भौमिक के इतना कहने के साथ ही कमिश्नर ने फोन कट कर दिया था। भौमिक ने फोन को कार के डेशबोर्ड पर पटकते हुए कहा- देखा परमार आखिरकार कमिश्नर साहब का फोन आ ही गया। अब उन्हें कैसे समझाउं कि यह केस कैसे चल रहा है। हर दिन एक नई परेशानी लेकर आ रहा है। सुराग मिल नहीं रहा है और इन्हें 15 दिन में केस का रिजल्ट चाहिए। अब क्या हवा में हाथ घूमाकर कातिल को अरेस्ट कर लूं ? मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इस केस में करूं तो क्या करूं ?
सर आप परेशान क्यों हो रहे हैं ? हम अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं। जल्द ही कोई ना कोई सुराग हाथ लग ही जाएगा। वैसे भी आपको सिर्फ एक सुराग ही तो चाहिए वो मिल जाएगा तो आप केस को सॉल्व भी कर देंगे। परमार ने भौमिक को समझाते हुए कहा।
वहीं तो परेशानी है परमार। हम छह बार हवेली का कोना-कोना तलाश कर चुके हैं, परंतु कातिल से संबंधित एक भी सुराग हाथ नहीं लगा है। दूसरी ओर वो बच्चे हैं जो कह रहे हैं कि कत्ल उन्होंने किया है। अब ऐसे में आठ में से किसी को कातिल साबित करने के लिए मुझे सबूत चाहिए और वहीं मेरे पास नहीं है।
कोई बात नहीं सर हम एक बार और उनसे बात करेंगे। हो सकता है कि इस बार उनमें से कोई हमें कोई सुराग दे दें। परमार ने कहा।
तुम उन्हें कल ही मेरे ऑफिस बुलाओ। भौमिक ने कहा।
इसके बाद भौमिक ने अपनी कार आगे बढ़ा दी। कार चलाने के दौरान भी उसके दिमाग में केस को लेकर ही बात चल रही थी। उसने अपनी घड़ी पर नजर डाली तो करीब 9 बजे का समय हो रहा था। उसने कार परमार के घर की ओर घुमा दी। उसने परमार को उसके घर छोड़ा और फिर अपनी कार को अपने घर की ओर भगाने लगा। जल्द ही वो भी अपने घर पहुंच गया था। उसने खाना खाया और फिर अपने बेड पर लेट गया। उसकी आंखों के सामने हवेली ही घूम रही थी। उसके मन में सवाल उठ रहे थे कि आखिर कातिल से कोई सुराग क्यों नहीं छूटा ? उसने कैसे चान लोगों के कत्ल की इतनी परफेक्ट प्लानिंग की थी। हवेली में 10 और लोगों के होने के बाद भी किसी ने आखिर कातिल का चेहरा कैसे नहीं देखा ?
वो सभी स्टूडेंट आखिर कत्ल का इल्जाम अपने सिर क्यों ले रहे हैं ? डॉक्टर सक्सेना की जब किसी से कोई दुश्मनी सामने नहीं आई है तो फिर किसने और क्यों पूरे परिवार का कत्ल किया है? ऐसे कई सवाल भौमिक के दिमाग में चल रहे थे। इन्हीं सवालों के जवाब तलाशते हुए भौमिक को नींद लग गई और वो सो गया था। सुबह वह जल्दी उठा और तैयार होकर अपने ऑफिस के लिए निकल गया था।
भौमिक के ऑफिस पहुंचने के कुछ ही देर बाद परमार भी विशाल और उसके सभी दोस्तों को साथ लेकर ऑफिस आ गया था। उसने सभी को दूसरे केबिन में बैठा दिया था और फिर वो भौमिक के केबिन में चला गया।
आओ परमार मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था। तुमने उन सभी स्टूडेंट को यहां आने का कह दिया है ना ? भौमिक ने परमार को देखते ही कहा।
सर कह नहीं दिया है उन्हें मैं अपने साथ ही लेकर आया हूं। सभी स्टूडेंट पास वाले केबिन में बैठे हैं।
वैरी गुड परमार। चलो उनसे भी बात कर ही लेते हैं। भौमिक ने अपनी कुर्सी से उठते हुए कहा।
भौमिक और परमार उस केबिन में चले गए जहां विशाल और उसके दोस्त बैठे हुए थे। भौमिक को केबिन में देख सभी उठकर खड़े हो गए और फिर सभी ने एक साथ भौमिक को गुड मॉर्निंग कहा। भौमिक ने भी उनकी गुड मॉर्निंग का जवाब दिया और फिर सभी को बैठने के लिए कहा। सभी वहां रखी कुर्सियों पर बैठ गए थे। भौमिक उन सभी के ठीक सामने खड़ा था।
देखिए मैं आप लोगों से सिर्फ एक ही प्रश्न करना चाहता हूं। पहले भी हम दो बार बात कर चुके हैं। उन दोनों बार आप सभी ने सिर्फ एक ही बात कही थी कि कत्ल आप लोगों ने किया। ठीक है मैं मान लेता हूं कि कातिल आप लोगों में से ही कोई एक है। मुझे बस आप लोगों से इतना जानना है कि आप में से जिस किसी ने भी कत्ल किया है उसने ये कत्ल क्यों किए हैं ? प्रश्न करने के साथ ही भौमिक बारी-बारी से सभी को देख रहा था।
भौमिक के इस तरह से सीधे सवाल करने के बाद विशाल और उसके दोस्तों का रिएक्शन क्या होगा ? क्या वे इस बार कत्ल करने की वजह भौमिक को बताएंगे ? या इस बार भी भौमिक के हाथ खाली ही रहेंगे ? अगर विशाल और उसके दोस्तों से भी कत्ल का कोई सुराग नहीं मिलता है तो फिर भौमिक क्या करेगा ? इन सभी सवालों के जवाब आगे कहानी में मिलेंगे, तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें व फॉलो करना ना भूले।