माता पिता के चरणों में स्वर्ग है S Sinha द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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माता पिता के चरणों में स्वर्ग है

                                           माता पिता के चरणों में स्वर्ग है 

 

दिल्ली  के एक पांच सितारा होटल से दो विदेशी युवतियां बाहर निकल कर फुटपाथ पर कुछ दूर गयीं होंगी कि  उनके कानों में आवाज़ गयी “ सर शू  पॉलिश “ . 


उन्होंने मुड़ कर देखा तो एक युवक हाथ में एक गंदा सा थैला लिए था  . उसने थैले से जूता पॉलिश करने वाला ब्रश निकाला और उसे हवा में लहराते हुए इशारा कर कहा ‘“ सर , बूट पॉलिश कर देता हूँ  . “  कुछ देर तक वह युवक उन दोनों लड़कियों को देर तक देखता रहा  . 


लड़कियों ने पूछा  “ यूँ क्यों घूर कर देख रहे हो ? “


“ ओह , नहीं  . वैसा कुछ भी नहीं है सर  . बस शू पॉलिश के लिए पूछ रहा हूँ  . “ 


दोनों लडकियों ने हँसते हुए धीरे से कहा “ नो , नो  . “  और दोनों आगे बढ़ गयीं  .  वह युवक भी उन्हें देर  तक देखता रहा फिर अपना शू ब्रश लहराते हुए बोलने लगा “ शू पॉलिश करा लो  . “


लड़का फुटपाथ पर एक लैंप पोस्ट से सट कर  बैठ गया और  कस्टमर का इंतजार करने लगा ,  दोनों लड़कियां टैक्सी में बैठ कर अपने गंतव्य स्थान के लिए निकल पड़ीं  . 


दूसरे दिन सुबह फिर दोनों लड़कियां उसी होटल से बाहर निकलीं  दूर जाने पर उन्हें फिर उसी लड़के की आवाज सुनायी पड़ी “ सर , शू पॉलिश  . “  लड़का भी उसी  अंदाज़ में ब्रश हवा में हिला कर बोल रहा था  . 


 इस बार दोनों लड़कियां उस के पास  गयीं , लड़के ने कहा “ सर शू पॉलिश करा लो , एकदम शाइन करने लगेगा  . “  बोल कर लड़का फिर एकटक से दोनों लड़कियों को बड़े गौर से देखने  लगा  . 


उसे देख कर एक लड़की ने पूछा “ ऐसे क्या देख रहे हो ? पहले कभी लड़की नहीं देखे हो ? “ 


“ लड़के ने घबराहट में कहा “ नो सर , हाँ सर  . “ 


“ तभी दूसरी लड़की ने आगे बढ़ कर साथ वाली लड़की से कहा “ क्यों बेचारे को तंग कर रही हो  ? “  फिर लड़के से कहा “ मेरे  शू पॉलिश करोगे ? “ 


“ यस सर “  और लड़के ने अपने थैले से निकाल कर एक लकड़ी की पटरी रखते हुए कहा “ सर जूते खोल कर  इस पर पैर रखें प्लीज   . “


लड़की ने उसे जूते खोल कर दिए और पूछा “  क्या नाम है तुम्हारा और कितने दिनों से यह काम कर रहे हो ? “ 


“ मैं किशोर हूँ , करीब सिक्स मंथ्स से मैं यह काम कर रहा हूँ  .  “ 


“ तो किशोर हो तुम , मेरा नाम सीता है  . और ये साथ वाली लड़की मेरी ट्विन सिस्टर  रीटा है  , ट्विन मतलब जुड़वी  . “  दूसरी लड़की की तरफ इशारा कर हँसते हुए कहा 


“   आप दोनों के फेस मिलते हैं  इसलिए देख रहा था  .   . ” 


“  लगता है कुछ पढ़े लिखे हो क्योंकि बीच बीच में इंग्लिश बोल लेते  हो  .” 


“ वैसे मैं मैं मैट्रिक फेल  हूँ सर  , थोड़ी  बहुत इंग्लिश जानता हूँ .”


पर तुम्हें पता नहीं है कि लड़कियों को सर नहीं कहा जाता है , यह गलत है  .महिलाओं को  सर की जगह मैडम या मैम कहना आगे से  . समझे ?  “  


“ यस मैम  . पर आप लोगों की ड्रेस बिल्कुल मर्दानी होती है  . “ बोल कर किशोर  सीता के जूते पॉलिश करने लगा और दोनों बहनें हँसने लगीं  . 


