डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 69 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 69

अब आगे,

अर्जुन, अराध्या को कमरे से बाहर लाकर अब उसको जबरदस्ती सीढ़ियों से नीचे हॉल की तरफ ले जाने लगा और इस समय अर्जुन के विला में सिर्फ और सिर्फ अर्जुन और आराध्या ही मौजूद थे क्यूंकि अर्जुन को अपने विला में अकेले रहने की ही आदत थी और उसके सर्वेंट्स भी अर्जुन के विला में तब ही आते थे जब अर्जुन खुद उनको बुलाया करता था..!

नही तो अर्जुन के सर्वेंटस अपने सर्वेंट क्वार्टर मे ही रहा करते थे और जब भी बुलाया जाता था तब ही आया करते थे और इसी वजह से अराध्या को अर्जुन की व्हाइट शर्ट में किसी ने नहीं देखा था और नही तो अर्जुन उस शक्श की अभी तक जान ले चुका होता और अब अर्जुन, अराध्या को हॉल की दूसरी तरफ बने कमरे की तरफ लेकर गया और अर्जुन, अराध्या को एक कमरे में लेकर गया जहां बहुत अंधेरा था..!

और अर्जुन, अराध्या को उस कमरे में लाया और फिर अपने गुस्से में अराध्या के हाथों को पकड़कर उससे बोला, "अब तुम इस अंधेरे कमरे में ही बंद रहोगी जब तक तुम्हारी अक्ल ठिकाने नही आ जाती हैं और तुम्हारे मन और तुम्हारे ख्याल से ये बात नही निकल जाती कि तुम अब कभी भी मुझ को छोड़कर नही जा सकती हो और ये बात तुम अपने दिमाग से नही निकल देती तब तक के लिए तुम इसी अंधेरे कमरे में बंद रहोगी, समझ में आया तुम्हे..!" 

अब अपनी बात कहकर अर्जुन ने अराध्या के हाथ को झटक दिया जिससे वो वही अंधेरे कमरे की जमीन पर गिर गई और अब अर्जुन उस अंधेरे कमरे से बाहर निकल आया और उस अंधेरे कमरे के दरवाजे को बाहर से लॉक कर दिया..! 

वही अर्जुन की बात सुनकर अब आराध्या को होश आया तो वो उस कमरे में अंधेरे को देखकर बहुत ज्यादा घबरा गई और जल्दी से उस जमीन पर से उठकर अब वो दरवाजे की ओर भागी और अब उस अंधेरे कमरे के दरवाजे के पास पहुंच कर अराध्या लगभग रोते और चिल्लाते हुए और उस अंधेरे कमरे के दरवाजे को जोर से पीटते हुए अर्जुन से कहने लगी, "नही प्लीज मुझे यहां बंद मत करो क्यूंकि मुझे अंधेरे से बहुत ज्यादा डर लगता है, प्लीज मुझे इस अंधेरे कमरे से बाहर निकल दो..प्लीज..!"

अपनी बात कहकर अब अराध्या बहुत जोर जोर से रोने लगी और अपने हाथो से उस अंधेरे कमरे के दरवाजे को पीटने लगी और वही अर्जुन अब अराध्या को उस अंधेरे कमरे में बंद करने के बाद, अपने गुस्से में उस विला से बाहर निकल गया..!

और आराध्या बहुत देर तक उस अंधेरे कमरे के दरवाजे को पीट पीटकर अपने लिए मदद की गुहार लगाती रही मगर जब उसको एहसास हुआ कि कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नही आ रहा है और कोई भी उसकी आवाज को नही सुन रहा है तो अब आराध्या उस अंधेरे कमरे के दरवाजे से कुछ दूर हो गई और उस अंधेरे कमरे के एक कोने में जमीन पर बैठ गई..!

और अपने घुटनो को अपने हाथो से पकड़ लिया और फिर वही बैठकर धीरे धीरे रोने लगी और वही अब अर्जुन जब अपने विला से बाहर निकला तो उसका पर्सनल ड्राइवर उसकी ब्लैक रॉयल बुलेट प्रूफ लग्जरी कार के साइड में खड़ा हुआ था..!

और उसने जैसे ही अर्जुन को उसके विला से बाहर आते हुए देखा तो जल्दी से अर्जुन के लिए उसकी ब्लैक रॉयल बुलेट प्रूफ लग्जरी कार का दरवाजा खोल दिया..!

हां, तो ये अर्जुन का सबसे वफादार ड्राइवर था जिसका पूरा नाम "दिनेश कुमार" था और उसकी उम्र लगभग 26 वर्ष थी और उसकी हाइट 5 "9 इंच होगी और दिनेश भी अर्जुन के साथ इसी विला मे रहता था और अर्जुन जहां जहा जाया करता था, दिनेश ही उसको वहा लेकर जाया करता था और साथ में दिनेश, अर्जुन के साथ पिछले 5 सालों से काम कर रहा था..! 

To be Continued......❤️✍️

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।