डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 65 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 65

अब आगे,

अपनी बात कहकर अब अर्जुन ने अराध्या को अपनी गोद में से उतारकर अपने किंग साइज सोफे पर आराम से बैठा दिया था और अब अपने किंग साइज सोफे पर से उठकर अपने कोट के बटन लगाने के बाद, वहा से सीधा अपने अपने के दरवाजे की तरफ बढ़ने लगा..! 

अब अर्जुन अपने कमरे के दरवाजे पर पहुंचकर बाहर जाने ही वाला था कि अचानक से अराध्या ने उसको पीछे से रोकते हुए उससे अपनी धीमी आवाज में कहा, "अब आप ऑफिस जा रहे हैं तो मै आपके इतने बड़े विला में अकेली क्या करूंगी तो क्या मैं भी अपने कॉलेज जा सकती हु...!" 

अराध्या की बात सुनकर, अब अर्जुन के बढ़ते कदम अपने आप रुक गए और अब उसने पीछे मुड़कर अपने गुस्से से अराध्या को देखा और जब आराध्या ने अर्जुन के चेहरे पर गुस्से से झलकते भाव को देखा तो वो बहुत ज्यादा घबरा गई और उसने झट से डरते हुए अपनी गर्दन को को नीचे करके अपनी आंखो को एक पल के लिए बंद ही कर लिया..! 

अर्जुन ने कुछ देर अराध्या को अपने गुस्से से भरी आंखों से देखा और फिर अब अपने कदम अराध्या की तरफ बढ़ा दिए और जब आराध्या ने जूते को पहनकर आने वाली आवाज सुनी तो उसने झट से अपनी बंद आंखो को खोल लिया..!

अब जब आराध्या ने देखा कि अर्जुन उसकी तरफ ही आ रहा है तो वो डर से अपने कदम पीछे की ओर लेने लगी और अराध्या अपने कदम धीरे धीरे पीछे की ओर ले रही थी और वही अर्जुन उसकी तरफ बढ़ता ही जा रहा था..! 

अराध्या को इस समय बहुत ज्यादा डर लग रहा था क्योंकि उसको लग रहा था कि कही अर्जुन अपने गुस्से में उस पर दुबारा से हाथ ना उठा दे और अब अराध्या पीछे होते होते अब एक दीवार से जा टकराई और अब उसको महसूस हुआ कि अब पीछे जाने की जगह ही नहीं बची है..!

अराध्या के उस दीवार से लग जाने के बाद, अर्जुन अब उसके पास पहुंच गया और अपना बाया हाथ अराध्या के साइड में दीवार पर लगा दिया और अब अराध्या के चेहरे के करीब जाकर उससे अपनी कड़क आवाज में कहा, "मैने तुम्हे अच्छे से समझा दिया था ना कि तुम यहां से कही भी नही जा सकती हो तो फिर तुम यहां से जाने की बात क्यू कर रही हो और क्या तुम मुझे दुबारा से गुस्सा दिलवाना चाहती हो..!" 

अर्जुन की बात सुनकर अब आराध्या के डरते हुए अपनी गर्दन को थोड़ा सा ऊपर किया और अब धीमी आवाज में अर्जुन से कहा, "नही, मै तो बस कॉलेज जाने के लिए कह रही थी और मै भागने की कोशिश नही कर रही हु बल्कि मै तो बस कॉलेज जाना चाहती हूं क्यूंकि मेरी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है न और मै कल भी कही गई थी और आज भी नही जाऊंगी तो मेरी अटेंडेंस पर प्रभाव पड़ेगा ना इसलिए कह रही थी..!" 

अराध्या की पूरी बात सुनकर अब अर्जुन ने अपनी एक आईब्रो ऊपर उठाकर उससे अपनी कड़क आवाज में पूछा, "अच्छा, ऐसी बात है क्या..?" 

अर्जुन की बात सुनकर अब आराध्या को लगा कि शायद उसका "डेविल" उसकी बात मान चुका है और अब इसलिए ही अराध्या के चेहरे पर मुस्कान आ गई पर जब उसने अपने ऊपर अर्जुन की नजर महसूस करी..!

तो अब आराध्या ने अपनी मुस्कान को छुपाते हुए और अब मासूम सा चेहरा बनाते हुए अर्जुन से कहा, "हां, आप सही समझ रहे हैं..!" 

अराध्या की बात सुनकर, अर्जुन के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई और अब वो, आराध्या की आंखो में देखते हुए उससे कहने लगा, "पर मैने तो सुना था कि "अराध्या श्रीवास्तव" को पढ़ाई लिखाई में कोई रुचि ही नही है और बल्कि क्लास में जाकर लेक्चर लेने तुम्हे चक्कर आने लगते है तो फिर आज तुम्हे अपने कॉलेज जाकर लेक्चर लेने में इतनी रुचि कहा से आ रही है, बताओ ना मैं जाना चाहता हूं कि आज तुम्हे अपनी पढ़ाई लिखाई करने का इतना मन क्यू कर रहा है..!" 

To be Continued......❤️✍️

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।