“ मैंने देखा है कि और पॉलिश करने वाले एक बॉक्स की तरह किट रखते हैं , इसलिए उन्हें दूर से पहचाना जा सकता है   . तुम उनकी तरह शू पॉलिश किट क्यों नहीं रखते हो ? “ 


“ मैम , जी तो चाहता है पर उसके लिए जितने रूपये चाहिए मेरे पास उतने स्पेयर हैं नहीं  .एक एक्सीडेंट में  मेरे फादर चल बसे  . फिर माँ और दो छोटी बहनों की जिम्मेदारी मुझ पर आ गयी  . मैं चाहता हूँ कि मेरी बहनें पढ़ें इसलिए पैसे नहीं बचा पा रहा हूँ  . “  


 तब तक किशोर  जूते पॉलिश कर  चुका था  . उसके बाद रीटा ने अपने जूते पॉलिश के लिए दे दिए  . फिर किशोर ने कहा “ आप लोगों के नाम इंडियन हैं और चेहरे अंग्रेजों जैसीं  .  आप दोनों के चेहरे भी हूबहू मिलते हैं , आपके मम्मी पापा आपको कैसे पहचानते होंगे  .  “ 


“ पिता के खोने का दुःख मैं समझ सकती हूँ  . हमारे पिता का भी देहांत कुछ महीने पहले हुआ है  . दरअसल उनकी अंतिम इच्छा थी उनकी अस्थि विसर्जन गंगा नदी में हो  . हम सिर्फ दो  बहनें हैं तो यह काम हम कर रहे हैं  .हरिद्वार में अस्थि विसर्जन कर हम दिल्ली  आये हैं  . “   बोल कर रीटा कुछ पल चुप रही और फिर उसी ने आगे बोलना शुरू किया  “ हाँ , हमारे नाम के पीछे एक कहानी है  . मेरे पापा इंडियन थे  और मम्मी जर्मन  . वर्षों पहले मेरी मम्मी दिल्ली में जर्मन एम्बेसी में काम करती थी और वहीँ मेरे पापा भी काम करते थे  . दोनों में प्यार हुआ और फिर शादी और जल्द ही मम्मी प्रेग्नेंट हुई  . उन दोनों ने हिंदी फिल्म “ सीता और गीता “ देखी और उसके बाद पापा ने फैसला किया कि वे हमारे नाम सीता और गीता रखेंगे  .  पर मम्मी ने कहा कि एक का मिलता जुलता नाम वे खुद चुनेंगीं और मेरा नाम रीटा रखा  . जहाँ तक हम दोनों को पहचानने की बात है तुमने ध्यान नहीं दिया होगा , मेरी आँखें नीली हैं जबकि मेरी बहन की काली , इंडियन की  तरह  . “  बोल कर रीटा ने बहन सीता की तरफ इशारा किया 


रीटा ने किशोर को पॉलिश के लिए  सौ रुपये का एक नोट दे कर कहा “  तुम भी और पॉलिश वालों की तरह अपना बॉक्स खरीद लो ,यह गंदा थैला  अच्छा नहीं लगता है  . “ 


किशोर ने रीटा को पचास रूपये लौटना चाहा और कहा “  मैम , आप दोनों के  पॉलिश के सिर्फ पचास रूपये हुए  . “ 


“ इसे रख लो , हमारी तरफ से टिप समझ लो  . “  किशोर को  पैसे दे कर दोनों बहनें एक ऑटो रिक्शा में बैठ पर  चली गयीं .  


दोनों बहनें लाल किला देखने गयीं  . ऑटो वाले को पैसे रीटा ने दिए  . उसके जाने के बाद सीता को याद आया कि उसका बैग ऑटो रिक्शा में ही छूट गया था  .उसने ऑटो का नंबर भी नोट नहीं किया था  . वह बहुत घबरा गयी क्योंकि बैग में कैश के अलावा उसका पासपोर्ट और  वीजा भी था  .रीटा ने उसे समझाते हुए कहा “ डरने की बात नहीं है  .हम पुलिस में रिपोर्ट करते हैं और अपने एम्बेसी में भी  .बैग मिल जाना चाहिए  .”


उन्होंने लाल किला के पास पुलिस में अपनी रिपोर्ट लिखाई  .पुलिस ने भी भरोसा दिया “ मैडम , आप चिंता न करें  . हम अभी आपके होटल  के पास वाले थाने को बोलते हैं  .वे लोग वहां लगे CCTV कैमरे का फुटेज देख कर ऑटो वाले को ढूंढ लेंगे  .तब तक आप लोग लाल किला देख कर आएं  .” 


