वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 6 RACHNA ROY द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 6

बाबूजी ये अखबार लो।
बिमल ने कहा हां, ठीक है पहले पापा जी को दे दो।
फिर सरिता चाय की प्याली सभी के हाथों से लेकर कर ट्रे में रख दिया और किचन में चली गई।
सरिता ने नाश्ता बनाना शुरू कर दिया।
यश कालेज जाने के लिए तैयार हो कर नीचे आ गया और फिर बोला अरे सरिता जी आज रहने दो। दोपहर में खाना खा लुंगा।
तभी मोना हाथ में टे् लेकर आ गई और फिर टेबल पर रख कर बोली आज जूस और टोस्ट से काम चला लो।
यश ने कहा क्या तुमने बनाया?मोटी!
मोना ने कहा हां और क्या।।
यश खुश हो गया क्योंकि आज तक उसे किसी ने खाना परोस कर नहीं दिया था।लोग मिलकर चलते हैं।
फिर सरिता ने सबका नाश्ता लगा दिया। गर्म ,गर्म पराठा और सब्जी साथ में धनिये की चटनी।

फिर सब नाश्ता करने के बाद बिमल के कमरे में जाकर सब बैठ गए।
बिमल की मम्मी ने कहा इतने सालों साल हो गए अभी तक तू चांदनी को नहीं भुला पाया, तभी तो अभी तक तू हर साल बरसीं करवाता है।
बिमल ने कहा हां, मम्मी क्यों बिचारी को कोस रही हो ? कभी भी प्यार नहीं करती थी ना!!
बिमल के पापा ने कहा अरे नहीं बेटा मां है तुम्हारे लिए चिंता करती है बस!
बिमल ने कहा अरे चिंता मत करो मैं जी रहा हूं उसके बिना! ये क्या कम सजा है मेरे लिए। मुझे अभी तक वो दिन याद है कैसे, कैसे उसको मनाया था मैंने!
मोना ने आगे बढ़कर कहा अरे वाह क्या बात है अंकल मुझे बताइए कुछ!बिमल हंसते हुए कहा चल बदमाश।।

फिर काफी देर तक पुरानी यादें का ताना-बाना चलता रहा।
कालेज में यश और रिचा की फिर एक नोंक -झोंक हुआ तो इस पर यश ने कहा देखो रिचा पापा बिल्कुल ठीक कहते हैं कि आजकल के बच्चे में कभी प्यार तो कभी झगड़ा।।
रिचा ने कहा देखो ये! तुम हर बार पापा को बीच में क्यों ले आतें हो?
यश ने कहा देखो रिचा बात को पलटो मत तुम वहां उस पार्टी में नहीं जाओगी बस!
जहां मैं नहीं वहां तुम कैसे जा सकती हो??
रिचा ने कहा ये! बहुत ग़लत बात है आजकल के जमाने में तुम मेरे अभी सिर्फ दोस्त हो हां! शादी नहीं हुई है ओके!
यश अपनी गाड़ी में बैठ गया और फिर बोला ओके जहां जाना है जाओ।
कह कर चला गया।
रिचा रोने लगी और फिर उसकी सारी सहेलियां ने कहा अरे बाबा
जल्दी ,जल्दी नाश्ता करने लगा और मुस्करा भी रहा था, जूस पुरा पीने के बाद थैंक यू कहा!
मोना ने कहा हां, हां ठीक है।
बिमल ने कहा चल अब दोपहर को मिलते हैं।
यश सबको बाई,कहता हुआ चला गया।
मोना ने कहा अंकल आप तो मुझे दिल्ली घुमाने ले जाओगे?
बिमल ने कहा हां, एक दिन सबसब लोग मिलकर चलते हैं।
फिर सरिता ने सबका नाश्ता लगा दिया। गर्म ,गर्म पराठा और सब्जी साथ में धनिये की चटनी।

फिर सब नाश्ता करने के बाद बिमल के कमरे में जाकर सब बैठ गए।
बिमल की मम्मी ने कहा इतने सालों साल हो गए अभी तक तू चांदनी को नहीं भुला पाया, तभी तो अभी तक तू हर साल बरसीं करवाता है।
बिमल ने कहा हां, मम्मी क्यों बिचारी को कोस रही हो ? कभी भी प्यार नहीं करती थी ना!!
बिमल के पापा ने कहा अरे नहीं बेटा मां है तुम्हारे लिए चिंता करती है बस!
बिमल ने कहा अरे चिंता मत करो मैं जी रहा हूं उसके बिना! ये क्या कम सजा है मेरे लिए। मुझे अभी तक वो दिन याद है कैसे, कैसे उसको मनाया था मैंने!
मोना ने आगे बढ़कर कहा अरे वाह क्या बात है अंकल मुझे बताइए कुछ!
बिमल हंसते हुए कहा चल बदमाश।।

क्रमशः