My Soul Lady - 47 Iffat fatma द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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My Soul Lady - 47

क्या यह तुम हो पर कैसे आर्यन ने थोड़ा हैरानी से कहा….


हां पापा मैं बस आपको ही सुनाई दे रहा हूं बाकी किसी को नहीं क्योंकि यह मुझ पर डिपेंड करता है कि मैं किसे खुद को सुनने दु , आप मम्मा की सुन तो रहे नहीं थे तो मुझे ही आपको जगाना पड़ा उस बच्चे ने कहा जो इस वक्त सारा के पेट के अंदर था…..




उसकी बात सुनकर आर्यन ने गुस्से में कहा , , सारा ने क्या कहा तुम्हें तुमने सुना नहीं वह तुमसे नफरत करती है तुम्हारी मां तुमसे बहुत ज्यादा नफरत करती है क्योंकि उनके हिसाब से तुमने उसकी जिंदगी खराब कर दी है…..




मम्मा कहां गलत है पापा आप तो उन्हें वैसे भी मारने के लिए ही लाए हो मैं आपको मिल जाऊंगा तो आप मम्मा को मार दोगे , अगर आप उनसे प्यार करते तो मम्मा आज कितना खुश होती मेरे आने पर उस बच्चे ने उदास मन से कहा




लेकिन मैं आर्यन ओबरॉय हूं और मुझ जैसे वैंपायर को प्यार करने की इच्छा नहीं और ना ही मुझे प्यार से कोई लेना-देना है सारा तो बस मेरे राजा बनने की सीढी है उससे ज्यादा कुछ नहीं आर्यन ने कहा और वहां से चला गया , , ,



कोई नहीं आपको मम्मा से प्यार मैं करवाऊंगा पापा आपका सारांग….. तब तक मम्मा को थोड़ी रेस्ट की जरूरत है उसका इतना कहना था कि सारा अचानक से ही सो गई , , ,



अखिल के रूम में , , , , ,



सना ने समय को रोक रखा था और वही बेड पर बैठी एक सोच में गुम थी, , , , अब मैं क्या करूं घर में तो आ गई हूं इस लंगूर को भी मैं संभाल लूंगी लेकिन दी को यहां से लेकर तू नहीं जा सकती क्योंकि मेरा यहां रहना जो जरूरी है तू जिसके लिए दी को भी मैं अपने पास यही रखने वाली हूं जिससे वह सेफ रहे , , , , सना सोचते सोचते ही बेड पर से उठी और क्लोजेट में जाकर अपने कपड़े बदलने लगी , , , और तब उसने अखिल को रिलीज किया और अखिल उसे ही ढूंढता रहा तभी सना क्लोजेट से बाहर आई उसने डार्क ब्लू कलर के साड़ी पहन रखी थी और साथ ही सर पर सिंदूर और गले में मंगलसूत्र इससे ज्यादा तो उसने कुछ भी नहीं किया था लेकिन फिर भी अगर आज उसे कोई देख लेता तो सच में अपना दिल हार जाता और यही हो रहा था अखिल के साथ क्योंकि वैंपायरों की आखिरकार दो ही तो कमजोरी होती है एक खून और दूसरा किसी खूबसूरत लड़की का हुस्न और आज तो अखिल उसी खूबसूरती पर फिदा हो रहा था…….




यह क्या कर रहा है अखिल तू इस तरह बहक नहीं सकता वह तेरी और तेरे परिवार की दुश्मन है उसने अपनी आंखें सना से फेरते हुए कहा




पर कैसे करूं कंट्रोल जब तक यह ऐसे ही घूमती रहेगी मेरे सामने अखिल ने मन में खुद को बोला , , ,




पर उसे नहीं पता था कोई है जो उसके मन की बातों को सुनकर मजे ले रही थी आखिरकार सना ने अखिल के मन की हर बात जो सुन ली थी…. तभी वह चलकर उसके पास गई और उसने उसे और चिढ़ाने के लिए अखिल के शरीर पर हाथ चलाने लगी जिससे वह अपना कंट्रोल खो वैंपायर बन रहा था और तभी देखते ही देखते उसकी आंखें लाल हो गई और उसने सना को कमर से पकड़ दीवार से सटा दिया और उसके हाथों को उसके सर के ऊपर अपने एक हाथ से लॉक कर दिया जिससे सना अपनी शक्ति का यूज़ भी नहीं कर पा रही थी और अखिल ने उसके होठों को अपने होठों से दबा दिया और सना को वाइल्डली किस करने लगा वह जितना उससे छूटने की कोशिश करती अखिल और मजबूती से उसे दीवार में प्रेस करता और उतना ही वाइल्डली उसे बाइट करता……..




