निराश चहेरे के साथ फाल्गुनी और अमृता स्टूडियो से बाहर निकलीं।
'हम कब तक इस तरह धक्के खाते रहेंगे, यार? इतना सुंदर होने का क्या फायदा है जो हमें मॉडल बनने में मदद नहीं कर शकता?' फाल्गुनी ने निराश स्वर में कहा।
फाल्गुनी सही कह रही थी, वो और अमृता वाकई बहुत खूबसूरत थीं। स्कूल और कॉलेज के नाटकों में एक सुंदरी की भूमिका निभाते समय पहले दो नाम फाल्गुनी और अमृता के ही लिए जाते थे। वो दोनों रूप की देवी थीं।
जब करियर चुनने की बात आई तो दोनों ने मॉडलिंग में आने का विचार किया। और दोनों अपने गांव को छोड़कर मुंबई आ गए। मुंबई में उन्होंने अलग-अलग स्टूडियो में मॉडलिंग करने की कोशिश की लेकिन कही पर भी उन दोनो को काम नहीं मिला।
'क्या हमें वापस लोट जाना चाहिए?' फाल्गुनी ने पूछा।
'नहीं, क्या पता ये हमारा 101मां हथौड़े का बार हो!'
'क्या एक सौ एक वा हथौड़ा?'
'हाँ, एक सौ एक वा हथौड़ा। क्या तुने वो कहानी नहीं सुनी? एक मूर्तिकार एक पत्थर को सौ बार ठोंकता है लेकिन वह मूर्ति टूटती नहीं है लेकिन जब वह हार मान लेता है तो दूसरा मूर्तिकार पत्थर पर एक (एक सो एक वा) प्रहार करता है तो वो पत्थर टूट जाता है। तो क्या पता हमारी आखरी कोशिश करनी बाकी हो।'
'तुम सही कह रही हो, चलो कुछ कोशिशें और करके देखते है।'
'हाँ, अब मुझे सोने दो। बाकी के बारे में हम कल बात करेंगे।' अमृता ने अपनी आँखें बंद कर लीं और सोने की कोशिश करने लगी।
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'उठ फाल्गुनी, स्टूडियो जाने में देर हो जाएगी? जैसे तैसे तो अपॉइंटमेंट मिली है।'
'हाँ, मैं उठ रही हूँ।' कहकर फल्गुनी अपने बिस्तर पर से उठी।
फाल्गुनी और अमृता दोनों तैयार हो गईं और जल्दी से स्टूडियो पहुंच गईं। दोनों स्टूडियो में अपने बुलाए जाने का इंतजार करने लगी। उन दोनो को एक साथ अंदर बुलाया गया। एक कुर्सी पर करीब इकतीस साल का एक युवक बैठा था।
युवक दोनों को बैठने के लिए कहकर सवाल पूछने लगा। 'एक-एक करके अपना नाम बताओ।'
दोनों ने बारी-बारी से अपना नाम बताया।
कुछ औपचारिक सवाल पूछने के बाद युवक ने कहा, 'तुम दोनों काफी समय से काम की तलाश में हो, तुमको यह जानकर खुशी होगी कि यहां तुम्हे काम मिलने की संभावना है।'
इंटरव्यू के बाद दोनों साथ निकले।
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अमृता का चेहरा उतरा हुआ था।
'फाल्गुनी तुम नहीं समझती कि ये लोग शरीर दिखाने के लिए कह रहे हैं। ऐसा शर्मनाक काम। छी...!' अमृता ने कहा।
'काम में कोई शर्म नहीं है, अमृता! और वैसे भी हमें शुरुआत में समझोता करना पड़ता है।'
'फाल्गुनी ये समझोता नही है, अगर हम कुछ फैंसी कपड़े पहनें तो वो ठीक है, लेकिन सिर्फ टू पीस में...! कैसे...?'
'मैं तैयार हूँ, अमृता, अगर तुम नहीं करना चाहती तो मत करो लेकिन मैं ये काम करूँगी।'
'ठीक है जैसी तेरी मर्जी।' अमृता ने कहा और स्टूडियो से निकल गई।
फाल्गुनी ने नौकरी स्वीकार कर ली, जबकि अमृता नौकरी के खिलाफ थी। अमृता का मानना था कि मॉडलिंग में कुछ एडजस्टमेंट किए जा सकते हैं, लेकिन सिर्फ टू पीस में मॉडलिंग करना अश्लील है। अमृता को ये उसके अपने संस्कारों के खिलाफ लगता था, और इसलिए अमृता ने उस काम को लात मारी थी।'
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रात को फाल्गुनी स्टूडियो से वापस अपने कमरे में आ गई।
फाल्गुनी ने अमृता को पैसे दिखाते हुए कहा। 'बस कुछ फोटो खींचे और दस हजार मिले।'
अमृता कुछ नहीं बोली।
'कल एक और एड के लिए बुलाया है।' फाल्गुनी ने अमृता से कहा।
'एड क्या है?' अमृता ने पूछा।
'एड कंडोम का है!'
'टू पीस में होगा?!'
'अरे ये तो नॉर्मल है, मॉडलिंग इसके बिना मुमकिन नहीं है.'
'संभव नहीं है ऐसा तो मत बोल। मॉडलिंग बिना देह प्रदर्शन के भी होती है।'
'ठीक है, यह संभव होगा, मैं तुमसे नहीं जीत सकती। मुझे नींद आ रही है, मुझे सोने दो।' फल्गुनी ने कहा।
'फाल्गुनी गलत रास्ते पर जा रही है, एक दिन उसे जरूर पछताना पड़ेगा।' अमृता ने सोचा।
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'तुम्हें एक पुरुष मॉडल के साथ एक फोटो खिंचवानी है।'
'मतलब कैसे?'
'मतलब आपको एक आदमी के साथ बिस्तर पर केवल टू पीस में पोज देना है।'
'ठीक है।' कहकर फाल्गुनी पोज देने के लिए तैयार हुई।
फाल्गुनी अब तेजी से इस तरह के विज्ञापनों में मॉडलिंग कर रही थी। इस वजह से अमृता और फल्गूनी के बीच अनबन हो गई थी। पहले फाल्गुनी समय से अपने रूम पर वापस आ जाती थी, लेकिन कुछ दिनों से वो बहोत देर से घर वापस आती थी। कभी कभी तो वो दो-तीन रातों के लिए रूम पर वापस नहीं आती थी। एक दिन फाल्गुनी अपना सारा सामान पैक कर रही थी।
'सामान क्यों पैक कर रही है?' अमृता ने पूछा।
'एड की शूटिंग मनाली में हो रही है। शूटिंग तक वहीं रहना है।' इतना कहकर फाल्गुनी अपना बैग लेकर चली गई।
इस तरफ फाल्गुनी शूटिंग के लिए मनाली गई और दूसरी तरफ अमृता को कहीं नौकरी मिल गई। देश की संस्कृति को प्रदर्शित करने वाली दुल्हन के रूप में अमृता को देश के विभिन्न स्थानों में मॉडलिंग की नौकरी मिली। अमृता को जिस तरह का काम चाहिए था, उसे वैसा ही काम मिल गया और इसलिए अमृता ने बिना एक पल की झिझक के काम स्वीकार कर लिया।
देश के अलग-अलग जगहों पर उस जगह की संस्कृति को प्रदर्शित करती पोशाक में शूटिंग होती थी। अमृता को फाल्गुनी जितना पैसा नहीं मिलता था लेकिन अमृता को यह काम बहुत पसंद आया। उनके काम की हर जगह सराहना होने लगी।
एक दिन फाल्गुनी और अमृता एक साथ कमरे में बैठे थे। दोनों अपने-अपने इंस्टाग्राम अकाउंट में तस्वीरें अपलोड कर रहे थे। अमृता सांस्कृतिक कपड़ों में अपनी तस्वीरें अपलोड कर रही थीं, जबकि फाल्गुनी छोटे कपड़ो में...। अमृता के फॉलोअर्स कम थे जबकि फाल्गुनी के फॉलोअर्स ज्यादा।
फाल्गुनी शॉर्ट ड्रेसेस में अपना वीडियो बना रही थी जिसमें उसके शरीर के सारे कर्व्स दिख रहे थे। वह वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करती थी ताकि उसका ज्यादा से ज्यादा फॉलोअर उसे मिल सके। फाल्गुनी अपने अंग ज्यादा से ज्यादा दिखे उस तरह वीडियो बनाती और अपलोड करती। धीरे-धीरे उनके लाखों फॉलोअर्स हो गए।
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स्टूडियो से लौटते समय अमृता बहुत खुश थी, वह वापस कमरे में जाकर फाल्गुनी को खुशखबरी देना चाहती थी। वह कमरे में गई, फाल्गुनी को देखा और उसे गले से लगा लिया। 'आज मैं बहुत खुश हूं।' अमृता ने कहा।
'क्यू ऐसा क्या हुआ?' फाल्गुनी ने पूछा।
'मुझे रामायण के टीवी सीरियल में सीता के रोल के लिए काम मिला है।' अमृता ने कहा।
अमृता की बातें सुनकर फाल्गुनी खुश नहीं हुई, बल्कि अमृता के सामने अच्छी दिखने के लिए खुश होने का नाटक करने लगी।
उस दिन फाल्गुनी बहुत परेशान थी। वो अपने कमरे में इधर से उधर चक्कर काट ने लगी। कुछ देर बाद उसने अपना फोन उठाया और कॉल लिस्ट के आखिरी नंबर पर कॉल किया। 'मैं तुम्हारी मांग पूरी करने के लिए तैयार हूं। मुझे बस उस आइटम सॉन्ग के लिए लीड रोल चाहिए।'
'ठीक है तो फिर आज आ जाओ।' सामने से उस आदमी ने जवाब दिया।
फाल्गुनी रात को देर से वापस लौटी। वो एक आदमी के साथ कार से बाहर निकली। वो थोड़ा नशे में भी थी। फाल्गुनी ने आज पहली बार नशा किया था।
उसने कमरे में आकर अमृता से नशे की हालत में कहा। 'आज मैं बहुत खुश हूं, मुझे एक आइटम सॉन्ग में काम मिला है।'
फाल्गुनी की बात सुनकर अमृता खुश हो गई। 'अपनी पसंद का काम पाने से ज्यादा खुशी की बात क्या हो सकती है?'
कुछ महीनों बाद, रामायण, जिसमें अमृता ने अभिनय किया था, टीवी पर प्रसारित होने लगी।
अमृता सीता के रोल में परफेक्ट थीं। वह पूरे देश की चहेती बन गईं। लोग उससे प्यार करते थे। अमृता को देखकर लोग उनके पैर छूते थे। लोग उन्हें भगवान की तरह मानने लगे।
दूसरी तरफ फाल्गुनी का अकाउंट बहुत ज्यादा एडल्ट फोटो अपलोड करने की वजह से सोशल मीडिया से बैन होने लगा। पहले फेसबुक फिर इंस्टाग्राम ने उसका अकाउंट बैन किया। एक तरफ फाल्गुनी अपने अकाउंट के बैन होने से परेशान थीं तो दूसरी तरफ एक और खबर ने उनके दुख को चार गुना कर दिया। एक आदमी के साथ सेक्स का आनंद लेते हुए का उसका एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया। सोशल मीडिया पर फाल्गुनी को ट्रोल किया जाने लगा। वो ये सब नहीं सह पाई और एक दिन फाल्गुनी...
एक दिन जब अमृता घर वापस आई तो उसने देखा कि फाल्गुनी फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश कर रही थी। अमृता ने फाल्गुनी को नीचे उतार लिया और फिर उससे ऐसा कदम उठाने का कारण पूछा।
फाल्गुनी ने रोते हुए कहा। 'क्या तूझे याद है जिस दिन तुझे सीता की भूमिका के लिए काम मिली थी?'
'हाँ याद है वो दिन जब हम दोनों को अपनी अपनी पसंद का काम मिला था।'
'उस दिन मैं एक आदमी के साथ देर से घर वापस आई थी। मुझे नौकरी सिर्फ इसलिए मिली क्योंकि मैं उस आदमी के साथ थी। उसने मुझे एक आइटम सॉन्ग में काम देने के बदले में...' इतना कहकर फाल्गुनी रोने लगी। 'वह मुझे एक होटल में ले गया। मैंने अपने पूरे कपड़े उतारे और उसके साथ बिस्तर पर पूरी रात...। मैंने उनकी सारी इच्छाएं पूरी कीं। मुझे लगा कि सिर्फ एक रात में काम मिल जाए तो बहुत अच्छा है। लेकिन उसने चुपके से मेरा वीडियो बना लिया। उसने मुझे एक आइटम सॉन्ग में काम दिया। लेकिन बाद में वो मुझे वो वीडियो दिखा कर उसके साथ शारीरिक संबंध बांधने के लिए मजबूर करने लगा। पहले तो मैं उसकी बात मानती रही लेकिन बाद में जब मेने उसे शारीरिक संबंध बनाने का मना किया तो उसने मुझे काम देना बंद कर दिया। उसने इंडस्ट्री में भी सब को मुझे काम देने के लिए मना कर दिया। और उस दिन के बाद से मुझे कोई काम नहीं देता। इतना कम था कि उसने मेरा वो वीडियो भी इंटरनेट पर अपलोड कर दिया।' यह कहकर फाल्गुनी रो पड़ी।
फाल्गुनी की बातें सुनकर अमृता सन्न रह गई। सिर्फ काम पाने के लिए तुमने...? इसलिए मैं तुमको मना करती थी। जीवन में जो शॉर्टकट लगते हैं, वास्तव में वही सबसे लंबे रास्ते होते हैं। जो कुछ हुआ अब उसे भूल जाओ और एक नई जिंदगी की शुरुआत करो.'
'लेकिन कैसे? क्या मुझे कोई काम मिलेगा?'
'मैं तुम्हे काम दिलवाने की कोशिश करूंगा, तुम्हें जरूर काम मिल जाएगा। वैसे भी तुम मुझसे ज्यादा टैलेंटेड हो। बस तुम गलती से दूसरे रास्ते पर चढ़ गई थी। '
'और लोग क्या कहेंगे?'
'लोगो की चिंता मत कर, लोग सब कुछ भूल जाते हैं। कुछ महीनो बीत जाने के बाद उन्हें याद भी नहीं रहेगा कि तेरा कोई वीडियो भी वायरल हुआ था। और सबसे बड़ी बात ये कि तुझे अपनी गलती का एहसास हो गया। डाकू रत्नाकर से ऋषि वाल्मीकि का जन्म अपनी गलती को स्वीकार करने के बाद ही हुआ था। आज लोग डाकू रत्नाकर को नहीं, वाल्मीकि ऋषि को याद करते हैं।
'और जिसने मेरे साथ रात बिताई थी वो...?'
'उसे तो में जेल भिजवाऊंगी। किसी फ्रेशर को काम की लालच ऑफर देकर उसका शोषण करना अपराध है। जाने उसने तुम जैसी और कितनी लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद की होगी.' अमृता ने कहा।
अमृता की बातें सुनकर फाल्गुनी ने उन्हें गले से लगा लिया। 'सॉरी अमृता, मुझे तुम पर विश्वास नहीं हुआ, इसलिए मेरे साथ ऐसा हुआ। और थैंक यू अमृता, मुझे सपोर्ट करने के लिए। तुम नहीं तो आज मैं...' फाल्गुनी ने अगला वाक्य अधूरा छोड़ दिया।
'अरे पागल मत रो। आओ, अपने आंसू पोछो। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हुंगा।'
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अमृता ने उस शख्स को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए अपने नाम का इस्तेमाल किया।
अमृता की वजह से फाल्गुनी को एक और टीवी सीरियल में भी काम मिल गया। अब फाल्गुनी एक्टिंग एड या कोई और काम स्वीकार नहीं करतीं। वह अब किसी भी ऐसे काम को स्वीकार नहीं करती है जिससे उसे पछतावा हो।
अमृता और फाल्गुनी मिलकर एक ऐसा संगठन शुरू करती हैं जो मॉडलिंग में नई महिलाओं के शोषण को रोकता है। और उन्हें काम करने में मदद करता है।
- प्रवीण राजपूत 'कन्हाई'
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