राजन उनके पास आया और बोला-
राजन ने कार से उतरे आदमी से कहा- जी साहब कहिए मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं।
कार से उतरे आदमी ने रौबदार आवाज में सवाल किया- यह शाह साहब की हवेली ही है ना ?
राजन ने जैसे ही शाह साहब सुना, उसके तेवर कुछ कम हो गए थे। उसने कहा- जी, हां साहब यह शाह साहब की हवेली ही है।
उस आदमी ने अपने कोट की जेब में आया डाला और एक लेटर निकाल कर राजन के हवाले किया। राजन ने पत्र खोला और पढ़ा, उसमें हवेली के मालिक ने लिखा था कि जिन व्यक्ति ने यह खत तुम्हें दिया है, यह हमारे खास मेहमान है। कुछ दिन ये हवेली में ही रहेंगे, इनकी खातिरदारी में कोई कमी ना रहने पाए।
राजन ने खत पढ़कर जेब में रख लिया और सामान उठाकर कार से आए व्यक्ति को हवेली के अंदर ले गया। हवेली में प्रवेश करने वाला यह व्यक्ति कोई साधारण व्यक्ति नहीं था यह शहर के बहुत बड़े हार्ट सर्जन डॉ. अविनाश सक्सेना थे। ये अपने पूरे परिवार के साथ हवेली में कुछ दिन रहने के लिए आ गए थे। उनके परिवार में पत्नी आरती, 12 साल का बेटा आरुष और 8 साल की बेटी भव्या थे। अविनाश सक्सेना अपने परिवार के साथ हवेली में आ जाते हैं। अविनाश सक्सेना वहां विशाल और उसके दोस्तों के देखते हैं, पर वे अपने कमरे की ओर चले जाते हैं।
दूसरी ओर मुंबई के एक शानदार होटल में एक पार्टी चल रही है। यह पार्टी मुंबई पुलिस कमिश्नर अनमोल म्हात्रे की शादी की 25वीं सालगिरह के उपलक्ष्य में आयोजित की गई है। चूंकि मुंबई पुलिस कमिश्नर की पार्टी है तो शहर के कई बड़े और नामी लोग इस पार्टी में शामिल है।
पार्टी में एक अलग ही माहौल बना हुआ है। पुलिस कमिश्नर की पार्टी में राजनेताओं से लेकर सरकारी अधिकारी और बिजनेस मैन से लेकर अभिनेता और अभिनेत्रियां भी शामिल है। बड़े से हॉल में लोगों के अलग-अलग ग्रुप नजर आ रहे हैं। कई राजनीति को लेकर चर्चा हो रही है, तो कही फिल्मी गॉसिप चल रहे हैं। कई मुंबई के अपराध और पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर चर्चा चल रही थी। किसी के हाथ में जाम है तो कोई सॉफ्ट ड्रि्ंक से काम चला रहा है।
हॉल में एक ग्रुप मुंबई के अपराधों को लेकर चर्चा कर रहा था। इस ग्रुप में शहर के टॉप बिजनेस मैन आपस में चर्चा कर रहे थे। जो बिजनेस मैन इस चर्चा में शामिल थे उनमें शहर के सीमेंट किंग कहे जाने वाले रहमत खान, शहर में कई आलीशान होटल्स के मालिक कुणाल मेहता, बिल्डर दुष्यंत शाह और एसीपी मुकेश राणे भी शामिल थे।
चर्चा के दौरान रहमत खान ने कहा- भाई कुछ भी हो कमिश्नर साहब ने जब से मुंबई में चार्ज संभाला है अपराध की घटनाओं में कुछ तो कमी आई है।
हां, बिल्कुल। क्योंकि मुंबई में अंडरवर्ल्ड का कितना बोलबाला रहा है यह बात किसी से छिपी नहीं है। खान की बात का समर्थन करते हुए दुष्यंत शाह ने कहा।
दुष्यंत शाह की बात समाप्त होने पर कुणाल मेहता ने एसीपी मुकेश राणे से कहा- राणे साहब आपके विभाग की बात हो रही है और आप खामोश है, आप भी तो कुछ अपनी राय जाहिर कीजिए।
कुणाल मेहता की बात को बीच काटते हुए एक बार रहमत खान ने कहा- मेहता साहब राणे साहब कुछ नहीं कहेंगे। वहां देखिए खान ने पार्टी के हॉल में दूसरी ओर इशारा करते हुए कहा वो जो शख्स वहां खड़ा है ना असल में वो है क्राइम रेट कम करने का कारण।
खान की बात पर राणे ने कहा- जी खान साहब, ये तो आपने बिल्कुल सही कहा है, जब से भौमिक आया है, पुलिस के काम में गति आ गई है। उसके काम करने का तरीका अलग है, इसलिए बहुत जल्द ही उसने अपनी पहचान बना ली है। आजकल तो जहां देखों उसके ही चर्चे होते हैं। हालांकि मुझे उससे जलन नहीं, बल्कि अच्छा लगता है कि अब लोग पुलिस वालों को इज्जत देते हैं। हमें गर्व हैं कि भौमिक जैसा ऑफिसर भी हमारे पास है।
शाह ने राणे की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- हां राणे साहब यह है तो है। इस लड़के में कुछ तो बात है। मैंने सुना है कि आज तक जितने भी केस इसके हाथ में गए हैं वे कभी अनसॉल्व्ड नहीं रहे हैं।
राणे ने शाह की बात का समर्थन किया और कहा- जी, बिल्कुल शाह साहब। मेरी जानकारी भी यही कहती है कि भौमिक के पास जो केस गया है, उसमें असली अपराधी सलाखों के पीछे गया है। ऐसा कोई केस नहीं है जो भौमिक के पास अधुरा पड़ा हो। अगर कोई होगा भी तो भौमिक उसे सॉल्व करके ही रहेगा, इतना मुझे यकीन है।
इसी बीच एसीपी राणे ने भौमिक को आवाज लगाई और भौमिक उस ग्रुप के पास आकर खड़ा हो गया था। राणे ने उसे पूरे ग्रुप में हो रही चर्चा के बारे में बताया। भौमिक कुछ कहने ही वाला था उसका मोबाइल घनघना उठा। उसने मोबाइल उठाकर हैलो बोला और फोन सुनने लगा। बात सुनते हुए उसका चेहरा गंभीर होता चला गया।
आखिर किसका था फोन ? फोन को सुनते हुए भौमिक गंभीर क्यों हो गया था ? भौमिक को फोन पर क्या किसी अपराध की सूचना मिली थी। भौमिक अब क्या करेगा ? इन सवालों के जवाब मिलेंगे अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें।