी उसे देते हुए उसके पीठ को सहलाती है।पर फिर भी अभय की खासी नही रुकती है।अभय समझ जाता है की उसे ऐसा क्यों हो रहा है।वो वही पर बैठ कर अपने ड्राइवर को बुलाता है और कहता है"जाओ पास के किसी मेडिकल शॉप से एलर्जी का टेबल लेकर आओ।"ड्राइवर तुरंत वहा से चला जाता है।त्रिशा पूरी तरह से घबरा गई थी,उसे कुछ समझ नही आ रहा था। वो अभय का हाथ थाम कर उसके बगल में खड़ी थी।थोड़ी देर में ड्राइवर टैबलेट लेकर आता है,अभय टैबलेट लेने के थोड़ी देर बाद ठीक हो जाता है,वहा मौजुद सभी लोग अभय के तरफ ही देखे जा रहे होते है। थोड़ी देर बाद अभय नॉर्मल हो जाता है,तभी त्रिशा उससे पूछती है" अब तुम ठीक हो ना??"


अभय त्रिशा के तरफ देखते हुए कहता है"हां मैं ठीक हूं, बस ओ मुझे लहसुन से थोड़ा एलर्जी है तो लगता है पनीर में भी लहसुन डाला होगा।बस वही बाकी मैं ठीक हूं अब।"




त्रिशा रोंदू सा सकल बनाते हुए कहती है"ओह सब मेरी वजह से हुआ है ना ,???मैं ना ये सब ऑर्डर करती और न ही तुम्हारी हालत ऐसी होती।"


अभय मुस्कुराते हुए कहता है"अरे,ऐसी कोई बात नही है,गलती मेरी भी है पर किसी पता था इसमें लहसुन भी होगा।और मैंने पूछा भी नही घर पर बिना लहसुन का खाना बनता है मेरे लिए तो सोचा शायद याहाँ भी बिना लहसुन का होगा खैर आई एम फाइन डोंट वरी।"...

अभय के इतना कहने पर त्रिशा के जान में जान आती है।और वापस से अपने जगह पर जाकर बैठते हुए कहती है"वैसे ये एलर्जी सब को कैसे हो जाती है?? मतलब मैं चाहे जो कुछ भी खा लू मुझे कुछ फर्क ही नहीं पड़ता है।"

अभय त्रिशा के बात पर हँसते हुए कहता है"अच्छा भूखड़ हो तब तो तुम।"
त्रिशा भी कहते हुए हँस देती हैं।"हां कह सकते हो!"वैसे काफी देर हो गई है अब हमे चलना चाहिए।"

अभय अपने वॉच में देखते हुए कहता है"ओह हां मैं तो भूल ही गया था!"ये कहते हुए अभय वेटर को आवाज लगता है"वेटर"......


To be continued