 करीब दो घंटे बाद लाल किला से निकल कर दोनों बहनें पुलिस के पास गयीं पर वहां उन्हें निराशा ही मिली क्योंकि पुलिस ने कहा “ सॉरी मैडम , आपके होटल के पास वाला CCTV ख़राब होने से अभी तक हमें कोई सुराग नहीं मिला है   .फिर भी हम अन्य स्रोतों से पता करने की कोशिश कर रहे हैं  . जैसे ही कुछ पता चलेगा हम आपको या होटल को कांटेक्ट करेंगे  .” 


अगले दिन सुबह जब दोनों बहनें होटल  से बाहर निकलीं तो किशोर  की नजर  उन पर पड़ी , उसने मुस्कुरा कर धीरे से कहा “ गुड मॉर्निंग मैम  . “   


 पर जब  सीता और रीटा दोनों ने अनसुना कर दिया तब किशोर ने जोर से कहा  “ गुड मॉर्निंग मैम  . “ 


दोनों ने पलट कर देखा और कहा  “ गुड मॉर्निंग  . “   और वे आगे बढ़ने लगीं 


किशोर बोला “ लगता है आपलोग आज सीरियस हैं , सब ठीक है न ? “ 


“ सीता  ने कहा “ कुछ भी ठीक नहीं है  . कल मैं अपना बैग भूल गयी  . “ 


“ काफी पैसे थे उसमें ? “ किशोर ने पूछा 


“ पैसों की कोई चिंता नहीं है , उसमें मेरा पासपोर्ट और वीजा था  . उस के बिना मैं अपने देश वापस नहीं जा सकती  हूँ  . “ 


“ कहाँ खोया आपने बैग को ? “ 


“ कल सुबह यहीं ऑटो में बैठी थी , बैग  उसी में छूट गया  . मैंने ऑटो का नंबर नोट नहीं किया था  . पुलिस अभी तक ढूंढ नहीं सकी है  . यहाँ का CCTV कैमरा ख़राब है इसलिए पुलिस भी लाचार है  . बातों बातों में ऑटो ड्राइवर ने कहा था कि वह हमेशा रंगीन चश्मा पहनता है क्योंकि उसकी एक आँख ख़राब है  .  “ 


“ बस इतनी सी बात है  . आपका बैग मिल जायेगा , डोंट वरी  .  मैं गारंटी के साथ कह रहा हूँ  .  “ 


“ वह कैसे ? “ सीता ने कुछ आश्चर्य से पूछा “ 


किशोर ने एक ऑटो को रुकने को कहा फिर दोनों बहनों को उसमें बैठने के लिए कहा  . उसने ऑटो वाले को उन्हें धौला कुआँ ऑटो स्टैंड ले जाने के लिए कहा फिर सीता से कहा “ मैं दूसरे ऑटो से आपके पीछे वहीँ  आ रहा हूँ  . “ 

“ दूसरे ऑटो से क्यों ? हमारे साथ चलो  . तीन पैसेंजर तो बैठ सकते  हैं  . “ 


“ आपलोग मेरे साथ बैठेंगी ? “  किशोर ने आश्चर्य से पूछा 


“ आओ बैठो , नखरे नहीं करो  . “ सीता ने किशोर का हाथ खींच कर उसे बैठने  के लिए कहा 


वे तीनों धौला कुआँ पहुंचे  .  


तीनों कुछ दूर पैदल चल कर एक गली में गए  . सीता ने किशोर से कहा   “ यहाँ से तुम उस ऑटो वाले को ढूंढ लोगे ? “ 


“ कोशिश कर रहा हूँ , मुझे पूरी उम्मीद है  . मैं उसका नाम नहीं जानता हूँ न ही उसके  ऑटो का नम्बर  .  एक दिन उसने मुझे फ्री लिफ्ट दिया था इसी गली तक और कहा था -  उतर जाओ , मेरा घर इसी गली में है  . वह दिन में हमेशा रंगीन चश्मा पहने रहता है  . उसने मुझे भी  कहा था कि उसकी एक आँख ख़राब है और वह नकली पत्थर की है  .  “   


कुछ दूर चल कर एक घर के गेट पर खड़े आदमी से उसने पूछा “ क्या आप मुझे एक ऑटो ड्राइवर का घर बता सकते हैं , वह हमेशा रंगीन चश्मा पहने रहता है  . उसने कहा था कि उसकी एक आँख ख़राब है  . “ 


