गलती : द मिस्टेक  भाग 5 prashant sharma ashk द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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गलती : द मिस्टेक  भाग 5

भौमिक के प्रश्न के पूरा होने से पहले ही परमार ने जवाब दिया। नहीं सर उन्हें किसी प्रकार से कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। या तो वे कातिल की नजर में आए ही नहीं थे या फिर कातिल ने जानबूझकर उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।

तो फिर तुमने ऐसा क्यों कहा कि मैं उनके बारे में क्या कहूं ?

सर, जब मैं यहां आया हूं वे सभी एकदम खामोश बैठे हैं। उनसे मैंने बात करने की कोशिश भी की, परंतु आठों के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकला है।

कौन है वो लोग ?

सर देखने से तो सभी कॉलेज स्टूडेंट नजर आ रहे हैं, अच्छे घर से भी नजर आ रहे हैं। राजन का कहना है कि कई कॉलेज स्टूडेंट यहां टि््रप पर आते रहते हैं इनमें से ही ये भी है। परमार ने जवाब दिया।

तो फिर वो लोग कुछ बोल क्यों नहीं रहे हैं ? भौमिक ने फिर से प्रश्न किया।

पता नहीं सर। बस सभी एक साथ है और एकदम खामोश हैं। मैंने तो कई बार उनसे पूछताछ की, परंतु कोई भी कुछ बोल ही नहीं रहा है।

तो क्या वे सभी हत्या के कारण सदमे में हैं ?

मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा है सर। आप ही एक बार उनसे बात करके देख लीजिए। परमार ने भौमिक से कहा।

इसके बाद भौमिक परमार के साथ उन सभी आठ लोगों से मिलने के लिए हवेली के दूसरे कमरे में पहुंच गया था। परमार ने कमरे का दरवाजा खोला और वे दोनों कमरे में चले गए। भौमिक जैसे ही कमरे में पहुंचा तो उसने देखा चार लड़के और चार लड़कियां सोफे और कुर्सियों पर ग्रुप बनाकर बैठे हुए हैं। सभी के चेहरों पर डर साफ नजर आ रहा था। वे सभी आपस में भी नजरें नहीं मिला पा रहे थे। भौमिक जैसे ही उन लोगों के पास पहुंचा तो वो उन्हें देखकर चौंक गया था। भौमिक को इस तरह से चौंकते देख परमार को भी आश्चर्य हुआ और उसने भौमिक से पूछा-

सर क्या हुआ आप इन्हें देखकर चौंक क्यों गए ?

भौमिक ने परमार को देखा और फिर कहा- अरे तुम इस लड़के को नहीं जानते। यह हमारे मंत्री एकनाथ रानाडे का बेटा है। यह लड़की कुणाल मेहता की बेटी है और यह वाला लड़का दुष्यंत शाह का बेटा है। परमार ये सभी तो बड़े घरों से ताल्लुक रखते हैं।

सर यदि ऐसा है तो फिर तो हम इनसे बहुत अधिक पूछताछ नहीं कर पाएंगे।

हां परमार मुझे भी ऐसा ही लगता है।

तो फिर अब क्या करना है सर। परमार ने भौमिक से प्रश्न किया।

फिलहाल तो तुम एक काम करो इन सभी के घर पर फोन कर इन सभी के माता-पिता को मेरे ऑफिस में बुलवा लो। इन सभी को भी मेरे ऑफिस लेकर आओ। इसके साथ ही शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दो।

परमार ने भौमिक की बात पर सिर्फ ओके सर कहा और वहां से जाने लगा। भौमिक अभी वहीं खड़ा था और सभी स्टूडेंट्स को देख रहा था। सभी स्टूडेंट्स अभी नजर नीचे किए हुए डरे सहमे से बैठे हुए थे। तभी भौमिक ने परमार से कहा-

अच्छा सुनो, जो भी डॉक्टर पोस्टमार्टम करे उससे कहना कि रिपोर्ट जितनी जल्दी हो सके हमें भेज दे। या कम से कम शॉर्ट पीएम रिपोर्ट तो दे ही दे।

परमार ने फिर से ओके कहा और वहां से चला गया।

परमार ने बाहर की ओर जाकर कुछ पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए और वह एक बार फिर लाश वाले कमरे में चला गया। कुछ ही देर में भौमिक भी उसी कमरे में आ गया था। तब तक परमार ने एंबूलेंस बुलवा ली थी और हॉस्पिटल के लोग स्ट््रेचर पर शवों को लेकर जा रहे थे। भौमिक ने परमार से फिर से प्रश्न किया-

इनकी कोई पहचान हो पाई है अब तक ?

परमार ने भौमिक के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा- सर अभी तक तो नहीं। वैसे अब इनके सामान की तलाशी लेने वाला हूं। उसमें से कोई पहचान का डॉक्यूमेंट मिल सकता है। इस कमरे में तीन बड़े और चार छोटे बैग है।

ठीक है तुम इनके सामान की तलाशी लो तब तक मैं यहां के नौकर राजन से बात करता हूं।

आखिर विशाल और उसके दोस्त क्यों चुप है ? क्या वाकई उन्हें सदमा लगा है या कोई और कारण है ? क्या वाकई में डॉ. अविनाश और उसके परिवार की हत्या हुई है या ये कोई और हैं ? अगर ये कोई और है तो डॉ. अविनाश और उसका परिवार कहां हैं ? क्या भौमिक कत्ल के संबंध में कोई सुराग तलाश कर पाएगा। क्या राजन उसे कोई ऐसी बात बता पाएंगा जिससे भौमिक कत्ल के कारण या कातिल तक पहुंच सके। इन सवालों के जवाब मिलेंगे अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें।