पर्सनेलिटी डेवलपमेंट टिप्स ᴀʙнιsнᴇκ κᴀsнʏᴀᴘ द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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पर्सनेलिटी डेवलपमेंट टिप्स

हम रोज़ाना बहुत से लोगों से मिलते हैं पर कुछ एक लोग ही ऐसे होते हैं जो हमें प्रभावित कर जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए ही हम कहते हैं कि, the person has got a pleasant personality, ऐसी पर्सनेलिटी वाले लोग अक्सर खुशहाल होते हैं और उनकी हर जगह रिस्पेक्ट होती है, उन्हें लाइक किया जाता है, पार्टीस में इनवाइट किया जाता है और जॉब में इन्हें प्रमोशन भी जल्दी मिलता है। नेचुरली, हम सभी ऐसी पर्सनेलिटी प्रोसेस करना चाहेंगे और आज मैं अपने इस article में ऐसे ही 10 प्वाइंट शेयर कर रहा हूँ जो आपको एक आकर्षक व्यक्तित्व पाने में हेल्प कर सकते हैं।

1. लोगों को जैन्यूइनली लाइक करिए :
जब हम किसी से मिलते हैं तो मन में उस पर्सन की एक इमेज बना लेते हैं. ये इमेज पॉजिटिव, नेगेटिव या न्यूट्रल हो सकती है। पर अगर हम अपनी पर्सनेलिटी इंप्रूव करना चाहते हैं तो हमें इस इमेज को इंटेंशनली पॉजिटिव बनाना होगा. हमें अपने माइंड को ट्रेन करना होगा कि वो लोगों में अच्छाई खोजे बुराई नहीं। ये करना इतना मुश्किल नहीं है, अगर आप माइंड को अच्छाई खोजने के लिए निर्देश देंगे तो वो खोज निकालेगा।

हमें लोगों के साथ पेशन्ट होना चाहिए, उनकी किसी कमी या शॉर्टकमिंग से इरिटेड होने की बजाये खुद को उनकी जगह रख कर देखना चाहिए। क्या पता अगर हम भी उन्ही जैसे सरकमस्टैंसेस में पले-बढे होते तो उन जैसे ही होते!!! इसलिए डिफरेंसेस को सेलिब्रेट करिए उनसे इरिटेड मत होइये।

दोस्तो, हमारे चारो तरफ फैली नेगेटिविटी हमें बहुत प्रभावित करती है, हम रोज चोरी, धोखाधड़ी, फ्रॉड की खबरें सुनते हैं और शायद इसी वजह से आदमी का आदमी पर से विश्वास उठता जा रहा है। मैं ये नहीं कहता की आप आँख मूँद कर लोगों पर ट्रस्ट करिए, पर ये जरूर कहूँगा कि आँख मूँद कर लोगों पर डिस्ट्रस्ट मत करिए। ज्यादातर लोग अच्छे होते हैं; कम से कम उनके साथ तो होते ही हैं जो उनके साथ अच्छा होता है, आप लोगों के साथ अच्छा बनिए, उन्हें लाइक करिए और बदले में वे भी आपके साथ ऐसा ही करेंगे।
Ralph Waldo Emerson ने कहा भी है, मैं जिस व्यक्त से भी मिलता हूँ वह किसी ना किसी रूप में मुझसे बेहतर है। 

तो जब हर कोई हमसे किसी न किसी रूप में बेहतर है तो उसे लाइक तो किया ही जा सकता है!

2. मुसकुराहट के साथ मिलिए :
जब आप अपने बेस्ट फ्रेंड से मिलते हैं तो क्या होता है? आप एक दूसरे को देखकर स्माइल करते हैं, isn't it?
मुस्कराना जाहिर करता है कि आप सामने वाले को पसंद करते हैं। यही बात हर तरह के रिलेशन में लागू होती है; इसलिए आप जब भी किसी से मिलें (of course कुछ exceptions हैं) तो चहरे पर एक जेन्युइन स्माइल लाइए, इससे लोग आपको पसंद करेंगे, आपसे मिलकर खुश होंगे। आपकी मुस्कराहट के जवाब में मुस्कराहट न मिले ऐसा कम ही होगा, और होता भी है तो let it be आपको अपना पार्ट अच्छे से प्ले करना है बस।

