ऑफ्टर लव - 8 Mr Rishi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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ऑफ्टर लव - 8

अभय और त्रिशा बात करते करते कार के पास पहुंचते है। अभय त्रिशा को कार से उसके घर तक छोड़ने के लिए कहता है"वैसे अगर तुम कहो तो मैं तुम्हे तुम्हारे घर तक छोड़ सकता हू।"

त्रिशा अभय को माना करते हुए कहती है"नही नही इसकी कोई जरूरत नही है। और थैंक्स यह तक मेरे साथ आने के लिए अब मैं अकेले चली जाऊंगी।"इतना कह कर त्रिशा आगे बढ़ती है और ऑटो को रोकने के लिए हाथ दिखाते हुए कहती है"ऑटो!! ऑटो!!"

पर एक भी ऑटो वाला त्रिशा के कहने पर नही रुकता है सब आगे बढ़े ही जा रहे होते है। धूप भी काफी थी,अभय अपने कार के पास खड़ा होकर त्रिशा को ही देखे जा रहा होता है।अभय को यू खुद के तरफ देखते हुए त्रिशा उसे देख लेती है।"अभय के चेहरे पर एक मुस्कुराहट होती है।


त्रिशा वापस से ऑटो रोकने के लिए हाथ दिखाती है!पर इस बार भी कोई नही रुकता है। अभय हस्ते हुए त्रिशा के पास कर कहता है"अरे यार कब से देख रहा हू एक भी ऑटो वाला नही रुका मतलब इतनी खुबसूरत लड़की ऑटो रोकने के लिए कह रही है पर कोई भी ऑटो वाला नही रुक रहा हैं लागत है सबके सब सख्त लौंडे बन गए है।"...

ये बोल कर अभय जोर जोर से हसने लगता है,अभय को ऐसे हंसते हुए देख कर त्रिशा मुंह बनाते हुए कहती है"ऐसी बातें आप पर सोभा नही देती।"

त्रिशा जैसे ही ये कहती है,अभय सोचने जैसा मुंह बनाते हुए कहता है"क्या?सच में पर मैने तो कुछ ऐसा भी नही बोला की मेरे पर सोभा न दे।इतना कह कर अभय त्रिशा के और करीब बढ़ते हुए कहता है"खैर ,,अब और थोड़ी देर यहां बाहर ऐसे रहोगी तो,,, तो तुम्हारे चांद जैसे चेहरे पर दाग हो जाएगा।"


अभय काफी रोमांटिक अंदाज में कहता है, उसकी बात सुन कर त्रिशा कुछ पल के लिए खामोश हो जाती है। अभय त्रिशा के काफी करीब होता है।त्रिशा अभय के पास से थोड़ा पीछा हटती है।


तभी अभय का फोन बजता है अभय कॉल रिसीव करता है कॉल अर्जुन का होता है।"हेलो! अभय अभी अगर तुम फ्री हो तो विवेक से उसके ऑफिस जा कर मिल लेना एक घंटे में वो उसकी दिल्ली की फ्लाइट है तो अभी ही जाओ ।"अभय त्रिशा के तरफ देखते हुए कहता है"ठीक है, मैं अभी ही जा रहा हू।"...

इतना कह कर अभय फोन रख देता है,और त्रिशा से कहता है"देखो मुझे नही लगता की कोई ऑटो वाला मिलेगा अगर तुम कहो तो मैं छोड़ सकता हू?"....

तभी त्रिशा कहती है"नही मैनें बोला ना मैं चली जाऊंगी,वैसे भी आपको जरूरी काम से जाना है आप जाइए, मैं चली जाऊंगी।"...


त्रिशा के कहने पर अभय कहता है"ठीक है,जैसा तुम्हें सही लगे , आशा करता हु हम फिर मिलेंगे!"अभय के बातों का त्रिशा कोई जवाब नही देती है ।अभय त्रिशा को बाय बोल कर अपने कार में चला जाता है।अभय के जाते ही त्रिशा को थोड़ा अब कंफर्टेबल महसूस हो रहा था।

त्रिशा थोड़ी दूर टेक पैदल ही चलती है और आगे जाकर जा कर रही से एक ऑटो मिल ही जाती है,त्रिशा ऑटो में बैठ जाने लगती है।

अभय कास्टिंग ऑफिस पहुंच कर विवेक से मिल कर उससे पुछता है"क्या यार सुनने में आया है तुम दिल्ली जा रहे हो?"...अभय जैसे ही दिल्ली जाने की बात कहता है विवेक का चेहरा थोड़ा अजीब सा हो जाता है और अभय से पूछता है"मैं?? और दिल्ली!वैसे तुमसे किसने कहा कि मैं दिल्ली जा रहा हू?"...


