ऑफ्टर लव - 3 - Bad luck Mr Rishi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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ऑफ्टर लव - 3 - Bad luck

क्लास ओवर होते ही सब क्लॉस से निकलने लगते है ।जैसे ही ऋषि बाहर आ ही रहा होता है।की करण और उसके के दोस्त उसके क्लास में घुस आते है,और उसे रोकते हुए करण कहता है।"क्यों बे जब मैन तुझे कहा की जाके तू उसे प्रोपोज करेगा तो फिर मेरा नाम क्यों लिया?"










ऋषि कुछ बोलता उससे पहले करण ने फिर से एक थप्पड़ मार दिया,ये सब एक लड़का देख रह था,जो की ऋषि का ही क्लासमेट था। दिखने में मोटा और सावले रंग उसका नाम साहिल होता है,उससे देखा नही गया और वो आकर करण से कहता है"अरे भाई जाने दोना वैसे भी आपने पहले ही इतना मार दिया है बेचारा को!".....







साहिल की बात बिच में ही रोकते हुए करण साहिल से कहता है"इसका दोस्त है क्या तू?"..साहिल कहता है"नही, बस क्लासमेट्स है भाई".....







करण साहिल के तरफ़ हल्के हल्के कदम बढ़ाते हुए आता है और साहिल से कहता है"चल मैं तेरी बात मान कर इससे छोड़ दूंगा!पर,पर अब ये कैसी लड़की को नही बल्की मैडम को प्रोपोज करेगा।"....ये ऋषि चुप चाप साइड में खड़े हो कर सुन रहा था,तभी साहिल बोलता है"अरे भाई ये क्या बोल रहे हो, इससे उसको कॉलेज से निकल भी सकते है।"....







"मैने जो कह दिया ओ कह दिया,अब तू मुझे मत सिखा की मुझे क्या करना चाहिए और क्या नही करना चहिए!"करण साहिल को डराते हुए कहता है। साहिल चुप हो कर वहा से बाहर निकल जाता है।










तभी करण का एक दोस्त गुलाब का फूल ऋषि के हाथ में देते हुए कहता है।"ये ले पर इस बार मैडम से ये मत कहना की विजय कुमार सर ने भेजा है!".....ये सुनते ही सब हंसने लगते है। करण ऋषि के पास जाता है और उसका कॉलर पकड़ कर आंखों में आंखें डाल कर कहता है"कल अगर तू मैडम को ये फुल नही दिया ना ,तो फिर मैं तेरा ओ हाल करूंगा की दोबारा से होशियारी करना भूल जायेगा!".....ये कहता है और ऋषि को धक्का दे देता है और वहा से चला जाता है।







उन सबके जाते ही वहा साहिल आता है और ऋषि से पूछता है,.."क्यों यार इन लोगों से पंगा कहे लिए हो? यहां आने से पहले मैन इन सब के बारे में पता लगाया था। ये सब सब यह दादागिरी करते रहते है! अब पता नही ये तुम्हारे साथ क्या करने वाले है?".... ये कहता है और वहा से चला जाता है।







ऋषि की आंखे नम हो चुकी थी,जैसे की कुछ सोच रह हो.. ऐसा लग रहा था की अब वो रो देगा।




श्रद्धा कैंटीन में बैठी हुई फोन चला रही थी,तभी वहा करण आता है,और श्रद्धा को पीछे से अपने बाहों में पकड़ कर उसे kiss करते हुए कहता है,"तो आज जिस चीज का मुझे इंतज़ार था,वो पूरा होने वाल है... श्रद्धा चौकते हुए पूछती है" वैसे किस चीज का तुमको इंतजार था?"







करण हस्त हुए कहता है,"वो तो मैं नही बता सकता.... वही तो सरप्राइज़ है!"......" अच्छा आज कॉल पर जो तुम बोल रहे थे.... right?"श्रद्धा बोलती हैं। करण भी श्रद्धा के हा में हा मिलते हुए कहता है,"hmm right!"




तभी वहा एक लड़का खाने के लिए पिज्जा, और कोल्ड्रिंक लाता है।और वही टेबल पर रख देता है। श्रद्धा पिज्जा खाते हुए करण से पूछती है"वैसे तुम उस लड़के को क्यों मार रहे थे?..