ये सुनने में काफी आसान लग रहा होगा, करना ही क्या है, बस हल्का सा स्माइल ही तो करना है, बहुत से लोग नचुरली ऐसा करते भी हैं; पर बहुत से लोग इस छोटी सी बात पर गौर नहीं करते, और अगर आप भी नहीं करते तो इसे अपनी प्रेक्टिस में लाइए। एक मुस्कुराता चेहरा एक फाइऐट या सख्त चेहरे से कहीं अधिक आकर्षक होता है, और आपकी पर्सनेलिटी को एक्ट्रेक्टिव बनाने में बहुत मददगार होता है।

मुस्कुराने से एक और फायदा भी है, as per some research; जब हम अन्दर से खुश होते हैं तो हमारे एक्सटर्नल एक्सप्रैशन उसी हिसाब से चेंज हो जाते हैं, हमें देखकर ही लोग समझ जाते हैं कि हम खुश हैं; और ठीक इसका उल्टा भी सही है, यानि जब हम अपने बाहरी एक्सप्रैशन्स खुशनुमा बना लेते हैं तो उसका असर हमारे इंटरनल मूड़ पर भी पड़ता है और वो अच्छा हो जाता है।
So, don't forget to carry a sweet smile wherever you go.

3. नाम रहे ध्यान :
किसी व्यक्ती के लिए उसका नाम दुनिया के बाकी सभी नामों से ज्यादा इंपोर्टेंस रखता है। इसिलए जब आप किसी से बात करें तो बीच-बीच में उसका नाम लेते रहिये। Of course अगर व्यक्ती आपसे सीनियर है तो आपको नाम के साथ जरूरी सेफिक्स या प्रीफिक्स लगाना होगा।

बीच-बीच में नाम लेने से सामने वाला अपनी इंपोर्टेंस फील करता है और साथ ही आपकी तरफ ध्यान भी अधिक देता है। और डेफिनेटली वो इस बात से खुश होता है कि आप उसके नाम को इंपोर्टेंस दे रहे हैं।

दोस्तो, नाम याद रखने में मैं भी थोड़ा कच्चा था, यहाँ तक कि कई बार नाम जानने के 2 मिनट बाद ही वो ध्यान से उतर जाता था। ऐसा बेसिकली इसलिए होता था क्योंकि मैं नाम याद रखने की कोशिश ही नहीं करता था, पर अब मैं इंटेंशनली एक बार नाम सुनने के बाद उसे याद रखने की कोशिश करता हूँ। आप भी 'नाम की महत्ता को समझिये', नाम याद रखना आपको एक बहुत बड़ी edge दे देता है।

4. "I" से पहले "You" को रखियेः
आप किसे अधिक पसंद करेंगे जो अपने मतलब की बात करे या उसे जो आपके मतलब की बात करे?
Of course आप दूसरा ऑप्शन चूज करेंगे.. हर एक इंसान पहले खुद को रखने में लगा हुआ है.. मैं ऐसा हूँ, मुझे ये अच्छा लगता है, मैं ये करता हूँ.... isn't it? पर आप इससे अलग करिए आप "।" से पहले "You" को रखिये।
आप कैसे हैं?, आपको क्या अच्छा लगता है?, आप क्या करते हैं?

I bet, ऐसा करने से लोग आपको कहीं अधिक पसंद करेंगे। अगर अपनी बात करूँ तो अगर आप मुझसे AKC के बारे में बात करेंगे तो मैं आपको बहुत पसंद करूँगा।

सिर्फ एक्टर, क्रिकेटर, या राइटर ही नहीं एक आम आदमी भी ऑडियंस चाहता है... जब आप एक आम आदमी के ऑडियंस बनते हैं तो आप उसके लिए खास हो जाते हैं। और जब आप बहुत से लोगों के साथ ऐसा करते हैं तो आप बहुत से लोगों के लिए खास हो जाते हैं और in the process आप एक पर्सन से बढ़कर एक पर्सनेलिटी बन जाते हैं, एक ऐसी पर्सनेलिटी जिसे सभी पसंद करते हैं, जिसका करिश्मा सभी को इंफ्लूएंस कर जाता है।