“ हाँ , गली के अंत में आपको एक झोपड़ पट्टी मिलेगी  . वहीँ पर उसका और कुछ अन्य ऑटो वालों का घर है  . “ उस आदमी ने कहा 


आखिर कुछ देर बाद तीनों अपनी मंजिल पर पहुंचे  . उस ऑटो ड्राइवर का नाम दिलीप था  . उसकी झोपड़ी के दरवाजे पर दस्तक देने पर दिलीप की पत्नी ने दरवाजा खोला  . दो विदेशी गोरी लड़कियों को देख कर वह घबरा गयी , जो उसके चेहरे पर साफ़ झलक रही थी . किशोर ने पूछा “ तुम्हारा आदमी कहाँ है ? “ 


“ वह तो सवेरे ही टेम्पो ले कर निकल जाता है . “ 


“ उसने मेम साहब का बैग चुराया है . पुलिस भी उसकी तलाश कर रही है   “ सीता की तरफ इशारा कर किशोर ने कहा 


ड्राइवर की पत्नी  “ एक मिनट रुकिए , मैं अभी आई “ बोल  कर अंदर गयी और थोड़ी देर में एक बैग ले कर आयी और कहा “ यही बैग है न ? “ 

“ हाँ , यही है . “ बोल कर सीता ने झट से उस औरत के हाथ से बैग ले लिया 


किशोर बोला “ दिलीप  ने बैग लौटाया क्यों नहीं ? इसमें मेम साहब का पता है . “ 


“ यह सच है कि कुछ देर के लिए उसका ईमान भटक गया था पर मैंने उसे अपने बच्चे की कसम देते हुए बैग लौटाने के लिए कहा  . तब  उसने भी अपने बच्चे की कसम खा कर  मुझसे वादा किया था कि बैग आज पुलिस को दे आएगा  . सुबह उसे एक सवारी को एयरपोर्ट ले जाना था इसलिए जल्दी ही निकल गया . आपलोग पुलिस में बैग मिलने की सूचना दे दें , नहीं तो पुलिस  ढूंढते ढूंढते यहाँ आ कर  हमें बहुत परेशान करेगी . “  इतना बोल कर वह सीता के पैर पकड़ कर रोने लगी . 


“ ठीक है बाबा , हम पुलिस को बोल देंगे . वह तुम्हें तंग नहीं करेगी .  “   सीता बोली 


सीता ने बैग से 500 रुपये का एक नोट ड्राइवर की बीबी को देना चाहा पर उसने लेने से इंकार कर दिया . फिर सीता ने उसके बच्चे के हाथ में वह नोट दे करा कहा - यह तुम्हारे चॉकलेट के लिए है  .” 


सीता , रीटा और किशोर तीनों लौट आये।  सीता ने बैग से 500 के चार नोट किशोर को दे कर कहा “ इसे रख लो।  तुमने बहुत मेहनत किया है मेरा बैग वापस दिलाने में . “ 


“  मैं इसे नहीं ले सकता हूँ , मैंने पैसे की लालच में आपकी मदद  नहीं की  है ,” 


“ मैं जानती हूँ . मैं यह इसलिए दे रही हूँ ताकि तुम इन पैसों से अपने लिए  पॉलिश बॉक्स और अन्य जरूरी सामान खरीद सको और अपना धंधा ठीक से कर सको . इन्हें रख लो . “ 


किशोर ने सर झुका कर थैंक्स कहा  . सीता ने कहा “ हमलोग आज रात एक सप्ताह के लिए आगरा , फतेहपुर सिकरी और बनारस घूमने  जा रहे हैं  . हम लौट कर फिर यहीं आएंगे क्योंकि हमारी रिटर्न फ्लाइट दिल्ली से ही है  . शायद  हम फिर मिल सकें  .  तुमसे मिल कर हमें बहुत ख़ुशी हुई  . टिल देन गुड बाय  “ 


“ यस मैम , हमें भी आपलोगों से मिल कर बहुत ख़ुशी हुई  . हैप्पी एंड सेफ जर्नी   .  “