करण कोल्ड्रिंक पीते हुए कहता है"अरे कुछ नही तुम इन सब बातों पर ध्यान मत दिया करो ऐसे लोगों के साथ क्या करना है मुझे अच्छे से आता है,"..... "नही मैं बस ऐसे ही पूछ रही थी, क्यूंकि आज तुमने उससे फूल भेजवाय था और अचानक से क्लॉस में आकर उससे मरने भी लगें।तो वही मुझे कुछ नही समझ आया की हो क्या रहा है,वैसे भी मुझे क्या पड़ना इन सब चाकरों में।"श्रद्धा ये कहते हुए उठ कर वाशरूम के तरफ जाति है।







ऋषि कोल्ड कॉफी और स्नैक्स लेकर साहिल से बाते करते हुए जा रहा था, तभी अचानक से श्रद्धा फोन चलाते हुए आ रही होती है,और ऋषि से टक्करा जाती है जिससे कोल्ड कॉफी श्रद्धा के उपर गिर जाता है। ऋषि सॉरी भी बोलता है पर श्रद्धा बिना सोचे समझे ऋषि को एक जोरदार थप्पड़ मारती है और जोर से चिलाते हुए कहती है,"Are you blind? तुम्हारी वजह से मेरी ड्रेस खराब हो गई ! पता नही ऐसे लोगों को कॉलेज मिल कैसे जाति है!uneducated fellow".... वहा खड़े सब लोग उन दोनो को ही देखे जा रहे थे। ऋषि भी शांत हो कर उसकी बाते सूने जा रहा था।







श्रद्धा गुस्से में वॉशरूम के में चली जाति है। ऋषि भी अपने दोस्त साहिल के साथ जाने लगता है तभी साहिल ऋषि से कहता है,"भाई जितना गलती तुम्हारी थी उतना ही उसकी भी थी पर तू है की चुप चाप मार भी खा लिया और तो और डाटी ओ अलग, अच्छा एक बात मुझे अब तक समझ नही आई,की उसने तुझे uneducated fellow क्यों कहा और अगर तू है तो फिर मेडिकल में क्या कर रह है?"




ऋषि साहिल के इस बात पर मुस्कुराने लगता है,साहिल हस्ते हुए कहता है,देखा मेरे एक बात ने तेरा सुझा हुआ चेहरा कैसे खिल खिला उठा , वैसे चल मैं अपनी तरफ से तुझे लंच करवाता हूं।"







ऋषि और साहिल बातें करते करते कैंटीन के तरफ जाने लगते है।और इधर श्रद्धा गुस्से में वॉशरूम से निकलते हुए करण के पास जाति है,और कुर्सी पर बैठ जाति है, श्रद्धा का गुस्सा साफ साफ उसके चेहरे पर झलक रहा था। तभी करण श्रद्धा से पुछता है,"क्या हुआ है?तुम ठीक तो हो ना?"......

श्रद्धा करण से कहती है"सही किया था तुमने उसके साथ,ऐसे लोगों के साथ ऐसा ही करना चाहिए।".... करण कुछ नही समझ पाता है की आखिर श्रद्धा किसकी बात कर रही है। करण श्रद्धा को शांत कराते हुए कहता है"श्रद्धा,पहले तुम शांत हो जाओ, और फिर बताओ क्या हुआ है।"....




श्रद्धा गुस्से से कहती है,"वही लड़का जिसे तुमने आज क्लॉस में मारा था मेरी पूरे ड्रेस पर कॉफी गिरा दिया".....ये सुनते ही करण गुस्से में कुर्सी से उठते हुए कहता है।"अब देखो मैं उसके साथ क्या करता हूं।"







ये कहते ही वो बाहर जा ही रहा होता है की ऋषि और साहिल उसके सामने आ जाते है।




ऋषि का पहला दिन ही इतना बुरा होगा सायद खुद ऋषि ने भी नही सोचा होगा।एक से बढ़ कर एक मुसीबत ऋषि के ही ऊपर आए जा रही थी। खैर, अब करण क्या करेगा ऋषि के साथ? ये जानने के लिऐ पढ़ते रहिए मेरी कहानी