My Soul Lady - 37 Iffat fatma द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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My Soul Lady - 37

सना और वेदांश ने स्वाति को हॉस्पिटल में एडमिट करवाया , और वह दोनों operation theatre के बाहर चक्कर काट रहे थे और सना काफी ज्यादा परेशान थी उसके मन में कई सारे सवाल आ रहे थे उसने मन ही मन में खुद से कहा , , , स्वाति की यह हालत किसने की ? उसकी हालत देखकर यह तो मुझे यकीन हो गया है मायावन में कुछ तो हुआ है उसके साथ , , ,




लेकिन आखिर वह कौन था ? जिसका सामना वह मेरी शक्तियों के साथ भी नहीं कर पाई और उसने स्वाति का यह हाल कर दिया , , इसका मतलब वह चीज भी अब चोरी हो गई होगी मतलब यह बात चारों तरफ फैल चुकी है कि मैं इस दुनिया में हूं मुझे जल्द से जल्द उस कीमती चीज को ढूंढना होगा वरना पता नहीं क्या अनर्थ हो जाएगा , , ,







सना यह सब सोच ही रही थी कि तभी वेदांश ने अपना हाथ सना के कंधे पर रखा और उदास होते हुए उससे कहा , , आई एम सॉरी सना , मुझे वह सब बातें स्वाति से उस हालत में नहीं करनी चाहिए थी लेकिन उस वक्त मैं बर्दाश्त नहीं कर पाया जब मैंने उससे उस हालत में देखा तो मुझे मेरे अंदर एक दर्द सा महसूस हुआ और मै ना चाहते हुए भी अपने दिल की बात उससे कह दी , , ,




तभी सना उसकी तरफ घूमती है और उस से कहती है , , नहीं वेदांश इसमें सॉरी कहने की कोई बात नहीं है because human can't control their feeling and after all it was a feeling of love , , अरे अपने प्यार को अपने सामने मरते हुए देखना इससे ज्यादा खौफनाक कुछ नहीं है मैं समझ सकती हूं कि तुम पर क्या बीत रही होगी स्वाति को इस हाल में देखकर , ,




तभी अचानक से वेदांश सना से कहते हैं तुम समझ सकती हो वह कैसे तुम्हें तो आज तक किसी से प्यार नहीं किया सना वेदांश के इस सवाल पर मन में खुद को डांटते हुए कहती है , कितनी बड़ी बेवकूफ है तू तुझे पता है ना इस लड़के को बाल की खाल उतारने की आदत है तो अब क्या बोलेगी , , तभी सना कुछ सोचते हुए , , उससे कहती है वह मैंने अपने मॉम डैड को खोया है ना तुम्हें समझ सकती हूं कि अपने लव्ड वन को खोना क्या होता है ?




तभी कुछ सोचते हुए सना वेदांश से कहती है , , एक काम करो तुम थोड़ी देर यहीं बैठो मैं 5 मिनट में आती हूं तभी वेदांश सना से कहता है , , कहां जा रही हो तुम ? सभी सना घबराते हुए उससे कहती है , , वह मैं तुम्हें आकर बताती हूं तुम अभी यहीं बैठा हूं मैं थोड़ी देर में आती हूं इतना बोल कर सना झट से वहां से चली जाती है और जाते हुए मन में खुद से कहती है , , अभी तो फिलहाल मुझे यहां से जाना ही होगा क्योंकि मुझे स्वाति को बचाना है और यह जानना है कि मायाबन में क्या हुआ था , , , , डॉक्टर का तो पता नहीं लेकिन मैं अपनी मंत्रों की शक्ति से उसे जरूर बचा सकती हूँ इसी तरह सना खुद से ही बातें करते हुए वहां से चली जाती है । । ।


विला में , , ,

आर्यन जब कमरे के अंदर पहुंचा था तो वह अंदर का नजारा देखकर हैरान ही रह गया था क्योंकि वह कमरा पूरी तरह से खाली था अंदर सारा नहीं थी और उसके कपड़े अभी भी फर्श पर गिरे हुए थे रूम का हाल बिल्कुल वैसा ही था जैसा आर्यन रात को छोड़ कर गया था लेकिन बस वहां सारा नहीं थी सारा को वहां ना पाकर आर्यन गुस्से से पागल हुआ जा रहा था , , तभी वह चिल्लाते हुए अपने बॉडीगार्ड्स को आवाज देता है उसकी आवाज देने भर से ही बोलो डरते हुए अंदर आ जाते हैं और आर्यन के सामने सर झुका कर खड़े हो जाते हैं तभी आर्यन गुस्से में उनसे कहता है क्या तुम लोगों ने मैडम को बाहर देखा जाते हुए , , ,





तभी एक गार्ड डरते हुए आर्यन से कहते हैं नौसर हमने नहीं देखा मैम को और मैंम भी घर से बाहर नहीं गई है क्योंकि पूरी रात पूरा दिन हम बाहर ही खड़े थे । तभी आर्यन उस गार्ड के करीब जाता है , , और गुस्से में उसी कलर पकड़ते हुए से चीख कर कहता है , , अगर वह बाहर नहीं गई तो क्या उसे जमीन खा गई या आसमान निगल गया , कहां गई वो ?




तभी वह गार्ड डरते हुए आर्यन से कहता है सर मुझे नहीं पता कि मैम कहां गई है लेकिन मैंम मेन गेट से बाहर नहीं गई है , क्योंकि हम सब वहीं खड़े थे तभी आर्यन गुस्से में उस कार्ड को नीचे पटक देता है और खुद से कहता है आखिरकार की यह लड़की गई कहां और वह यहां से भागी तो भागी कैसे ? सभी आर्यन गुस्से में वहां से निकल जाता है और अपने डैड फोन कर उन्हें यह सारी बात बता देता है तभी उसके डैड उसे कहते हैं बेटा उसे जल्दी ढूंढो क्योंकि मैंने बस तुम्हें उसे आजाद करने को कहा था ?





कि अगर वह तुम्हारे साथ ना भी रहे तो हम उस पर नजर रख सके लेकिन फिलहाल तो पूरी तरह से गायब हो चुकी है और यह हमारे लिए और भी ज्यादा खतरनाक है तो जल्द से जल्द ढूंढो से , , तभी आर्यन उनसे कहता है yes Dad मैं उसे जल्दी ढूंढ लूंगा आखिरकार वह मेरा शिकार है मैं उसे इतनी आसानी से आजाद नहीं होने दूंगा ?




वहीं दूसरी तरफ सना जंगल में ध्यान कर रही थी और लगातार कुछ मंत्र पढ़े जा रही थी , , जिस तरह उसके पढ़े हुए मंत्र पूरे जंगल में गूंज रहे थे वैसे ही सना के आसपास सफेद रोशनी जमा हो रही थी उजाला होने की वजह से वह रोशनी थोड़ी धीमी थी लेकिन फिर भी सूरज की रोशनी में भी वह काफी ज्यादा चमक रही थी जैसे-जैसे सना उस मंत्र को पढ़े जा रही थी वह रोशनी सना के चारों तरफ बढ़ते ही जा रही थी और कुछ ही मिनटों में सना पूरी तरह से उस रोशनी के अंदर गायब हो जाती है लेकिन उसके मंत्र अभी भी पूरे जंगल में गूंज रहे थे , , , ,





जैसे-जैसे सना के मंत्र की आवाज पूरे जंगल को घेर रही थी , , मौसम भी पूरी तरह से बदलने लगा था जहां इस वक्त धूप थी अब वहां चारों तरफ बादल ही बादल थे और वह भी ऐसे काले बादल इसे देखकर ऐसा लग रहा था कि वह सारे बादलों को सना ने ही वहां बुलाया है और जैसे ही चारों तरफ काले बादलों ने अपनी जगह बना ली एक जोरदार बिजली कड़की , , ,