अभय कन्फ्यूज्ड हो कर सोच मे पड़ जाता है।और विवेक से कहता है"यार मुझे अर्जुन ने कहा कि तुम किसी अर्जेंट काम से दिल्ली जा रहे हो और मैं जा कर तुमसे मिल लू,,ऐसा ही कुछ।"



विवेक अभय से कहता है"नही नही मैं कही नही जा रहा हु या तो अर्जुन ने कुछ और बोला होगा या तो फिर तुमने ही गलत सुन लिया होगा।".....


अभय सोचते हुए कहता है"may be मैने ही सुनने में कोई गलती कर दी हो।,,वैसे यार हमारी अगली फिल्म आवारगी की हीरोइन कौन है, सुना है। इस बार तनु ये फिल्म नही कर रही है।"



विवेक अभय को अपने साथ अपने कैबिन में लेकर जाते हुए कहता है"चल मेरे साथ तुझे तेरी फीमेल एक्ट्रेस से मिलवाता हूं।"अभय विवेक के साथ उसके कैबिन में आता है,विवेक उसे अपने कंप्यूटर में त्रिशा का का फोटो दिखाते हुए कहता है"ये देख यही है तेरी फिल्म को हीरोइन"


त्रिशा का फोटो देख कर अभय का मुंह एक दम से खुला का खुला ही रह जाता है और अचानक से बोल पड़ता है"ये है? वो लड़की।"अभय को ऐसे शॉक्ड होते देख विवेक उसे पुछता है"हां भाई यही है वो पर तुम्हे क्या हुआ ?जानते हो क्या इसे?"...

अभय विवेक को आज जो कुछ भी हुआ वो सारी बात बताता है।अभय की बात सुनने के बाद विवेक कहता है"हां,, लड़की भी ठीक है ,, इसकी एक्टिंग भी ठीक है।पर जैसी हीरोइन हम चाहिए हमारे फिल्म के लिए जो टर्म एंड कंडीशन है उससे इस लड़की को थोड़ा प्रोब्लम है।"

विवेक की बात सुनकर अभय उससे पूछता है"मतलब मैं समझा नही!"विवेक अभय को सारी बात बताता है"इस लड़की को फिल्म के लिए सिलेक्ट तो कर लिया है हमने पर अभी तक ये लड़की रेडी भी है इस फिल्म को करने के लिए कल तक का टाइम ली है देखो क्या होता है।"

अभय विवेक की बात सुनकर कहता है"यार यह लोग एक रोल के लिए सालो साल ऑडिशन के लाइन में लगे रहते है और ये लड़की इतने बड़े ऑपर्चुनिटी मिलने के बाद ऐसे कर रही है।ohh"

अभय विवेक को बाय बोल कर वहा से जल्दी उसी जगह पर जाता है जहा उसने त्रिशा को अकेले छोड़ा था।अभय कार में सोचते हुए जाता है"क्या लड़की है यार,ऐसे कैसे कोई इतना बड़ा फिल्म अपने हाथ से जाने दे सकता है। नही त्रिशा ये फिल्म तो अब तुम ही करोगी चाहे जो कुछ भी मुझे करना पड़े मैं वो सब करूंगा पर इस फिल्म में मैं तुम्हे ही हीरोइन बनाऊंगा ये मेरा वादा है तुमसे।"..

अभय ये सोचते हुए उसी जगह पर पहुंचता है,कार से निकल कर इधर उधर देखता है।पर वहा उसे त्रिशा कही भी दिखाई नही देती है।अभय को वहा देख कर धीरे धीरे लोगों की भीड़ लगने लगती है।

अभय और भी ज्यादा फ्रस्टेड हो जाता है और खुद पर गुस्साते हुए कहता है"ओह सीट".... चारो तरफ से लोग अभय को घेरे हुए थे सब अपने अपने फोन से सेल्फी ले रहे होते है।

To be continued....