परमार के हवेली से रवाना होने के बाद भौमिक फिर से हवेली में जाता है। हवेली को पुलिस ने लगभग सील कर दिया था और फॉरेसिंक टीम और पुलिस के फोटोग्राफर भी अपना काम कर वहां से जा चुके थे; पुलिस के सिर्फ चार जवान हवेली पर तैनात कर दिए गए थे। भौमिक हवेली में गया और एक बार खुद जांच करने के इरादे से पूरी हवेली को देखने लगा।
हवेली के बाद वो उस कमरे में भी गया जहां डॉ. अविनाश सक्सेना और उनकी पत्नी का शव पड़ा था। फिर वो उस कमरे में भी गया, जहां बच्चों के शव थे। वो हर चीज को बहुत गौर से देख रहा था। वो चाह रहा था कि उसे कातिल के संबंध में कोई सुराग मिल जाए, हालांकि उसे कोई सुराग अब तक नहीं मिला था। वो बेड, सोफा, टेबल, किताबे, लैंप, खिड़की, दरवाजे सभी को बहुत गौर से देख रहा था। काफी देर तक वो इस तरह से हवेली में ही रहा, परंतु उसे कत्ल का कारण और कातिल के संबंध में कोई सुराग नहीं मिला था।
फिर वो अपने ऑफिस के लिए रवाना हो गया। गाड़ी चलाते हुए भी उसके दिमाग में हवेली का चित्र ही चल रहा था। उसके मन में बार-बार एक ही प्रश्न उठा रहा था कि आखिर कातिल ने पूरे परिवार की हत्या क्यों की है? वहीं दूसरा प्रश्न यह था कि आखिर कातिल ने उन आठ लोगों को आखिर क्यों छोड़ दिया ? क्या कातिल ने उन आठ लोगों को देखा नहीं था ? ऐसे कई सवाल हवेली से ऑफिस तक के पूरे रास्ते में उसके मन में चलते रहे, जिनका फिलहाल कोई भी जवाब भौमिक को नहीं मिला था।
भौमिक अपने ऑफिस पहुंचा और परमार उसके केबिन में पहुंच गया था। भौमिक ने सबसे पहले कमिश्नर को फोन कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी देने के लिए कमिश्नर को फोन लगाया। कमिश्नर अब भी पार्टी में ही व्यस्त थे। भौमिक का कॉल आते ही वे कुछ लोगों से दूर होकर एकांत में पहुंचे और भौमिक से बात की-
हां भौमिक बताओ क्या मामला है ?
भौमिक ने दूसरी ओर से जवाब दिया- सर हमारे शहर के बहुत बड़े हार्ट सर्जन डॉ. अविनाश सक्सेना और उनके पूरे परिवार का कत्ल हुआ है।
ओह, यह तो बहुत दुखद है। कुछ खास मिला ?
नहीं सर, पर वहां कॉलेज के कुछ स्टूडेंट छुट्टियां मनाने के लिए गए थे। वो सभी फिलहाल मेरे ऑफिस में ही है।
ओके तो एक बार उनसे भी पूछताछ करके देखो, शायद वे कातिल या कत्ल के संबंध में कोई जानकारी दें।
जी, सर बस वहीं करने वाला हूं। पर बात यह है कि उनमें से एक हमारे मंत्री जी का बेटा है और तीन बच्चे बिजनेस मैन रहमत खान, दुष्यंत शाह और कुणाल मेहता के बच्चे हैं।
भौमिक की बात सुनकर कमिश्नर म्हात्रे भी चौंक गए थे। कमिश्नर से दूसरी ओर से भौमिक से कहा- भौमिक यह हाईप्रोफाइल केस है, बड़े लोगों के बच्चे भी इस केस में शामिल है। इसलिए इस केस को बहुत ध्यान से सॉल्व करना होगा। कुछ ऐसा ना हो जिससे डिपार्टमेंट पर उंगलियां उठने लगे। साथ ही यह भी ध्यान रखना कि जितनी जल्दी हो सके यह केस सॉल्व करना है।
भौमिक ने सिर्फ जी सर, कहा।
कमिश्नर ने आगे कहा- एक खास बात का ध्यान रखना भौमिक मीडिया को इस केस के संबंध में जानकारी नहीं मिलना चाहिए। हालांकि मीडिया को पता चल ही जाएगा, पर हम क्या कर रहे हैं, यह जानकारी लीक ना होने पाए, हाई प्रोफाइल केस हैं तो कातिल भी काफी सर्तक होगा, इसलिए मीडिया के माध्यम से उसे जानकारी मिली तो वो फरार भी हो सकता है या हमारे लिए परेशानी पैदा कर सकता है।
जी, सर मैं पूरी तरह से ध्यान रखूंगा।
ओके भौमिक गुड लक एंड ऑल द बेस्ट। बाकि केस से जुड़ी जानकारी मुझे देते रहना।
ओके सर। मुझे लगाता है कि आपकी पार्टी से निकलकर बच्चों के माता-पिता मेरे ऑफिस में आ चुके हैं, मैं अब उनसे बात करता हूं और फिर बच्चों से एक बार बात करूंगा। इतना कहने के साथ ही फोन कट किया और परमार से कहा कि वे मंत्री जी और तीनों बिजनेसमैन को अंदर लेकर आ जाए।
क्या भौमिक को बच्चों के पिता से मिलकर कातिल के संबंध में कोई सुराग मिलेगा ? क्या उन आठ स्टूडेंट्स में से ही किसी ने डॉ. अविनाश सक्सेना और उसके परिवार का कत्ल किया है ? अगर हां तो कारण क्या था ? क्या भौमिक कातिल के बारे में पता लगा पाएगा ? इन सवालों के जवाब मिलेंगे अगले भाग में। तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें।