गलती : द मिस्टेक  भाग 40 prashant sharma ashk द्वारा जासूसी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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गलती : द मिस्टेक  भाग 40

सर हम तीन घंटे से हवेली वही सुराग तलाश कर रहे थे, पर हमें यहां कुछ नहीं मिला है, फिर वो सुराग कहां से आएगा ? परमार ने कहा।

पता नहीं परमार , पर मुझे ऐसा लग रहा है कि हवेली में कुछ तो ऐसा है जो हर बार हमारी नजरों से चूक रहा है। जो हमसे चूक रहा है वही इस केस का सबसे बड़ा सुराग है; अगर वो हमें मिल गया तो फिर कातिल और कत्ल का मकसद दोनों हमारे सामने होंगे। भौमिक ने कहा।

सर कुछ मिलाकर हम छह बार हवेली में छानबीन कर चुके हैं, कोई सुराग होता तो कभी तो हमारे सामने आता। परमार ने कहा।

उस सुराग के लिए मैं छह बार नहीं साठ बार भी हवेली में छानबीन कर सकता हूं। मुझे बस एक सुराग चाहिए परमार। इतने दिन हो गए हैं हम केस में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे हम गोल घूम रहे हैं। हर बार उसी छोर पर आकर खड़े हो जाते हैं जहां से शुरूआत करते हैं। हवेली में चार लोग आते हैं। वे पहले आत्महत्या की कोशिश करते हैं, फिर उनकी हत्या की जाती है। हत्या के समय हवेली में 10 लोग होते हैं। दो को कत्ल की कोई जानकारी नहीं है। आठ कह रहे हैं कि कत्ल उन्होंने किया है।

हमारे सामने आठ संदिग्ध है परमार और हम एक पर आरोप तय नहीं कर पा रहे हैं। आखिर ये केस है क्या ? हत्या ही होनी थी तो आत्महत्या की कोशिश क्यों हुई ? यदि आत्महत्या ही कर रहे थे तो हत्या क्यों हुई ? हत्या करने के बाद कातिल को धरती निगल गई या आसमान खा गया है कि उसका ना तो कोई चेहरा, पहचान कुछ भी सामने नहीं आ रही है। आखिर इस केस की सच्चाई क्या है ? भौमिक ने गुस्से के साथ यह बात कही थी।

सर मुझे भी कुछ समझ नहीं आ रहा है। मैं इस बारे में क्या कह सकता हूं ? परमार ने भी निराशा के साथ कहा।

कोई बात नहीं परमार तुम एक काम करो उन आठ स्टूडेंट को एक बार फिर ऑफिस में बुलाओ। हम एक बार फिर उनसे पूछताछ करेंगे। भौमिक ने कहा।

इसके बाद भौमिक और परमार अपनी कार की ओर बढ़े ही थे कि भौमिक का मोबाइल बज उठा। यह कमिश्नर का कॉल था। भौमिक ने कॉल उठाया और कहा- हैलो सर।

भौमिक मुझे तुमसे ये उम्मीद बिल्कुल नहीं थी। लगभग डेढ़ महीने का समय हो चला है और हवेली वाले चार लोगों की हत्या के मामले में केस बिल्कुल आगे नहीं बढ़ा है। कमिश्नर ने कहा।

सर मैं उसी केस पर काम कर रहा हूं। इस समय भी मैं और परमार हवेली पर ही आए हुए थे। भौमिक ने कहा।

भौमिक मुझे रिजल्ट चाहिए, तुम क्या कर रहे हो और क्या नहीं इससे मुझे मतलब नहीं है। मुझे यह केस सॉल्व चाहिए। मैं तुम्हें ज्यादा से ज्यादा 15 दिन का समय और दे सकता हूं। इस केस को सॉल्व करो। तुम जैसा होनहार ऑफिसर भी एक केस में इतना समय लगाएगा तो फिर काम कैसे होगा भौमिक ? आखिर परेशानी क्या आ रही है तुम्हें ? कमिश्नर ने भौमिक से प्रश्न किया।

सर सच कहूं तो मुझे इस केस को सॉल्व करने के लिए बस एक सुराग की आवश्यकता है। हमने इस केस में अब तक जितनी भी जांच की है हमें इस केस के संबंध में कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। कहने को तो हमारे पास आठ संदिग्ध है, परंतु उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। आठों लोगों का कहना है कि कत्ल उन्होंने किया है, परंतु तब उनसे कत्ल करने का कारण पूछो तो किसी के पास कोई जवाब नहीं होता है। हमने डॉक्टर और उसकी फैमिली का पूरा बैकग्रांउड तलाश किया पर वहां भी कोई दुश्मनी का एंगल नहीं आ रहा है। भौमिक ने अपनी बात कही।

अगर तुम्हें सुराग नहीं मिल रहा है तो क्या इस केस को ऐसे ही छोड़ दें, इंतजार करें कि कातिल खुद चलकर हमारे सामने आए और कहे कि उसने ही हवेली में चार लोगों की हत्या की थी और उसका कारण भी वह खुद ही बताए। कमिश्नर ने गुस्से से भौमिक से कहा।

नो सर, सॉरी। मैं जल्द ही केस को क्लोज कर दूंगा। भौमिक ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए कहा।

अब क्या करेगा भौमिक ? आखिर वो कातिल तक कैसे पहुंचेगा ? क्या इस बार विशाल और उसके दोस्तों से पूछताछ के दौरान भौमिक के हाथ कुछ लगेगा या इस बार भी वे भौमिक को कत्ल के संबंध में कुछ नहीं बताएंगे ? इन सभी सवालों के जवाब आगे कहानी में मिलेंगे, तब तक कहानी से जुड़े रहे, सब्सक्राइब करें और अपनी समीक्षा अवश्य दें व फॉलो करना ना भूले।