5. बोलने से पहले सुनिए :
इसे आप पॉइंट 4 का एक्सटैंशन कह सकते हैं। जब आप दूसरे में इंटरेस्ट लेते हैं तो इसमें ईमानदारी होनी चाहिए। आपने "आप क्या पसंद करते हैं?" इसलिए नहीं पूछा कि बस वो जल्दी से अपना जवाब खतम करे और आप अपनी राम-कथा सुनाने लग जाएं। आपको सामने वाले को सिर्फ पहले बोलने का मौका ही नहीं देना है, बल्की उसकी बात को ध्यान से सुनना भी है और बीच-बीच में उससे रिलेटेड और भी बातें करनी हैं. For ex: अगर कोई कहता है कि उसे घूमने का शौक है, तो आप उससे पूछ सकते हैं कि उसकी फेवरेट टूरिस्ट डेस्टिनेशन क्या है, और वहां पर कौन कौन सी जगह अच्छी है?

अच्छे लिसनर्स की डिमांड कभी कम नहीं होती आप एक अच्छा लिसनर बनिए और देखिए कि किस तरह आपकी डिमांड बढ़ जाती है.

6. क्या कहते हैं से भी ज़रूरी है कैसे कहते हैं:
आप जो बोलते हैं उससे भी अधिक महत्त्व रखता है कि आप कैसे बोलते हैं। For ex. आपसे कोई गलती हुई और आप मुंह बना कर सॉरी बोलते हैं तो उस सॉरी का कोई मतलब नहीं। हमे न सिर्फ सही वर्ड यूज करने हैं बिल्क उन्हे किस तरह से कहा जा रहा है इस बात का भी ध्यान रखना है।

इसलिए आप अपनी टोन और बॉडी लैंग्वेज पे ध्यान दीजिये, जितना हो सके पॅलाईट और वेल मैनर्ड तरीके से लोगों से बात करिए।

यहाँ मैं ये भी कहना चाहूँगा कि बहुत से लोग इंग्लिश बोलने की एबिलिटी को पर्सनैलिटी से रिलेट कर के देखते हैं, जबकि ऐसा नहीं है, आप बिना A,B,C जाने भी एक प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले इंसान बन सकते हैं।

7. बिना अपना फायदा सोचे लोगों की हेल्प करिए :
कई बार हम ऐसी स्थिति में होते हैं कि दूसरों की हेल्प कर सकें, पर out of laziness या फिर ये सोचकर कि इसमें हमारा कोई फायदा नहीं है हम हेल्प नहीं करते। पर एक प्लैजंट पर्सनैलिटी वाला व्यक्ति लोगों की हेल्प के लिए तैयार रहता है। हाँ, इसका ये मतलब नहीं है कि आप अपने जरूरी काम छोड़ कर बस लोगों की हेल्प ही करते रहे। लेकिन अगर थोडा वक्त देने पर आप किसी के काम आ सकते हैं तो जरूर आएं। आपकी एक सेल्फलेस हेल्प आपको दूसरों की ही नहीं अपनी नजरों में भी उठा देगी और आप अच्छा फील करेंगे।
आपने सुना भी होगा; "A little bit of fragrance always clings to the hands that gives you roses"

8. अपने एक्सटर्नल अपीरंस (उपस्थिति) को अच्छा बनाइये :
चूँकि हमारा पहला इंप्रेशन हमारी अपीरंस की वजह से ही बनता है इसलिए इस प्वाइंट पर थोडा ध्यान देने की जरूरत है।

Appearance (अपीरंस) से मेरा ये मतलब नहीं है कि आप जिम जाने लगिए और बॉडी बनाइये, या फिर ब्यूटी पार्लर के चक्कर लगाते रहिये, it simply means कि आप occasion (अवसर) के हिसाब से ड्रेस-अप होइये और पर्सनल हाईजीन पर ध्यान दीजिये। छोटी-छोटी बातें जैसे कि आपका hair-cut, nails और polished shoe आपकी पर्सनैलिटी पर प्रभाव डालते हैं।

