डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 64 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 64

अब आगे,

अराध्या अपना व्हाइट सॉस पास्ता खा तो रही थी मगर वो अर्जुन को घूरे भी जा रही थी और अब जब अर्जुन ने अराध्या को अपने को घूरता हुआ देखा तो अब उसने अराध्या से कहा, "अगर तुम मुझे ऐसे ही घूरती रही ना तो तुम बहुत पछताने वाली हो क्यूंकि मैंने तुम पर से अपना कंट्रोल खो दिया और ऐसा हो गया ना तो फिर तुम्हे मुझसे बचाने वाला कोई नहीं होगा..!"

अर्जुन की बात सुनकर ही आराध्या की हालत खराब हो गई थी और उसने झट से अपनी नजरों को अर्जुन पर से हटाकर इधर उधर देखने में लगा दिया था और अराध्या को देखकर ही अर्जुन को बहुत मजा आ रहा था पर उससे ये सब अपने चेहरे पर जाहिर नही होने दिया..! 

और अब अर्जुन, अराध्या को अपने हाथ से उसका फेवरेट व्हाइट सॉस पास्ता खिला रहा था और आराध्या बिना उसकी आंखो में देखे एक अच्छे बच्चे की तरह चुपचाप अपना फेवरेट व्हाइट सॉस पास्ता खा रही थी..! 

अराध्या को ऐसे मासूम बच्चे की तरह चुपचाप अपना फेवरेट व्हाइट सॉस पास्ता खाते हुए देखकर अर्जुन के चेहरे पर अपने आप ही एक हल्की सी मुस्कान आ गई थी..!

अब अर्जुन ने अराध्या के मासूम चेहरे को देखा और उसको उसका व्हाइट सॉस पास्ता का आखरी बाइट खिलाते हुए उसने उससे कहा, "अब तुमने अपना फेवरेट व्हाइट सॉस पास्ता भी खा लिया है तो अब तुम थोड़ा आराम करलो और तब तक मै अपनी कंपनी होकर आता हूं क्योंकि आज मेरी एक इंपोर्टेंट मीटिंग है और इसलिए ही मुझे जाना पड़ रहा है नही तो मै तुम्हे छोड़कर बिलकुल भी नहीं जाना चाहता हूं..!" 

अर्जुन की पूरी बात सुनकर अब आराध्या ने उसकी ओर देखा और अब थोड़ा घबराते हुए उससे कहा, "अगर आप बुरा ना माने तो क्या मैं आपसे पूछ सकती हु..?" 

अर्जुन इस समय अच्छे मूड में था इसलिए अराध्या की बात सुनकर अब अर्जुन ने उससे कहा, "हां पूंछू ना मेरी जान क्या पूछना चाहती हो तुम..!" 

अर्जुन की बात सुनकर अब आराध्या ने थोड़ा सा घबराते हुए अर्जुन से कहा, "क्या आप इस विला में अकेले रहते हैं, वो क्या है न कि मै जब भागकर नीचे गई थी तो..!" 

अराध्या ने अपनी बात बीच में ही छोड़ दी थी क्योंकि जब उसने अर्जुन को देखा कि उसके मुंह से भागना शब्द सुनकर अबतक अर्जुन के चेहरे के भाव सक्त हो चुके थे..!

और अर्जुन के चेहरे पर सक्त भाव को देखते हुए अब आराध्या को ना चाहते हुए भी अपने चेहरे पर मुस्कान को लगा पड़ा और अब अपनी ही कही हुई बात को पलटते हुए अब अर्जुन से आगे कहने लगी, "मेरे कहने का मतलब था कि जब मै नीचे गई थी तो वहा कोई भी नही था सिवाए एक भैया के तो क्या आपके साथ आपका परिवार नही रहता है..!" 

अराध्या के मुंह से परिवार शब्द सुनकर अर्जुन का चेहरा एकदम से डार्क हो चुका था और अब उसने कुछ सोचते हुए अब अपनी कड़क आवाज में अराध्या से कहा, "नही मै उन लोगो को अपना परिवार नही मानता हूं और इसलिए ही मै अकेला रहता हूं और मेरे साथ इस विला में सिर्फ समीर, अभिनाश और तन्मय ही साथ रहते हैं और तुम्हारे लिए अच्छा यही होगा कि तुम फिर कभी भी मेरे परिवार के बारे मे बात न ही करो तो अच्छा है..!"

अर्जुन की पूरी बात सुनकर अब आराध्या ने अर्जुन से कुछ नही कहा था और अपनी बात कहकर अब अर्जुन ने अपने हाथ में पकड़ी हुई व्हाइट सॉस पास्ता की बाउल को अपने सामने रखी हुई शीशे की मेज पर रख दी और फिर अपने कोट की जेब से अपना व्हाइट रुमाल निकलकर अब आराध्या का मुंह साफ करने लगा..! 

और आराध्या मुंह को साफ करते हुए अब अर्जुन ने अराध्या से कहा, "तुम अब आराम करो और मै अब अपनी कंपनी जा रहा हूं..!" 

To be Continued......❤️✍️

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और स्टिकर, कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।