जिसके साथ सना के आसपास जमा हुई सफेद रोशनी पूरी तरह से चमकने लगी और पूरे जंगल में फैल गई रब अंधेरा होने की वजह से सफेद रोशनी और भी ज्यादा चमक रही थी और देखते ही देखते वह रोशनी पूरे जंगल में फैल गई और तभी एक बहुत ही प्यारी आवाज सना के कानों में पड़ी , , उठो माया मैं आ गई तुम्हें क्या चाहिए , आज फिर इतने सालों बाद तुमने मुझे क्यों जगाया तभी सना अपनी आंखें खोलती है और एक कठोर स्वर में उससे कहती है ,, , , मुझे तुम्हें यह बताने की जरूरत नहीं है कि मैंने तुम्हें क्यों जगाया है क्योंकि मुझे पता है कि तुम्हें यह बात पता है कि मेरा तुम्हें जगाने का क्या कारण है नेत्रा , , ,





तभी वो नेत्रा मुस्कुराते हुए सना को देखती है और उससे कहती है तुम अब भी नहीं बदली तुम्हें अब तक लोगों से बात करना नहीं आया आज भी तुम पहले की तरह नकचड़ी हो ।
तभी सना गुस्से में उससे कहती है यह सब बातें हम किसी और दिन करेंगे पहले तुम स्वाति को ठीक करो क्योंकि तुम्हें तो पता ही है कि उसके साथ क्या हुआ है ?





यह सुनते ही नेत्रा की मुस्कुराहट उदासियां बदल जाती है और उदास होते हुए सना से कहती है हां माया मुझे पता है कि स्वाति के साथ क्या हुआ है और काश में तुम्हें यह बता पाती यह क्या मैं तो तुम्हें हर बात बताना चाहती हूं हर बात कि तुम उसे कहा ढूंढ सकती हो और आखिरकार स्वाति के साथ मायाबन में क्या हुआ ? और यह भी कि अभी तुम्हारी बहन सारा के साथ क्या-क्या हो रहा है ? लेकिन तुम जानती हो कि मेरा तुम्हें कुछ ना बताना क्यों जरूरी है ?




तभी सना उदास होते हुए से कहती है , , हां मुझे पता है कि तुम चाह कर भी हो यह कुछ नहीं बता सकती लेकिन तुम स्वाति को ठीक जरूर कर सकती हो तो प्लीज तुम से ठीक कर दो क्योंकि यह बहुत ही ज्यादा जरूरी है मेरे लिए भी और किसी और के लिए भी , , तभी नेत्रा उससे कहती है मुझे पता है कि तुम्हें कितने भारी मन से कह रही हो पर कोई नहीं मैं स्वाति को ठीक कर दूंगी ,





लेकिन मुझे तुमसे एक बात जरूर कहनी है , , " Maya जरूरी नहीं है कि तुम्हें वह चीज हर बार मिल जाए जो तुम्हें चाहिए " , , " कभी-कभी आंखों की जगह दिल की भी सुननी चाहिए , क्योंकि एक पल को आंखें धोखा दे सकती है लेकिन वह दिल नहीं जो हमेशा से किसी एक के लिए धड़कता है " " और हां मैंने जो तुम्हें कहा है एक बार उस चीज को सोचना जरूर इतना बोलते ही नेत्रा वहां से गायब हो जाती है और सना वहीं बैठी उसके बातो को सोचने लगती है । ।




क्योंकि नेत्रा ने सही कहा था , , सना सच में परेशान थी क्योंकि वह यह तो समझ गई थी की वेदांश स्वाति को बेहद प्यार करता है लेकिन उसे कहीं ना कहीं यह शंका थी कि कहीं जिसे वह ढूंढ रही है वह वेदांश तो नहीं , , क्योंकि अगर ऐसा हो जाता तू सना अपनी सबसे कीमती चीज खो देती , ,