प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग ३५ RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग ३५

हिना अपने रुम में जाकर आईने में अपने गालों पर लगें हल्दी को छुड़ाने कि नाकाम कोशिश करती रही पर हल्दी का रंग इतना गहरा था कि वो निकल नहीं रहा था।
Cleaning milk cream भी लगा कर रगड़ने लगी और फिर पीछे से राज ये सब देखकर बोला पागल हो गई हो क्या?
यह क्या हालत बना लिया अपना?
कुछ दाग ऐसे होते हैं लाख कोशिश करो जाते नहीं है।। अपने गालों के साथ यह लड़ाई किस लिए?
हिना ने कहा हां, ठीक कहां जैसे दिल पर लगें जख्म।।उनका क्या?
वो भी तो आसानी से नहीं जाते हैं और फिर जिंदगी भर नासूर बन कर चुभते रहते हैं।

राज ने कहा बहुत ही जिद्दी हो तुम!!
देखा जरा गाल तुम्हारे जख्मी हो गए हैं।
हिना ने कहा हां वो भी तुम्हारी वजह से।।।
अब जाइए देवर जी।।
राज ने गुस्से में कहा फिर वही बात क्यों ऐसा करती हो बोलों।
हिना ने अपने आंसु पोंछते हुए कहा अब मुझे तैयार होना है।
राज के जाते ही हिना जोर से दरवाजा बंद कर देती है और फिर खुब रोती रहती है।
फिर फोन की घंटी से वो रोना कम करके खुद को सम्हाल कर फोन रिसीव करती है।
उधर राज को हिना की कही हुई एक एक बात चुभती है और वो बोलता है क्या करूं कि सब ठीक हो जाएं। मां को सब कुछ बता देता हूं।
एक बार परी की शादी हो जाएं।
किसी भी तरह मुझे बोलना होगा।

फिर इस तरह से रात हो जाती है।
फिर सब सो जाते हैं।।
जीनत और हिना भी सो गए। दूसरे दिन शादी थी सुबह से ही शहनाई बजने लगी थी।
राज और सुनील दोनों इधर उधर भाग रहे थे।
परी के मम्मी पापा परी को समझा रहे थे कि अमेरिका में जाकर भारतीय संस्कृति मत भूलना।
परी ने कहा क्या है मैं बच्ची हुं क्या?
राज ने कहा हां और क्या लाड़ो?
परी ने गुस्से में कहा कि मेरा वश चलता तो इस मंडप में तुम्हारी शादी भी करवा देती।
राज ने कहा हां सच।
मन में सोचा कि सारी रस्में हो चुकी है बस मांग भर दूं क्या?
परी ने कहा अरे बाबा फिर सोचने लगें।

राज ने कहा नहीं कुछ नहीं।
कुछ देर बाद ही परी को पार्लर से आ गई तैयार करने के लिए।
आभा ने बताया कि जिसको तैयार हो सकती है।
जीनत ने कहा मैं भी जा रही हुं।
हिना ने कहा मैं खुद से ही तैयार हो जाऊंगी।
फिर सब तैयार होने लगे।
सुनील को भी तैयार करवाने ले गए।
सुनील ने कहा हमलोग का कहां कुछ मेकअप होता है यार।
हमलोग तो इन्सान है पर ये कहा कोई समझता है।
फिर कुछ देर बाद ही रिश्तेदारों का भीड़ लग गया था।
वर वधू को मंडप में लेकर आओ।
फिर परी जैसा चाहती थी बिल्कुल वैसे ही उसको सजाया और फिर वो मंडप में पहुंच गई और दोनों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाया।
हिना दूर से ही ये सब देख रही थी।
राज विडियो बना रहा था और फिर उसकी नजर हिना को ढुढने लगी।
पर इतनी भीड़ थी कि हिना नजर नहीं आ रही थी फिर राज ने इशारे से जीनत को कहा कि हिना को लेकर आएं।
जीनत भी ढुढते हुए पहुंच गई तो देखा हिना गुमसुम सी खड़ी थी।
जीनत ने कहा अरे बाबा चले।
हिना ने कहा तुम जाओ। मै यहां ठीक हुं।

क्रमशः