और कुछ समय बाद जब उसे लगा कि सना को सांस लेने में प्रॉब्लम हो रही है तो उसने सना के होठों को छोड़ उसकी गर्दन पर किस करने लगा और अब सना के पास यही एक मौका मिला था जब अखिल की पकड़ उससे छूट गई थी जिससे सना ने तुरंत ही टाइम को स्टॉप कर दिया और अखिल से दूर होकर गुस्से में उसके वैंपायर रूप को देखने लगा जो इस वक्त काफी ज्यादा खतरनाक लग रहा था…..




क्या कर दिया था मैंने आज बेकार में इसके हवस की आग को हवा दे दी आज मैं ही शिकार बन जाती सना ने जोर-जोर से सांस लेते हुए कहा और तभी उसके आंखों से आंसू निकले और उनसे आवाज आने लगी , , , महारानी पीड़ा के आंसू क्यों बहा रही हैं यह जानते हुए कि यह कितने मायावी हैं अगर ज्यादा बह गए तो आपके लिए किसी की जान भी ले सकते हैं और अपनी मायावी शक्ति से कुछ भी कर सकते हैं , , , उस आवाज को सुनकर सना ने जल्दी से अपने आंसू पौंछे और बोली , तो क्या करूं मैं भले मैं इंसान नहीं पर मेरी फीलिंग और मेरा प्यार तू बिल्कुल सही है ना और आज मुझे ऐसा लगा जैसे मैं रूद्र से और दूर जा रही हूं जिसको सोचने भर से मैं डर जाती हूं…….




सना ने कहा और उसने वापस से समय को ठीक किया और जिससे अखिल को थोड़ा आश्चर्य लगा क्योंकि अब तक सना ने दो बार उसके साथ मैजिक किया था जिससे अखिल उलझन में था और तब जाकर उसकी नजर खुद पर पड़ी जिससे उसे एहसास हुआ कि वह अभी क्या कर रहा था फिर उसने पीछे पलट कर सना को देखा जो अपने आंखों में आंसू लिए खड़ी थी सना को देख अखिल को थोड़ा बुरा लगा और उसने कहा , , , ,shit तू हर बार कहता है अखिल की तो इससे नफरत करता है तो आखिर फिर आज तूने यह क्या किया इसके साथ अखिल ने अपने सर को पकड़ते हुए खुद को नॉर्मल करते हुए सना के पास गया और उसके कंधे को पकड़ते हुए कहा , , , , मुझे माफ कर दो मैं सच में यह सब नहीं करना चाहता था लेकिन तुम मेरे सामने ऐसी आ गई तो मैं खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाया…..




उसकी बात सुनकर सना ने उसका हाथ अपने ऊपर से झटक दिया और उससे दूर होकर खड़ी हो गई , , , तुम क्या समझते हो खुद को मैं तो बस अपने दिल को बचाने के लिए तुम जैसे वैंपायर से शादी करें यहा आ गई थी लेकिन मुझे नहीं पता था कि तुम मेरे साथ ऐसा कुछ करोगे अखिल….. दूर रहना आज से मुझसे , सना गुस्से से यह सब बोल वहां से बाहर चली गई और अखिल उसे जाता देखता रहा…..




बाहर जाते ही सना ने खुद से कहा मैं यहां तब तक ही टिक सकती हूं जब तक मैं इस अखिल को संभाल सकती हूं , क्योंकि अब यह मेरा पति है और अब यह जरूरी है की कुछ दिनों तक यह मेरे आस-पास भी ना भटके और मैं अपना काम आसानी से कर सकु….. बस थोड़ा अब अच्छी बहू भी बनना होगा आखिरकार उन्हें इतनी मेहनत से जो इस शादी के लिए राजी किया था , , ,