9. क्या अप्रीशिऐट कर सकते हैं खोजिये :
चाहे मैं हूँ, आप हौ, या फिर अमिताभ बच्चन, तारीफ सुनना सबको पसंद है। लोगों का दिल जीतने का और अपना फ्रेंड बनाने का ये एक शानदार फॉर्मूला है... प्रशंशा कीजिये, सच्ची प्रशंशा कीजिये।
भारत में ना जाने क्यों किसी की तारीफ करना इतना कठिन हो जाता है... शादियों में जो ऑर्केस्ट्रा होती है उसमे ज़रूर गए होंगे..... बेचारा गायक एक शानदार गीत गाता है और तालियाँ बजाने की बजाये लोग एक दूसरे के चेहरे देखने लगते हैं..... अच्छा हुआ में ऑर्केस्ट्रा में नहीं गाता नहीं तो ऐसी ऑडियंस की वजह से डिप्रेशन में चला जाता।

खैर, मैं यहाँ individual level पे praise करने की बात कर रहा हूँ। अगर आप खोजेंगे तो हर इंसान में आपको तारीफ करने के लिए कुछ न कुछ दिख जाएगा। वो कुछ भी हो सकता है— उसका गार्डन, coins का collection, बढियां से सजाया कमरा, उसकी स्माइल, उसका नाम, कुछ भी, खोजिये तो सही आपको दिख ही जायेगा। और जब दिख जाए तो दब्बू बन कर मत बैठे रहिये, किसी की तारीफ़ करके आप उसे वो देंगे जो वो दिल से चाहता है... आप उसकी खुशी को बढ़ा देंगे, उसका दिन बना देंगे, और सबसे बड़ी चीज आप उसे वो काम आगे भी carry करने के लिए fuel दे देंगे। अगर सामने बोलने से हिचकते हैं तो बाद में एक sms कर दीजिये, मेल से बता दीजिये, पर अगर कुछ प्रशंसा के योग्य है तो उसे तारीफ ज़रूर करिए।

हाँ अगर बहुत कोशिश करने पर भी वो ना मिले तो don't try to fake it... बच्चे भी समझ जाते हैं कि आप सच्ची तारीफ कर रहे हैं या झूठी।

10. लगातार observe और improve करते रहिये:
पर्सनैलिटी डेवलपमेंट एक on-going process है। हम सब में improvement का infinite scope है, इसलिए कभी ये मत समझिये कि बस अब जितना improvement होना था हो गया, बिल्क अपने लिए कुछ समय निकाल कर अपनी एक्टिविटिस, अपने words को minutely observe करिए, आपने क्या किया, आप उसे और अच्छा कैसे कर सकते हैं, कहीं ऐसा तो नहीं कि आप किसी चीज को लेकर खुद को तीस-मारखां समझ रहे हैं और हकीकत में लोग आपकी इस बात को पसंद नहीं करते।

For ex. कुछ साल पहले मैंने realize किया कि लोगों में जल्दी improvement लाने के चक्कर में मैं इतने अधिक mistakes point out कर देता कि उनका confidence कम हो जाता; so I improved on this point और अब मैं patiently ये काम करता हूं। आप भी इस रास्ते पर बढ़ते हुए खुद को observe करते चलिए, और लगातार improve करते जाइये।

अब आपको इन दस बातों की बारी-बारी से प्रैक्टिस करनी है। To start with आप अपनी पसंद का कोई एक point choose कर लें, ध्यान रहे कि एक बार में सिर्फ और सिर्फ एक point पर ही focus करना है। Choose करने के बाद इसे real life में apply करें। अपनी day-today activities में खुद पर नज़र रखें और देखें कि आप सचमुच उसे apply कर पा रहे हैं या नहीं। जब एक हफ्ते ऐसा कर ले तो दूसरे point को उठाएं और अब उसकी practice करें। इस दौरान आप पहले point को भी apply करते रहे, पर अगर वो miss भी हो जाता है तो don't worry फिलहाल आपका focus point 2 है, और वो नहीं miss होना चाहिए।

इसी तरह से आप बाकी points की भी practice करते रहिये, और कुछ ही महीनो में आप पाएंगे कि एक साथ सारी बातों पर ध्यान दे पा रहे हैं। Just be patient and keep on moving, and surely आप जल्द ही एक pleasant personality के मालिक होंगे।