गलती : द मिस्टेक  भाग 10 prashant sharma ashk द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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गलती : द मिस्टेक  भाग 10

भौमिक को विशाल और उसके दोस्तों का व्यवहार कुछ समझ नहीं आ रहा था। उसने एक बार फिर सभी से कहा- बच्चों में जानता हूं कि हवेली में जो कुछ हुआ है उसे भुलाना आप सभी के लिए आसान नहीं है। आपको उन बातों को भुलना होगा। चलिए एक काम करते हैं आज हम इस बारे में बात नहीं करते हैं।

इसके बाद उसने परमार को इशारा किया और वो विशाल और उसके दोस्तों को लेकर दूसरे कमरे में चला गया। फिर भौमिक उनके पिता को बुलाता है। मंत्री शितोले, रहमत खान, दुष्यंत शाह, कुणाल महता और बाकि लोगों के परिवार के लोग भौमिक के केबिन में आ जाते हैं।

भौमिक ने उनसे कहा- मुझे लगता है कि हवेली में हुई घटना का बच्चों के दिमाग पर गहरा असर पड़ा हैं। उनका माइंड अभी स्थिर नहीं है। फिलहाल आप उन्हें ले जा सकते हैं। हम दो या तीन दिन बाद उनसे पूछतात करेंगे। आप लोग भी कोशिश करिएगा कि वे हवेली में हुए हादसे से उबर सके। बच्चे हैं, इसलिए शायद कुछ डर गए हैं। हालांकि चार लोगों के कत्ल को देखने के बाद कोई भी सदमें में आ सकता है।

भौमिक की बात सुनने के बाद सभी अपने बच्चों के पास पहुंच जाते हैं। हालांकि अपने परिवार के लोगों को देखने के बाद विशाल और उसके दोस्तों के चेहरे पर कुछ राहत तो नजर आती है, परंतु वे पूरी तरह से सामान्य नजर नहीं आ रहे थे। फिर परिवार के लोग उन्हें लेकर घर चले जाते हैं। सभी के जाने के बाद परमार भौमिक के केबिन में आ जाता है।

भौमिक ने परमार से प्रश्न किया- तुम्हें क्या लगता है परमार बच्चों ने कातिल को देखा है ?

सर मुझे तो लगता है कि इन्होंने देखा है, तभी ये सभी इतने डरे हुए हैं।

भौमिक ने फिर से कहा- अगर इन्होंने कातिल को देखा है तो फिर इनका व्यवहार ऐसा क्यों था। जब उनसे पूछताछ के दौरान मैंने कातिल और कत्ल के बारे में पूछा तो विशाल गुस्से में आ गया था, शेखर ने तो लगभग आपा ही खो दिया था। चारों लड़कियों ने रोना शुरू कर दिया था और मानव और साहिल तो पूरी तरह से गुमसुम हो गए थे। आखिर उनके इस व्यवहार का क्या मतलब हो सकता है ?

सर कहीं ऐसा तो नहीं कि इन्हीं में से किसी ने कत्ल किया हो और अब सब मिलकर कातिल को बचाने की कोशिश कर रहे हो ? परमान ने अंदाजा जताते हुए कहा।

जिस तरह से विशाल को गुस्सा आया और शेखर ने आपा खो दिया था, उससे मुझे भी ऐसा लग रहा है। हो सकता है किसी बात पर इनकी डॉ. अविनाश सक्सेना से बहस हुई और आवेश में विशाल और शेखर ने उनका कत्ल कर दिया हो। फिर सबूत मिटाने या पुलिस को गुमराह करने के लिए बाकि तीन लोगों का भी कत्ल कर दिया हो। भौमिक ने अपने विचार परमार के सामने रखे।

तो फिर अब क्या करेंगे सर ? परमार ने प्रश्न किया।

दो-तीन दिन में इन्हें फिर से पूछताछ के लिए बुलाएंगे, तभी कोई सच सामने आ पाएगा। इस बार सभी से एक साथ नहीं बल्कि अलग-अलग पूछताछ करेंगे, ताकि सच्चाई सामने आ सके। सभी साथ होंगे तो हो सकता है कि सच बयान ना करें, परंतु अकेले में पूछताछ हुई तो हम आसानी से इनसे सच उगलवा सकेंगे।

जी सर। परमार ने सिर्फ अपनी स्वीकृति दी।

भौमिक ने फिर परमार से कहा- वैसे तुमने डॉक्टर से कह दिया है ना कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट जल्द से जल्द चाहिए ?

जी सर मैंने डॉक्टर से कह दिया है। साथ ही यह भी कह दिया है कि शॉर्ट पीएम रिपोर्ट कल तक भेज दे। हमें केस में सहायता कर सकती है। परमार ने जवाब दिया।

वैरी गुड परमार। अब तुम एक काम और करो उस हवेली के मालिक को भी बुला लो, हमें उससे भी यह पता करना होगा कि वो डॉक्टर और उसके परिवार को कैसे जानता था ?

जी, सर मैं उसके बारे में पता लगाकर उसे यहां बुला लेता हूं।

आखिर विशाल और उसके दोस्त क्यों ऐसा व्यवहार कर रहे थे ? क्या भौमिक और परमार का शक सही है ? क्या विशाल और शेखर ने मिलकर ही डॉ. अविनाश सक्सेना और उसके परिवार का कत्ल किया है ? क्या वे सच में हवेली में हुए कत्ल के बारे में कुछ जानते है ? इन सवालों के जवाब मिलेंगे अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें।