डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 29 Saloni Agarwal द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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डेविल सीईओ की मोहब्बत - भाग 29

अब आगे,

 

राहुल के मुंह से इतना कुछ सुन कर, जानवी बहुत ज्यादा शौक थी उस ने कभी भी राहुल से ये एक्सपेक्टेड ही नही किया था..!

 

राहुल की पूरी बात सुन कर, जानवी ने कुछ देर सोचा और फिर सीरियस होकर राहुल की तरफ देखते हुए उस से कहने लगी, "ठीक है अगर तुम्हे ब्रेक अप ही चाहिए तो फिर ठीक है आज से पहले और आज तक जो कुछ भी हमारे बीच में था वो सब खत्म होता है और आज से और अभी से तुम्हारा और मेरा कोई रिश्ता नही है क्योंकि जो इंसान मुझे नही समझ सकता है उस का मेरी जिंदगी में होना ना होना एक ही बात है..!"

 

जानवी अपनी बात कह कर वहा से जल्दबाजी से निकल गई और वही जानवी की बाते सुन कर अब राहुल को बहुत ज्यादा हैरानी हो रही थी और उस को तो लगा था कि ब्रेक अप का नाम सुन कर जानवी, अपनी दोस्त आराध्या के पास नही जायेगी..!

 

और ये सब कुछ राहुल ने सिर्फ जानवी को डराने के लिए बोला था मगर उस को जानवी से ये बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी कि वो उस से ऐसे ब्रेक अप ही कर लेगी..!

 

राहुल अपनी जगह पर खड़े होकर बस जानवी को जाते हुए देख रहा था उस को तो कुछ समझ में ही नही आ रहा था कि अभी हुआ क्या था..!

 

वही दूसरी तरफ,

 

उस शक्श के ड्राइवर ने इतनी स्पीड से कार को दिल्ली के हाइवे पर भगाया था कि कोई भी उस कार को देखता तो बस उस कार के ड्राइवर को गालियां ही दे रहा था...!

 

मगर वो ड्राइवर भी क्या करे, उस के बॉस ने उस को भूखे शेर के सामने डालने को बोल दिया था तो उस समय बस उस को किसी भी तरह अपनी जान बचाने से मतलब था..!

 

आराध्या को जिस शक्श से किडनैप किया था उस शक्श का ड्राइवर ने उस को उस के विला तक पहुंचा दिया और वो भी उस के दिए हुए 15 मिनट में..!

 

अब उस शक्श का ड्राइवर ने कार से बाहर निकल कर उस शक्श के लिए कार का दरवाजा खोल दिया और वो शक्श, आराध्या को बड़े ही ध्यान से अपनी गोद में लेकर कार से बाहर निकल गया और अब अपने विला में अंदर जाने लगा...!

 

वो शक्श, अपने साथ आराध्या को अपनी गोद में लेकर अपने विला में एंटर करता है वही उस विला के हॉल मे एक और शक्श बैठा हुआ था और उस के साइड में एक बॉडीगार्ड की ड्रेस पहने हुए एक शक्श खड़ा हुआ था...!

 

जिस शक्श की गोद में आराध्या थी वो अब उस को सीढ़ियों से ऊपर की तरफ अपने कमरे मे लेकर जाने लगा..!

 

वही दूसरा शक्श जो हॉल के सोफे पर बैठा था वो अपने साइड में खड़े बॉडीगार्ड से कहने लगा, "क्या दिन देखने पड़ रहे हैं कि अब "एशिया का टॉप बिजनेसमैन द अर्जुन सिंह शेखावत" को ऐसे किसी लड़की को किडनैप कर के लाना पड़ रहा है जबकि इस के कहने पर भी नही बस एक इशारे भर से लड़कियों की लाइन लग सकती हैं...!"

 

हां, तो सोफे पर बैठा हुआ शक्श और कोई नही बल्कि ये अर्जुन का इकलौता दोस्त "समीर भारद्वाज" ही था...!

 

फिर वही सोफे पर बैठा समीर दुबारा उस बॉडीगार्ड से कहने लगा, "और तन्मय तू नही जा सकता था, क्या तो अर्जुन को खुद जाना पड़ गया..!"

 

और समीर के साइड में खड़ा बॉडीगार्ड और कोई नही बल्कि अर्जुन का पर्सनल बॉडीगार्ड "तन्मय शिंदे" ही था..!

 

समीर की बात सुन कर, अब अर्जुन के पर्सनल बॉडीगार्ड तन्मय ने उस से कहा, "सर, मैने तो बॉस को बोला था पर उन्होंने कहा कि आराध्या मैम को उन के अलावा कोई और हाथ तो क्या नजर उठा कर भी नही देख सकता है...!"

 

तन्मय की बात सुन कर, समीर अपने आप में ही बड़बड़ाता हुए कहने लगा, "लगता है अर्जुन, अब आराध्या के लिए किसी भी हद तक गुजरने मे एक मिनट भी नही लगाएगा...!"

 

अर्जुन का कमरा,

 

वही अर्जुन, आराध्या को अपनी गोद में लेकर ही अपने कमरे में एंटर कर चुका था और फिर आराध्या को बड़े ही प्यार से अपने किंग साइज बेड पर आराम से लिटा दिया..!

 

और फिर अपने कमरे का दरवाजा बंद करने चला गया और अच्छे से लॉक लगा कर वापस बेहोश हुई आराध्या के पास आ गया..!

 

और आराध्या के बालो की एक लट को उस के कान के पास लगा कर उस से कहने लगा, "तुम बहुत ही खूबसूरत हो आराध्या और सिर्फ और सिर्फ मेरी हो, मै तुम्हे कभी भी अपने आप से अलग नहीं करूंगा और न ही तुम्हे कभी भी अपने से दूर जाने दूंगा, तुम हमेशा मेरे साथ और मेरे पास ही रहोगी...!"

 

अपनी बात कह कर अब अर्जुन, आराध्या को ही बड़े प्यार से देखने लगा और उस के चेहरे पर से मुस्कान जा ही नहीं रही थी..!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी दूसरी नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी दूसरी नोवेल "डेविल सीईओ की मोहब्बत" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।