त्रिशा अपने रूम में बेड पर बैठ कर कुछ सोच रही होती है , तभी वहा मधु आती है और त्रिशा को ऐसे ख्यालों में खोए हुए देख कर कहती है।"क्या तेरा चेहरा कुछ सूझा हुआ है!"त्रिशा मधु से कहती है"नही ऐसी कोई बात नही है, बस थोड़ा सर में दर्द है और कुछ नहीं।"
मधु त्रिशा के कंधे पर हाथ रखते हुए कहती है"वैसे मैनें जो बोला उसके लिए सॉरी मेरा तुम्हें हर्ट करने का कोई इरादा नही था।पर क्या करू यहां ऐसा ही होता है,और मुझे जो समझ आया मैने बिना कुछ सोचे समझें उस टाइम तुमसे बोल दिया। अब प्लीज मुझे माफ़ कर देना यार।"...
त्रिशा मधु से स्माइल करते हुए कहती है"अरे यार it's ok मैं उस बात को कब की भुल गई।और इतने ऑडिशन देती हू तो मुझे भी थोड़ा बहुत तो पता है की ये फील्ड कैसा है। त्रिशा और मधु आपस में बाते करती है।
उधर अभय त्रिशा को बहुत ढूंढने की कोशिश करता है पर उसे वो कही भी नही मिलती है। वो थक हार कर वापस घर के तरफ जा रहा होता है।की तभी उसे ख्याल आता है"त्रिशा अगर ऑडिशन देने गई थी इसका मतलब विवेक के पास त्रिशा का कॉन्टेक्ट नंबर जरूर होगा।"
अभय बिना एक पल भी देर किए विवेक को कॉल करता है और उससे त्रिशा का नंबर मांगता है"हेलो विवेक एक काम था? वो जो त्रिशा है जो हमारे के लिए सिलेक्ट हुई है क्या मुझे उसका कॉन्टेक्ट नंबर दे सकते हो?"...
विवेक अभय से कहता है"हां दे तो सकता हू पर तुझे क्यों चाहिए ?"विवेक के पूछने पर अभय कहता है"अरे यार वो मेरी ऑपोजिट रोल करने वाली है तो पहले से जानना भी तो जरूरी है ना ताकी फिल्म करने में कोई दिक्कत ना आए।"...
विवेक हस्ते हुए कहता है"अच्छा अच्छा,,, मैं समझ गया wait मैं उसका नंबर तुझे व्हाटसैप्स करता हु।"
अभय हैप्पी मूड में कहता है"थैंक्स ब्रदर ,, अब थोड़ा जल्दी से नंबर भेज देना भूल मत जाना!"....विवेक हंसते हुए कहता है"ठीक है ठीक हैं,,,भेज दूंगा चल अब बाद में बात करता हू।"...
इतना कहकर विवेक कॉल रख देता है।अभय ये सुनते ही खुशी से झूम उठता है। थोड़ी देर बाद विवेक का मैसेज आता है अभय ओपन करके देखता है तो त्रिशा का नंबर होता है।अभय तुरन्त उस नंबर पर कॉल करता है।
अभय इधर से कॉल तो कर रहा होता है पर त्रिशा उसका कॉल रिसीव नहीं कर रही थी। काफी देर तक ट्राई करने के बाद अभय उदास हो कर कॉल कॉट करके बोलता है"ओह सीट,,,,ये कॉल क्यों नही उठा थी है?"
अभी अभय ये बोल ही रहा था की तभी उसी नंबर से कॉल आता है ,अभय बीना देर किए ही कॉल रिसीव करता है।त्रिशा उधर से हेलो,,, हेलो बोलती है पर इधर से अभय कुछ भी नही बोलता है बस चुप होकर उसकी आवाज सुनकर मुस्कुरा रहा होता है।तभी त्रिशा उधर से बोलती है"ओ हेलो,,,यार आप हो कौन इतनी देर से बोल रही हू,,और आप हो की कुछ बोलने का नाम ही नही ले रहे हो।मुंह में बनारसी पान रखे हो का?"...
त्रिशा जैसे ही ये बोलती है,अभय की हसी छूट जाती है,और वो जोर जोर से हसने लगता है।उसकी हसने की आवाज सुनकर त्रिशा चौक कर बोलती है"अजीब आदमी हो तुम तो मतलब कब से में बोली ही जा रही हू और आप है की चुप चाप सुन रहे है पर कुछ बोल ही नहीं रहे और अब हस ऐसे रहे है जैसे सरकश में बैठे हो।"....
अभय हंसते हुए बोलने की कोशिश करता है पर वापस से उसकी हसी छूट जाती है।"हां,,, हां,, हां,,,"
त्रिशा चिढ़ कर बोलती है"अगर हंसना ही है तो पहले हस लो उसके बाद मुझे कॉल करना चलो बॉय,,,,," अभय कुछ बोलता उससे पहले त्रिशा कॉल कर देती है।
अभय हंसते हुए त्रिशा को वापस से कॉल लगता है।(रिंग रिंग रिंग)त्रिशा कॉल पिक अप करती है।"हेलो?"....
अभय अब अपनी हसी रोकते हुए त्रिशा से कहता है"हाय,,, मिस त्रिशा"....त्रिशा अपना नाम उसके मुंह से सुनकर उसे पूछती है"एक मिनट क्या मैं आपका नाम जान सकती हू ? क्योंकि आपका नंबर मेरे फोन में सेव्ड नही है और आप मेरा नाम भी जानते हैं ।"
अभय थोड़ा अजनबी बनते हुए त्रिशा से कहता है"ओह,,, आपको मेरा नाम नहीं पता क्या मैं हू सैम वो जब आप गोलगप्पे खा रही थी तभी आपका हाकी वहा गिर गया और मैने आपको आपकी हंकी वापस करने के लिए बहुत खोजा पर आप नही मिली।"
त्रिशा अभय की बात सुनकर अजीब तरीके से बोलती है"ओ भाई साहब पहली बार तो ये की मैं गोलगप्पे नही खाती और रही बात मेरी हंकी की तो वो मेरी नही है मेरी हंकी अभी मेरे हाथ में है और मैं उसे अपनी नाक भी पोंछ रही हू ये लो सुनो आवाज****७७७७७७७****त्रिशा अपनी नाक की आवाज सुनते हुए कहती है। जिससे सुनने के बाद अभय हंसने लगता है और त्रिशा से कहता है।"अरे यार तुम तो सच में बहुत अजीब हो, मतलब ऐसे कौन करता है"अभय ये कहते हुए हसे जा रहा था।
त्रिशा अभय को डांटते हुए कहती है"देखो तुम कौन हो मुझे नही पता शायद तुमने wrong number डायल कर दिया हैं।जिस लड़की की तलाश तुम कर रहे हो वो मैं नही हु और ,,हां अब दोबारा कॉल किया तो समझ लेना बहुत बुरा होगा।".....
अभय इधर से त्रिशा से बोलता है"अरे अरे सुनो तो,,,मेरी बात तो सुनो।"त्रिशा अभय की बात बिना सुने ही कॉल कट कर देती है।
अभय दोबारा से त्रिशा को कॉल करने ही वाला होता है की तभी उसके दिमाग में एक प्लेन आता है "नही,, नही,,त्रिशा को मैं ये नही बताऊंगा की मैं असल में कौन हू उससे अजनबी बनकर ही बात करूंगा और फिर दोस्ती और फिर ,,,,और फिर आगे का तो पता नही पर उसे पहले परेशान करूंगा! हां ये ठीक रहेगा!!!"..अभय ये सोच कर मुस्कुराने लगता है।
उधर त्रिशा खुद में ही बड़बडा रही होती है"ये सारी मुसीबत मेरे पल्ले ही क्यों पड़ती है।मन तो कर रहा है कुछ कर बैठूं!"..
तभी त्रिशा की रूममेट वहा आती है और उससे कहती है"अरे अरे जो करना है रूम से बाहर जा कर करना वरना तेरे पर भरोसा नही है । एक तो कैसे यहां इस शहर में ये एक सस्ता रूम मिला है और अप्पर से तू यह कुछ करके इसे भूतिया रूम बनाना चाहती है।"..
उसकी बात सुनकर त्रिशा कहती है"क्या यार मैं यहां इतनी सीरियस मूड में हू और तुझे मजाक सूझ रहा हैं?"उसकी रूममेट हस्ते हुए कहती है"अरे यार सॉरी मैं बस मज़ाक कर रही थी।"...
To be continued