जिंदगी की कीमत क्या है? ᴀʙнιsнᴇκ κᴀsнʏᴀᴘ द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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जिंदगी की कीमत क्या है?

दोस्तों आज की इस Gautam Buddha Motivational Story के जरिए हम आपको बताएंगे की बुद्ध के नजरिए से हमारी जिंदगी की कीमत क्या है। हम में से बहुत से लोग अपनी जिंदगी की वैल्यू नही समझते और अपने जीवन को ऐसी चीजों में बर्बाद कर देते हैं जिनसे हमारा नुकसान ही होता है। कुछ लोग अपनी जिंदगी शराब के पीछे बर्बाद कर देते हैं तो कुछ लड़के-लड़कियों के चक्कर में और कुछ अपनी सारी जिंदगी पैसा पैसा करके बर्बाद कर देते हैं.

आज की इस Buddha story के जरिए हम जानेंगे की हमारी जिंदगी कितनी कीमती है और हमें अपनी इस कीमती जिंदगी को किस तरह जीना चाहिए।

एक बार की बात है, गौतम बुद्ध अपने शिष्यों को जिंदगी से जुड़ी अच्छी बुरी चीजों का ज्ञान दे रहे थे। सभी शिष्य उनकी बातों को बहुत ध्यान से सुन रहे थे। उन सभी में एक शिष्य ऐसा था जिसे प्रश्न पूछने की बहुत आदत थी। वो उठकर गौतम बुद्ध के पास गया और उनसे बोला, “आप हमे जिंदगी के बारे में जो कुछ सीखा रहे हैं उस सब का क्या फ़ायदा क्योंकि हम में से बहुत से बच्चों को ये भी नही पता की हमारे जीवन का मूल्य क्या है और ये जीवन हमारे लिए कितना कीमती है। पहले आप हमे ये बताइए की इस जीवन का मूल्य क्या है?”

अपने शिष्य की बात सुनकर, गौतम बुद्ध अपने कक्ष में गए और एक चमकता हुवा पत्थर का टुकड़ा लेकर आए। वो टुकड़ा उन्होंने अपने शिष्य को दिया और बोले, “मैं तुम्हें इस जीवन का मूल्य तब बताऊंगा, जब तुम इस पत्थर का सही मूल्य पता लगाकर आओगे। साथ ही ये ध्यान रखना की तुम्हें ये पत्थर का टुकड़ा किसी को बेचना नहीं है।”

गौतम बुद्ध की बात मानकर वो शिष्य बाजार की तरफ चला गया। बाजार में सबसे पहले उसकी नजर एक फल बेचने वाले पर पड़ी और उसने वो पत्थर उस फलवाले को दिखाया और बोला, “इस पत्थर के बदले आप मुझे कितने फल दे सकते हो?”

फल वाला बोला, “ये पत्थर कुछ खास तो नही है लेकिन फिर भी इसके बदले में तुम्हें 10 केले दे सकता हूं।”

वो शिष्य उस पत्थर को लेकर आगे चला गया। फिर उसे एक सब्जीवाला मिला। शिष्य ने उस सब्जीवाले से उस पत्थर की कीमत पूछी।

सब्जी वाले ने उस पत्थर को ध्यान से देखा और बोला, “इस पथ्थर की कीमत के बदले में तुम्हें ज्यादा से ज्यादा एक बोरी भर कर सब्जियां दे सकता हूँ।”

इसके बाद वो शिष्य उस पत्थर को लेकर एक सोने के व्यापारी के पास गया। उस पत्थर के टुकड़े की चमक देखते ही उस सुनार ने उसकी कीमत 100 सोने के सिक्के लगाई। शिष्य ने वो टुकड़ा बेचने से मना किया तो वो सुनार उसके बदले 200 सोने के सिक्के देने को भी राजी हो गया।

लेकिन शिष्य ने वो पत्थर नही बेचा। इसके बाद वो शिष्य एक हीरों के व्यापारी के पास गया और उनके सामने उसने वो पत्थर के टुकड़े को रख दिया।

उस पत्थर को देखते ही हीरों के व्यापारी ने एक साफ कपड़ा बिछाया, उस पत्थर को उसके ऊपर रखा, फिर उसकी परिक्रमा की और हाथ जोड़कर उस पत्थर को कपड़े में लपेटते हुवे वो बोला, “तुम जिसे मामूली पत्थर समझकर उसकी कीमत पूछ रहे हो, असल में ये एक बेशकीमती रूबी है। ऐसा रूबी हर किसी को नही मिलता। मैं अगर अपना सब कुछ बेच भी दूं तो भी इसकी कीमत नही चुका सकता।”

उस व्यापारी की बातें सुनकर वो शिष्य हैरान हो गया। वो दौड़ा दौड़ा सीधा बुद्ध के पास आया और उन्हें उसने जो कुछ भी बाजार में हुवा वो सब बताया।

उसकी अचरज भरी बातें सुनकर गौतम बुद्ध बोले, “तुम्हारे सवाल का जवाब इस रूबी की कीमत में ही छिपा है। हमारा जीवन भी एक रूबी है, रूबी की तरह ये भी बेशकीमती है लेकिन हम इस बात को हमेशा नजरंदाज करते हैं और अपने जीवन का मूल्य नहीं समझते। हम दूसरों को देखकर और उनके जैसा जीवन जीने की कोशिश में अपने जीवन की कीमत को कम कर देते हैं। हम ये सोचते हैं की हमारी जिंदगी की कीमत वही है जो दूसरे हमे बताते हैं लेकिन ये बात हमेशा ध्यान रखना कि सामने वाला अपनी हैसियत, बुद्धि, और अपनी समझ के हिसाब से तुम्हारी कीमत लगाता है।”

सीख जो हमे गौतम बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी से मिलती है—
जिंदगी सिर्फ एक बार मिलती है इसलिए इसको बर्बाद ना करें। अपनी जिंदगी को उतना ही कीमती समझें जितना कीमती आप अपने बैंक में रखें रुपयों को समझते हैं। आज के समय में लोग अपनी जिंदगी से ज्यादा कीमती प्यार, पैसों और दिखावे से भरी चीजों को समझते हैं। प्यार के चक्कर में लोग सुसाइड कर लेते हैं, पैसों के चक्कर में ऐसा काम करने लग जाते हैं जिससे उनकी जिंदगी बर्बाद हो जाती है, नाम कमाने के चक्कर में उल्टे सीधे काम करने लग जाते हैं। हमेशा याद रखें की दिखावा करना जरूरी नहीं है, प्यार दुबारा मिल सकता है, पैसा फिर कमाया जा सकता है, लेकिन जिंदगी को फिर से पाया नही जा सकता। इसलिए अपनी इस बेशकीमती जिंदगी को अच्छे से जिएं। हर पल का आनंद लें। कभी ये ना सोचें की आप इस दुनिया में किसी काम के नही है, ना कभी ये सोचें की आपकी जिंदगी व्यर्थ है आपके होने या ना होने से कुछ फर्क नही पढ़ता। जब भी ऐसे नेगेटिव विचार आपके मन में आए तो खुदको को बस ये याद दिलाएं की “जीवन एक रूबी है और ये बेशकीमती है।”