प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग ३४ RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 47

    पिछले भाग में हम ने देखा कि फीलिक्स को एक औरत बार बार दिखती...

  • इश्क दा मारा - 38

    रानी का सवाल सुन कर राधा गुस्से से रानी की तरफ देखने लगती है...

श्रेणी
शेयर करे

प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग ३४

सब नाश्ता करने लगे पर हिना नहीं आई।
जीनत भी नाश्ता करने लगीं तभी राज ने कहा अरे बाबा जाओ अपनी दोस्त को बुला लाओ।
जीनत ने कहा हां, नाश्ता करके जा रही हुं।
राज अनमाना सा इधर उधर देखने लगा और फिर मालती उधर से गुजर रही थी तो राज ने कहा अरे मालती जी जरा हिना को बुला दिजिए उसका कोई कोरियर आया है।।
राज ने बोलकर अपनी आंखें बंद कर ली।
मालती ने कहा अच्छा अभी जाती हुं।
उधर राज के दोस्त बुलाने लगे कि नाश्ता करने आ जाएं।
राज ने कहा बस दो मिनट रुक ना।
कुछ देर बाद ही हिना नीचे उतर कर सीधे गेट के पास पहुंच गई और फिर इधर उधर देखने लगी और बोली कि अरे कोई फोन नहीं आया कैसा कोरियर कंपनी है?
पीछे से राज ने कहा अरे बाबा सच में तुम्हारा कोरियर आने वाला था क्या?
हिना ने पीछे मुड़कर देखा और बोली ओह तुमने ये सब।।।
राज ने कहा हां और क्या तुम नाश्ता करने नहीं आ रही थी तो मैंने सोचा कि ऐसे ही बुलाया जाएं।
हिना ने कहा हां आदत नहीं बदले सब कुछ बदल गया है।।
राज ने कहा नहीं ऐसी बात नहीं है नजरिया बदल गया है,समय बदल गया है पर मैं तो वहीं हुं और तुम भी तो वही हो।।
हिना ने कहा बस करो अब हां।।
राज ने कहा हां ठीक है चलो नाश्ता कर लो।।
हिना ने गुस्से से कहा वो हल्दी क्या था हां,जान कर करते हो तुम सब कुछ।।
राज ने कहा अरे बाबा ये तो सब ने किया तो तुम क्यों इतना भाव खा रही हो?
हिना ने कहा ये तो मेरे लिए अभिशाप है।

राज ने ओह माई गॉड इतनी पढ़ाई करने के बाद तुम्हारी सोच पर मुझे हंसी आ रही है।
हिना कुछ बिना बोले जाने लगी तो राज ने रोक कर कहा देखो घर में सब रिश्तेदार हैं ज्यादा नखरे किया ना तो हल्दी की रस्म तो पुरी हो गई बाकी जो जो रस्में है उसको भी पुरी कर देंगे।
मौका भी है और दस्तुर भी है।।।
हिना ने कहा हां, ठीक है जा रही हुं नाश्ता करने।
राज ने मुस्कुराते हुए कहा वाह डर गई।
फिर सब नाश्ता करने लगे।
कुछ रिश्तेदार हिना को देख रही थी और उनमें से एक बोल पड़ी अरे वाह हिना पर हल्दी का रंग तो चढ़ गया है देखो कितना चांद जैसा चहेरा चमक रहा है।
हिना ने जल्दी से दुपट्टा ओढ़ लिया और एक तरफ हो कर बैठ गई और नाश्ता करने लगीं।
हिना को राज की बात याद आ रही थी।

राज ने माइक ले लिया और फिर बोला अज किया है।।।
सुनील ने कहा वाह! वाह!


कोई नाम नहीं इस रिश्ते का.....

जो तेरे मेरे बीच है.,
बस कुछ एहसास हैं...!!#
*
जो हम समझते हैं कुछ जज़्बात हैं ,
जो तुम से मुझ तक पहुँचते हैं....!!#

~★~

कुछ अनकही सी बातें हैं.,
जो बस हम सुन पाते हैं...!!#
*
नहीं बँधे हम.,
दुनिया की रस्मों में तो क्या..?
दिल की धड़कनें तो बंधी हैं एक दूसरे से...!!#

~★~

नहीं समझता ये जहां.,
इस बेनाम रिश्ते को तो जाने दो....!!#
*
बस तुम हो मैं हूँ.,
एक दूसरे के लिए.....!!#

बस यही काफ़ी है.....
हाँ यही काफ़ी है .......!!#
✍️💕💕💕💕



क्या बात है अब तो हिना भाभी की बारी है पर यह क्या हुआ।
हिना तो जा चुकी थी।

क्रमशः