Lata Mangeshkar Last Words ᴀʙнιsнᴇκ κᴀsнʏᴀᴘ द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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Lata Mangeshkar Last Words

सारी जिंदगी हम किसी ना किसी चीज की तलाश में गुजार देते हैं। कभी खुशियों की तलाश, कभी प्यार की, कभी नौकरी की तो कभी पैसों की। हम सभी हमेशा किसी ना किसी चीज को पाने के पीछे लगे रहते हैं। हर कोई इस जिंदगी से कुछ ना कुछ चाहता है और कुछ ना कुछ हासिल करना चाहता है। हम भले ही कितना कुछ भी पा लें।

कितना भी कमा लें लेकिन इस दुनिया से हम कुछ लेकर नही जा सकते। मगर फिर भी कमाना जरूरी है क्योंकि इस दुनिया में आएं हैं तो बिना कमाएं जी पाना बहुत मुश्किल है। जिंदगी बस यही है हम साथ कुछ लेकर नही जा सकते लेकिन जब तक हैं तब तक कुछ ना कुछ जोड़ते ही रहना है।

इंसान अपनी जिंदगी का सही मतलब अपने अंतिम दिनों में ही समझता है। क्योंकि तब वो एक ऐसी स्तिथि में पहुंच चुका होता है जहां उसका शरीर उसके द्वारा जोड़ी गई चीजों का उपयोग करने के लायक नही रह पाता और तब समझ में आता है की जिंदगी क्या है और कैसी है।

लता मंगेशकर को हर भारतीय जानता ही है और उनकी आवाज का हर कोई आज भी दीवाना है। लता मंगेशकर भारत की एक प्रसिद्ध playback singer थी, उन्हें “भारत कोकिला (Nightingale of India)” भी कहा जाता था।

Lata Mangeshkar Last Words के जरिए हम समझेंगे की जो जिंदगी हम जी रहे हैं उसका अंत क्या है।

लता मंगेशकर जी के आखिरी शब्द

“इस दुनिया में मौत से बड़ा सच कुछ भी नहीं है। दुनिया की सबसे महंगी Branded कार मेरे Garage में खड़ी है, लेकिन मुझे Wheel Chair पर बैठा दिया गया है। मेरे पास इस दुनिया में हर तरह की Design और रंग के महंगे कपड़े, महंगे जूते और महंगा साजो सामान है, लेकिन मैं उस छोटे गाउन में हूं जो अस्पताल ने मुझे दिया है।

मेरे Bank Account में बहुत पैसा है लेकिन आज ये मेरे लिए किसी काम का नहीं है। मेरा घर मेरे लिए महल जैसा है लेकिन मैं अस्पताल में एक छोटे से बिस्तर पर लेटी हूं। मैं दुनिया के Five Star होटलों में घूमती रही, लेकिन अब मुझे अस्पताल की एक Lab से दूसरी Lab में भेजा जा रहा है। एक समय था, जब हर दिन सात Hair Stylist मेरे बालों की सफाई करते थे, लेकिन आज मेरे सर पर बाल नहीं हैं।


मैं दुनिया भर के अलग अलग Five Star होटलों में खाना खाती थी पर अब दिन में दो गोली और रात को एक बूंद नमक ही मेरा आहार है। मैंने विमानों में बैठकर दुनियाभर का सफर किया लेकिन आज दो लोग अस्पताल के बरामदे तक भी जाने में मेरी मदद कर रहे हैं। किसी भी सुविधा ने मेरी मदद नहीं की। किसी तरह आराम नहीं। लेकिन कुछ अपनों के चेहरे, उनकी दुआएं ही मुझे जिंदा रखती हैं।

यह जीवन है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितनी दौलत के मालिक है। अंत में आप खाली हाथ जाते हैं, दयालु बनें, किसी की भी मदद करें जो आप कर सकते हैं। धन और शक्ति के लिए लोगों को महत्व देने से बचें। अच्छे इंसानों से प्यार करें, जो तुम्हारे लिए हैं उन्हें संजोए रखें, किसी को दुख मत दें, अच्छे बनें, अच्छा करें क्योंकि वही तुम्हारे साथ जाएगा।”


सीख जो हमे लता मंगेशकर जी के अंतिम शब्दों से मिलती है
दोस्तों लता जी के कहे अंतिम शब्दों से आप समझ ही गए होंगे की जिंदगी में ज्यादा जरूरी क्या है। सिर्फ पैसे कमाना और महंगी चीज का शौक रखना जरूरी नहीं है। जरूरी है एक अच्छा इंसान बनना। ऐसा इंसान जिसे लोग उसकी अमीरी नही बल्कि उसके स्वभाव और उसके व्यक्तित्व के लिए याद रखें। जिंदगी में कई बार ऐसे मोड़ आ जाते हैं जहां पैसे की नही दुवाओं की जरूरत पड़ती है।

जो इंसान अच्छा होता है, दूसरों का कभी गलत नही करता उसको हमेशा दुवाएं मिलते रहती हैं। इसलिए पैसे और ताकत का कभी घमंड ना करें। अंत समय में हमारा क्या होने वाला है ये हम भी नही जानते हैं। अगर हम कर्म अच्छे करेंगे तो हो सकता है हमारा अंतिम समय भी थोड़ा बहुत कष्ट के साथ ही निकल जाए। लता जी के ये शब्द बहुत ही भावुक कर देने वाले हैं। इन्हें पढ़कर ऐसा लगता है मानो हर चीज जो हम कर रहे हैं उसके कोई मायने ही नही हैं।

इसलिए पैसा कमाओ मगर उसके पीछे पागल मत हो जाओ। जब तक आप जवान हैं, सही हैं तब तक जिंदगी के पल को जीयो, सबके साथ खुशियां बांटों, क्या है क्या नही है इन चीजों के बारे में ज्यादा मत सोचो। जिंदगी जितना दे रही उसमे खुद को खुश रखो। ज्यादा के चक्कर में मत पढ़ो। जिंदगी को आज में जीयो। जो है उसके साथ खुश रहो।