उस रात जब किशोर अपने पड़ोसी  ऑटो ड्राइवर के ऑटो से घर लौट रहा था उसने किसी लड़के को रोड पर घायल तड़पते देखा  . किसी ने  उस घायल को अस्पताल ले जाना जरूरी नहीं समझा  . किशोर ने ऑटो वाले से बहुत रिक्वेस्ट किया कि उस लड़के को ले कर अस्पताल पहुँचाया जाय  . पहले तो वह नहीं मान रहा था फिर किशोर ने कहा कि पुलिस से निपटने की जिम्मेदारी उसकी होगी  और ड्राइवर का नाम नहीं आने देगा  . उसने अपनी बहनों को देर से आने की सूचना भी दिया  . वहां उसे पुलिस के सैकड़ों सवालों का सामना करना पड़ा और शायद पुलिस की नजर में शक की सूई किशोर पर जा रही रही थी  . उसे पुलिस ने बहुत देर तक रोक कर रखा  . जब दुर्घटना स्थल के समीप के पुलिस कंट्रोल रूम ने वहां की CCTV फुटेज खंगाली तब  पता चला कि रोड क्रॉस करते समय किसी अन्य कार से उसका एक्सीडेंट हुआ था  . किशोर तो नेक इरादे से  मदद कर उस लड़के की जान बचा रहा था  .  अस्पताल से निकल कर  किशोर और ड्राइवर ने मिल कर ऑटो रिक्शा की सफाई की और घर की ओर चल पड़े   . 


अस्पताल से निकल कर कुछ दूर जाने के बाद उसने देखा कि सीता और गीता एक टैक्सी से निकल रहीं थीं  . उनकी टैक्सी एक लैंप पोस्ट से टकरा कर ख़राब हो गयी थी  . उन्हें देख कर किशोर ने ऑटो रोकने को कहा  , इसके पहले कि वह कुछ पूछता सीता बोली “ हमें जल्दी से एयरपोर्ट ड्राप करो वरना हमारी फ्लाइट मिस हो जाएगी  . बाकी बातें मैं रास्ते में बताऊंगी  . “   


किशोर आगे वाली सीट पर ड्राइवर की बगल में बैठ गया और दोनों बहनें पीछे  . 


किशोर उन्हें ले कर एयरपोर्ट रवाना हुआ  . रास्ते में सीता ने कहा “ एक बाइक को बचाने के चक्कर में हमारी टैक्सी रोड किनारे लैंप पोस्ट से टकरा गयी  . “ 


“ लगता है आज का ग्रह ख़राब चल रहा है , जगह जगह मुझे एक्सीडेंट देखने को मिल रहे हैं   . “  किशोर ने हँसते हुए कहा 


“ क्यों , और कहाँ तुमने एक्सीडेंट देखा है ? “   सीता के पूछने पर किशोर ने आपबीती सुनाई  . 


सीता ने भी हँस कर कहा  “ लगता है आज दिल्ली वालों को एक्सीडेंट से बचाने का ठेका भगवान् ने तुम्हें दे रखा है  . “ 


एयरपोर्ट पर उतर कर सीता ने कहा “ वापस आकर तुमसे बात करनी है  . तुम्हें सरप्राईज़ देनी है  . टिल देन  बाय  एंड टेक  केयर  . “ 


एक सप्ताह बाद दोनों बहनें दिल्ली लौट आयीं  . तब तक किशोर ने उनके दिए रुपयों से एक बॉक्स खरीद लिया था  . जब  किशोर से दोनों बहनें अपने शूज पोलिश करा रहीं थीं तभी सीता ने कहा “ मैंने तुमसे कहा था न कि लौट कर तुम्हें एक सरप्राईज़ दूँगी  . “ 


“ हां  कहा तो था  . “ 


“ क्या जानना चाहोगे ? “


“ क्यों नहीं ? “ 


“ हमलोग तुम से मिल कर बहुत खुश हैं  . मैंने अपनी मम्मी से भी तुम्हारे लिए बात किया है  . हम लोग तुम्हारी मदद करना चाहते हैं  . “ 


“ आपने पहले ही बहुत मदद की है जिसका बदला चुकाने की हैसियत मुझमें नहीं है  . “ 


“ बकवास छोड़ो और मेरी बात सुनो  .  हम तुम्हें अपने देश ले जाना चाहते  हैं  . वहां तुम्हें किसी टेक्निकल  ट्रेड की ट्रेनिंग दे कर अच्छा जॉब मिल जायेगा  .  सारा खर्चा हम उठाएंगे   . तुम्हारी जिंदगी संवर जाएगी और स्वर्ग जैसा सुख मिलेगा  . और तो और शादी के लिए गोरी लड़की भी मिल सकती है  .  “ 


“ आपलोगों को बहुत बहुत थैंक्स मैडम पर मेरा स्वर्ग माता के चरणों में है  . “ 


दोनों बहनें आश्चर्य से किशोर की ओर देखने लगीं , मानो कह रहीं हों -  कैसा मूर्ख लड़का है यह  . 

 

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